सीहोर। आज कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में संभाग आयुक्त श्री कविन्द्र कियावत द्वारा समस्त राजस्व अधिकारियों की उपस्थिति में जिलास्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई।
“कोटवार संस्था को सशक्त किया जाये”
श्री कियावत ने कोटवार संस्था का सशक्तिकरण करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया। उन्होने कहा कि कोटवार आपके लिए एक अच्छे सूचना प्रदाता हैं जो कि आपको गांव में चल रही गतिविधियों के विषय में विस्तृत जानकारी उपलब्ध करा सकते हैं।
कोटवारों को मजबूत करना हमारी पहली प्राथमिकता होना चाहिए। कोटवारों को साइकिल उपलब्ध कराई जाये, उनकी डयूटी लगाई जाये, उन्हें पूरी वर्दी प्रदाय की जाये, उन्हें पंचायत ऑफिस में बैठाया जाये एवं मुनादी करने के लिए माईक एवं डुगडुगी की व्यवस्था की जाये। समस्त कोटवारों की सूची उनके संपर्क नंबंरों सहित संधारित की जाये। उनके शारिरिक अभ्यास एवं फिटनेस के लिए उपाय किये जायें। कोटवारों के रिक्त पदों को भरा जाये एवं जो कोटवार वृद्ध हो गये हैं या कार्य करने में असमर्थ हैं उनके स्थान पर उनके पुत्र को नियुक्त किया जाये। उन्हें प्रशिक्षित किया जाये राजस्व कार्यो एवं अन्य शासकीय कार्यो में उन्हें संलग्न किया जाये।
“पटवारी संस्था की सक्रियता पर चर्चा”
श्री कियावत ने पटवारी संस्था की सक्रियता पर भी विस्तृत चर्चा की एवं निर्देशित किया कि पटवारियों को सप्ताह के 2 दिन मुख्यालय पर ही रहना है। सभी शासकीय विभागों के द्वारा धारित भूमि का राजस्व अभिलेखों में अंकन एवं आवंटन कार्यवाही शीघ्र सुनिश्चित करें। खाते की भूमियों में निर्मित/अव्यवस्थित संपत्ति को दर्ज किया जाये। निर्देशों का पालन, सत्यापन की लगातार समीक्षा की जाये। बी-1 वाचन एवं अभिलेख अद्यतन की कार्यवाही सुनिश्चित की जाये। बंटवारा प्रकरणों का निराकरण समय सीमा में पूर्ण किया जाये। साप्ताहिक बैठक राजस्व प्रतिवेदन/ नोटिस तामीली अन्य प्रगति की समीक्षा सत्यापन, निर्देश एवं प्रशिक्षण, किया जाये। इसी के साथ क्षमता उन्नयन पर भी लगातार कार्य किया जाये। समस्त मार्गों को राजस्व अभिलेख में दर्ज किया जाये। इसी के साथ उन्होने निर्देशित किया कि अपर कलेक्टर सभी अनुविभागीय अधिकारी/ तहसील कार्यालय का समय-समय पर निरीक्षण एवं समीक्षा करें। अनुविभागीय अधिकारी द्वारा तहसीलदार,नायब तहसीलदार कार्यालय का निरीक्षण एवं समीक्षा नियमित रूप से की जाये। तहसीलदार द्वारा नायब तहसीलदार/ राजस्व निरीक्षक के कार्यो की समीक्षा की जाये। नायब तहसीलदार एवं राजस्व निरीक्षक पटवारी के कार्यो का निरीक्षण एवं समीक्षा करें।
“राजस्व कार्यालयों का गरिमा के अनुरूप सुदृरीकरण”
अपने क्षेत्र के राजस्व कार्यालय के लिए सभी व्यवस्थाऐं जैसे फर्नीचर, पुताई, पर्दे, आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करने एवं समान रंग का उपयोग कर सुसज्जित करने के निर्देश संभागआयुक्त ने बैठक में दिये । कार्यालय परिसर में अनुकूल एवं सुविधाजनक वातावरण रखा जाये। नाम पटिटका एवं सार्वजनिक सूचना सुविधाओं का प्रदर्शन अच्छे बेनरों का उपयोग कर करायें।
“राजस्व मामलों का निराकरण समय सीमा में करें”
श्री कियावत द्वारा निर्देश दिये गये कि राजस्व मामलों का निराकरण करने में कार्यालयीन कार्यो को नियमित रूप से करें, पुराने प्रकरणों को प्राथमिकता से निराकृत करें, आरसीएमएस पर सतर्कता से कार्य करें, प्रकरणों के निराकरण में गति लायें।
समय सीमा में प्रकरणों का निराकरण, संधारित अभिलेखों की समीक्षा, पुराने एवं निराकृत प्रकरणों को अभिलेखागार में जामा कराये, साप्ताहिक पटवारी बैठक को राजस्व प्रकरणों के त्वरित निराकरण का माध्यम बनायें। रिकॉर्ड प्रबंधन के बारे में उन्होने कहा कि तहसील स्तर पर न्यायालय/ कार्यालय के रिकॉर्ड को रिकार्ड रूम/जिला अभिलेखागार भिजवायें। जमा अभिलेखों को व्यवस्थित स्वरूप में करवाकर रिकार्ड रूम में रखें।
राजस्व अधिकारी निरंतर जनता के बीच जाकर समस्याओं का निराकरण करें
श्री कियावत ने समस्त राजस्व अधिकारियों एवं कर्मचारियों को निर्देश दिये कि सभी विभागों की जानकारी रखें। चौपाल या बरामदे में जनता के बीच में जाकर समस्या देखें- राशन, पेयजल, विद्युत सेवाऐं, टीकाकरण, समस्याऐं आने पर सिस्टम को ठीक करें। गांव में रात्रि विश्राम कर ग्रामीणों की समस्या को सुनें एवं निराकरण करें। ग्राम पंचायत एवं ग्राम स्तरीय अमले की सक्रियता को देखें। संस्थाओं स्कूल, आंगनबाडी, उचित मूल्य की दुकान, उपस्वास्थ्य केन्द्र अदि का निरीक्षण करें।
“अवैध कॉलोनियों को चिन्हांकित कर कार्यवाही करें”
अवैध कॉलोनियों को चिन्हांकित कर उन पर एफ.आई.आर. की कार्यवाही की जाये ।
ग्राम आबादी सर्वे को समय सीमा में पूर्ण करें। नजूल भूमि नवीनीकरण की कार्यवाही की जाये, छोटे-छोटे भूखण्ड चिन्हांकित कर निस्तारीकरण की प्रक्रिया प्रारंभ करें।भूखण्ड आवंटन की प्रक्रिया पूर्ण रूप से पारदर्शी हो इसका ध्यान रखा जाये। सीएम हेल्पलाईन के प्रकरणों का निराकरण समय सीमा में किया जाये एवं जनप्रतिनिधियों के साथ समन्वय बनाकर त्रैमासिक बैठक की जाये जिसमें विभाग द्वारा किये कार्यो का प्रस्तुतिकरण भी करें।
राजस्व के समस्त अधिकारि एवं कर्मचारियों को राजस्व वृद्धि की ओर विशेष ध्यान देते हुए सकारात्मक प्रयास करने चाहिए। बैठक में अपर आयुक्त श्रीमती संजू कुमारी, कलेक्टर श्री अजय गुप्ता, अपर कलेक्टर श्रीमती गुंचा सनोबर एवं समस्त राजस्व अधिकारी उपस्थित थे।