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आष्टा । राजश्री कॉलेज ऑफ़ प्रोफेशनल स्टडीज आष्टा में गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर गुरु पूर्णिमा महोत्सव मनाया गया। गुरु पूर्णिमा अवसर पर महाविद्यालय में मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई। महाविद्यालय विद्यार्थियों ने महाविद्यालय के समस्त गुरुजनों का तिलक लगाकर स्वागत किया एवं सभी गुरु जनों का आशीर्वाद प्राप्त किया।

महाविद्यालय संचालक श्री बी एस परमार द्वारा गुरु पूर्णिमा के अवसर पर गुरुजनों का महत्व बताते हुए कहा कि गुरु का स्थान ईश्वर और माता-पिता से भी ऊपर रखा गया है गुरु ही मनुष्य को सफलता की बुलंदियों तक पहुंचाते हैं। जिस प्रकार एक सुनार सोने को तपाकर उसे गहने का आकार देता है।

ठीक उसी प्रकार एक गुरु भी अपने शिष्य के जीवन को मूल्यवान बनता है। इस दिन का उल्लेख रामायण व महाभारत काल में भी किया गया है।

कहा जाता है कि इस दिन का इतिहास हजारों लाखों वर्ष पुराना है। पूर्णिमा के दिन महाभारत के रचयिता वेदव्यास का जन्म हुआ था। और यह भी कहा जाता है कि इस दिन वेदव्यास जी ने भागवत पुराण का भी ज्ञान दिया था।

यही कारण है कि हर साल आषाढ़ माह के पूर्णिमा तिथि को गुरु पूर्णिमा मनाया जाता है। इसे व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है। हमारे जीवन में गुरु का विशेष महत्व होता है। भारतीय संस्कृति में गुरु को भगवान से भी बढ़कर माना जाता है।

संस्कृत में “गु”का अर्थ होता है अंधकार या अज्ञान एवं “रू” का अर्थ होता है प्रकाश या ज्ञान। गुरु हमें अज्ञान रूपी अंधकार से ज्ञान रूपी प्रकाश की ओर ले जाते हैं। महाविद्यालय छात्रा करुणा परचोले द्वारा गुरु वंदना सुनाई गई। साथ ही महाविद्यालय के अन्य विद्यार्थियों ने भी गुरुजनों के सम्मान में अपने-अपने विचार रखें।

गुरु पूर्णिमा महोत्सव में प्रमुख रूप से महाविद्यालय विद्यार्थियों के साथ महाविद्यालय संचालक बीएस परमार, प्रभारी प्राचार्य अर्जुन परमार, मीडिया प्रभारी मनोज कमलोदिया, सविता बैरागी, रामवती मेवाड़ा, प्रहलाद मेवाड़ा,

राहुल सेन, पुष्पा मेवाड़ा, द्वारका प्रसाद कर्मोदिया, पूजा मेवाड़ा, दीपिका जाधव, पूजा परमार, माया मेवाड़ा, भैया लाल वर्मा, अखिलेश सक्सेना, रविंद्र प्रजापति, ममता तिवारी, हिमांशी झवर, कविता भूतिया, पवन जाट, अरिहंत कुमार जैन, बहादुर सिंह, रवि मेवाड़ा, अरविंद यादव व रीना यादव उपस्थित रहे।

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