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आष्टा। गोगा नवमी वाल्मीकि समाज का मुख्य पर्व है। गोगा नवमी के दिन गोगादेव जाहरवीर बाबा का जन्मोत्सव समाज द्वारा धूमधाम से मनाया जाता है। साथ ही इस दिन नागों की पूजा करने का भी विधान है। मान्यतानुसार इस दिन गोगादेव की पूजा करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है। प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी वाल्मिकी दल, हाथीखाना दल एवं डाबरी दल द्वारा द्वारा शाम 7 बजे नगरपालिका कार्यालय के सामने स्थित कम्युनिटी हॉल के सामने से गोगा देव छड़ी निशान के साथ चल समारोह निकाला जो नगर के प्रमुख मार्गो से होता हुआ गल चौराहा पहुंचा।

जहां नगरपालिका द्वारा नपाध्यक्ष प्रतिनिधि रायसिंह मेवाड़ा, पार्षदगण डॉ. सलीम खान, कमलेश जैन, सुभाष नामदेव, तारा कटारिया, तेजसिंह राठौर, रवि शर्मा, विशाल चौरसिया, रूपेश राठौर, हरेन्द्रसिंह ठाकुर, आनंद गोस्वामी द्वारा जाहरवीर गोगा छड़ी की पूजा-अर्चना की गई। वहीं छड़ी के प्रमुख भगत राजेश भैरवे, आशीष भगत, अध्यक्ष बिट्टू घेंघट, उपाध्यक्ष धु्रव तंबोली, उस्ताद रोहित राठौर, अमित सांगते, सोनू गेलोसरे, दीपक नरवले, अनिल भगत, राहुल वाल्मिकी, धर्मेन्द्र कंडारे, जितेन्द्र सिंगन, सतीश भगत, बनवारीलाल पवांर, मुकेश सिंगन, प्रकाश कलोसिया, जीवन कलोसिया,

विशाल भगत, आरिफ मामा, मनोज घेंघट, पप्पू खरे, कैलाश घेंघट, विजय घेंघट, विनोद घेंघट, कमल सिंघन, अजय घेंघट सहित समाज के वरिष्ठजनों का साफा बांधकर स्वागत सम्मान भी किया। जुलूस में बड़ी संख्या में वाल्मिकी समाज के युवा व महिलाएं मौजूद थी, जो मधुर ध्वनि की धुन व ढोल-नगाड़ों की थाप पर थिरकते नजर आए। चल समारोह पश्चात््् कम्युनिटी हाल परिसर में राहुल वाल्मिकी द्वारा सामूहिक भंडारे का आयोजन किया, जिसमें सभी समाजजनों ने प्रसादी ग्रहण की।

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