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आष्टा । देश की जानी-मानी शिक्षण संस्था वीआईटी यूनिवर्सिटी कोठरी में पिछले दिनों जो बनाए गए एमएमएस सोशल मीडिया में वायरल हुए जिसको लेकर वीआईटी ने तानाशाही पूर्ण तरीके से उस मुद्दे के खिलाफ जिन छात्रों ने आवाज उठाने के प्रयास किये उनकी आवाज को

दबाने,अपनी संस्था की बदनामी ना हो इसको लेकर वीआईटी प्रबंधन ने करीब 74 विद्यार्थियों को निलंबित कर करीब 12 विद्यार्थियों को 3 से 6 माह के लिये निलंबन की कार्यवाही की। जब यह बात छात्रों के हितों की लड़ाई लड़ने वाला विश्व का सबसे बड़ा विद्यार्थियों का संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं को संज्ञान में आया

तब उन्होंने कल वीआईटी के रजिस्टर एवं वीसी से मिलने कोठरी पहुंचे थे। लेकिन जिम्मेदार अधिकारीयो ने मिलने से इनकार कर दिया । तब कल वीआईटी के गेट के सामने धरना प्रदर्शन एवं वीआईटी के पुतले का दहन किया गया था । तब वीआईटी द्वारा आज विद्यार्थी परिषद के प्रतिनिधिमंडल से मिलने का समय तय हुआ ।

आज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद राजगढ़ विभाग के संयोजक हर्षित मेवाड़ा, शुभम व्यास,धर्मेन्द्र डांगी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल वीआईटी प्रबंधन द्वारा गठित कमेटी के जिम्मेदारों से मिले तथा एक 4 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन विद्यार्थी परिषद की ओर से कमेटी को सौपा। वीआईटी की उक्त कमेटी एवं विद्यार्थी परिषद के प्रतिनिधि मंडल के बीच चर्चा के बाद परिषद के प्रमुख हर्षित मेवाड़ा ने जानकारी देते हुए बताया कि आज तय समय अनुसार वीआईटी प्रबंधन द्वारा गठित कमेटी के जिम्मेदार अधिकारियों के साथ बातचीत हुई है तथा उन्हें 4 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सोपा गया है ।

जिसमें कहा गया है कि पिछले दिनों जो एमएमएस वायरल हुए थे उसको लेकर जिन 74 छात्र छात्राओं को सस्पेंड किया जिसमें से 12 को 3 से 6 माह के लिये निलंबित किया उन सभी का सस्पेंशन खत्म किया जाये,6 नवम्बर से शुरू होने वाली परीक्षा में सभी को शामिल किया जाये, पानी की समस्या का स्थाई हल किया जाये,जो हनुमान चालीसा का पाठ करते है उनको ना रोका जाये,

छात्रों को मानसिक रूप से परेशान ना किया जाये,वीआईटी भोपाल के स्थान पर वीआईटी सीहोर या कोठरी लिखा जाये। एमएमएस के दोषियों पर कार्यवाही हो अन्य मांगों को लेकर भी विस्तार से उनको जानकारी दी गई है तथा दो दिनों का समय वीआईटी प्रबंधन को दिया गया है । अगर 2 दिन के अंदर निलंबित किए गए 74 विद्यार्थियों का सस्पेंशन खत्म नहीं किया जाता है तो अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद आंदोलन के लिए बाध्य होगा। जिसकी जिम्मेदारी वीआईटी प्रबंधन की होगी ।

आज जो लोग वीआईटी पहुंचे थे उनमें परिषद के धर्मेंद्र डांगी,हर्षित मेवाडा, शुभम व्यास, जनप्रिय तोमर, रजत सोनी, प्रिंस कुशवाहा, अनुराग पारे, सहित लगभग 15 विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता उपस्थित थे । देखना है अब क्या विद्यार्थी परिषद की मांग के तहत वीआईटी द्वारा मनमानी तरीके से 74 छात्रों को सस्पेंड कर उनके भविष्य पर प्रश्न चिन्ह लगाया गया है वह खत्म होता है या इस मुद्दे को लेकर विद्यार्थी परिषद को वीआईटी के खिलाफ अपना आंदोलन तेज करता है । चल रहे विवाद को लेकर आज भी वीआईटी की ओर से अपना कोई पक्ष प्रेस के समक्ष नहीं आया है ।

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