
आष्टा। नगरपालिका द्वारा पपनास नदी पुल ढाकनी-मुगली से लेकर भोपाल नाका तक लगे विद्युत पोलों पर प्रकाश व्यवस्था की दृष्टि से केबल बिछाने का कार्य किया जा रहा है।

उक्त कार्य का नपाध्यक्ष प्रतिनिधि रायसिंह मेवाड़ा द्वारा वार्ड पार्षद रवि शर्मा, नपा विद्युत शाखा उपयंत्री आयूषी भावसार की उपस्थिति में निरीक्षण कर विद्युत टीम को आवश्यक निर्देश दिए।


नपाध्यक्ष प्रतिनिधि रायसिंह मेवाड़ा ने जानकारी देते हुए बताया कि पपनास नदी पुल से लेकर भोपाल नाका तक लगभग 40 विद्युत पोल स्थापित किए गए है, जिन पर प्रकाश व्यवस्था की दृष्टि से लगभग 780 मीटर 3कोर केबल बिछाकर व्यवस्थित प्रकाश व्यवस्था करने का कार्य जारी है।

उक्त कार्य लगभग 2 लाख 50 हजार रूपये की लागत से पूर्ण होगा। नपाध्यक्ष प्रतिनिधि श्री मेवाड़ा ने कहा कि ढाकनी-मुगली मार्ग अब नगर के प्रमुख मार्गो में शुमार हो गया है। इस मार्ग पर विभिन्न कॉलोनियां विकसित हुई है, वहीं दर्जनों ग्रामों के ग्रामीणजन प्रातः से देर रात्रि तक आवागमन करते है।


इसके साथ ही ढाकनी-मुगली रोड़ अरिहंत कॉलोनी, बजरंग कॉलोनी सहित सेमनरी रोड़ को भी अपने में जोड़ता है। नागरिकों के रात्रिकालीन आवागमन को सुगम बनाने के उद्देश्य से मार्ग पर विद्युतीकरण करने का निर्णय लिया गया था जो अब शीघ्र ही पूर्ण होने जा रहा है।

“विद्युत शाखा टीम को बारिश से बचने सौंपे रैनकोट – नपाध्यक्ष प्रतिनिधि”
रायसिंह मेवाड़ा ने कहा कि नागरिकों की मूलभूत सुविधाओं में बिजली सबसे महत्वपूर्ण कार्य है, जिसे नपा की विद्युत टीम बारिश, ठंड में कड़ी मेहनत कर अंजाम देती है।

कर्मचारियों के बारिश से बचाव हो सकें, इसके लिए रैनकोट जैसी सुविधा अतिआवश्यक है। नपाध्यक्ष प्रतिनिधि श्री मेवाड़ा ने अपने निज कार्यालय विद्युत शाखा के समस्त कर्मचारियों को बुलाकर स्वयं के द्वारा रैनकोट सौंपे गए।

साथ ही नपाध्यक्ष प्रतिनिधि रायसिंह मेवाड़ा ने विद्युत उपयंत्री आयूषी भावसार को निर्देश दिए कि विद्युत शाखा के समस्त कर्मचारियों के लिए ग्लब्स, हेलमेट, जूते आदि की भी व्यवस्था होना आवश्यक है, विद्युत टीम अपनी जान जोखिम में डालकर नागरिकों की सेवा करती है।

हमारा भी कर्त्तव्य बनता है कि ऐसे कर्मठ कर्मचारियों की सुरक्षा के पुख्ता इंजताम करें। इस अवसर पर नपाध्यक्ष प्रतिनिधि रायसिंह मेवाड़ा, वार्ड पार्षद रवि शर्मा, विद्युत उपयंत्री आयूषी भावसार, राकेश ठाकुर, अभिषेक कुशवाह, लाड़सिंह ठाकुर, जगदीशप्रसाद शर्मा, शंकरलाल, मनीष किल्लौदिया आदि मौजूद थे।

