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आष्टा। तीन दिनों से लगातार ठंड का कहर बढ़ता ही जा रहा है,कल जितनी ठंड थी,आज भी उतनी ही कड़ाके की ठंड पड़ रही है। रात्रि 8 बजे बाद नगर के बाजार लगभग बन्द हो गये,सड़के सुनसान नजर आने लगी गर्मागर्म कड़क अदरक की चाय वालो की,गरम जलेबी वालो की दुकान पर जरूर लोग स्वाद चखते नजर आये। नगर में आज भी नपा ने कही भी अलाव नही जलवाये,आज पत्रकारो ने शाम को सीएमओ साहब से इस बारे में बात की उनका जवाब था,एसडीएम सर की स्वीकृति मिलते ही अलावा जलवाये जाएंगे।

सीएमओ साहब की यह बात कुछ समझ मे नही आई.! आज भी नगर के विभिन्न चौराहो पर नागरिको को कड़ाके की ठंड से राहत पाने के लिये इधर उधर से जुगाड़ कर लकड़ियां,पन्नी आदि जमा कर अलाव तापते देखा गया। कड़ाके की ठंड के कारण गर्म ऊनि कपड़ो के व्यापारियों के यहा ऐसा लग ही नही रह है की कोरोना के कारण कही मंदी चल रही है।

इस कड़ाके की ठंड में आम नागरिक तो परेशान है ही लेकिन सबसे ज्यादा परेशान यत्र तत्र सड़को पर घूमने वाले जानवरो की भी बहुत ही बुरी स्तिथि है। नगर में जहां कही अलाव जलता दिखता है ये बेचारी ठंड से परेशान मवेशी वहा पहुच कर अलाव के आस पास खड़ी हो जाती है।

“राहत के लिये समाज सेवी आये आगे”

कड़ाके की ठंड से कोई भी परेशान ना हो इसके लिए श्री आदि जिन युवक चेरि टेबल ट्रस्ट मुम्बई के मार्गदर्शन में एनिबोडी केन हेल्प मुम्बई के द्वारा आष्टा नगर एवं आष्टा के आसपास के ग्रामीण ऐरियो की निर्धन बस्तियों में ठंड को देखते हुवे 300 नग कम्बल बाटने के लिये आष्टा के विपिन सिंघवी के पास भेजे गये है उन कम्बल को प्रतिदिन विपिन सिंघवी उनकी टीम के दुवारा निर्धन परिवारों को वितरित किये जा रहे है। कही आवश्यकता हो तो अवगत कराये।


इसी तरह नगर के एक और समाजसेवी पंकज नाकोड़ा ने बताया नगर में कोई भी गरीब जिसके पास ठंड से बचने के लिए कोई गर्म कपड़ा नही है,वो परेशान ना हो उनके लिए एक सूचना पर स्वेटर,जरकिन,कम्बल उपलब्ध कराये जाने की पूरी तैयारी है।

पंकज नाकोड़ा ने इस कार्य मे आष्टा हैडलाइन एवं स्वच्छ सकारात्मक ग्रुप से ठिठुर रहे लोगो के बीच उक्त सामग्री वितरित करवाने में सहयोग मदद की अपील की है।

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