आष्टा। अंतर्राष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ द्वारा आज आष्टा नगर के इतिहास में पहली बार भगवान जगन्नाथ जी की रथयात्रा नगर में निकली। आष्टा इस्कान सेंटर के सदस्यों ने जानकारी देते हुए बताया की जगन्नाथपुरी में रथयात्रा उत्सव शुरू होने के बाद से देशभर में यात्राओं का दौर जारी है ।
जिसमे आष्टा नगर में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा निकले इसको लेकर हम प्रयासरत थे और सबके सहयोग से आज पहली बार गायत्री मन्दिर से उक्त यात्रा निकाली गई।
मुख्य अतिथि सांसद महेंद्रसिंह सोलंकी,विधायक गोपालसिंह इंजीनियर, नपा अध्यक्ष प्रतिनिधि रायसिंह मेवाडा ने भगवान की आरती की एवं अपने हाथों से बरसते पानी मे रथ को खींच कर यात्रा का स्वागत किया।
इस्कॉन सेंटर की ओर से सांसद विधायक का स्वागत सम्मान किया गया। रथयात्रा गायत्री मंदिर से आज करीब 2 घंटे की देरी से प्रारंभ हुई। जो भोपाल नाका से कन्नौद रोड होते हुए कालोनी चौराहे पहुंची।
जहां गीतांजलि गार्डन में यात्रा का समापन हुआ । यात्रा में बड़ी संख्या में शामिल नागरिक,माताएं,बहने युवक,युवतियां भगवान के नाम का जयघोष करते चल रहे थे।
यात्रा के समापन के पश्चात भगवान की आरती हुई एवं प्रसादी वितरण किया गया । आज यात्रा में विशेष रूप से रथ उज्जैन से आया
जिसमे भगवान जगन्नाथ जी विराजमान किये गए और रथ को भक्तो द्वारा खींचा गया । इस यात्रा में नगर के गणमान्य नागरिक,जनप्रतिनिधि सहित विशेष रूप से उज्जैन इस्कान के प्रमुख सहित प्रभु जी भी सम्मलीत हुए
“नगर में इस्कान की रथयात्रा सोने में सुंगध जैसी-कैलाश परमार”
कृष्ण भक्ति हमारी आत्मा को आल्हाद से भर देती है । इनकी लीला न्यारी भी है और प्यारी भी । भगवान श्री कृष्ण का जितना स्वरूप प्यारा है उनका ही निराला उनका प्रेमोद्दीपक दर्शन है । श्री कृष्ण विज्ञान भी हैं और कला भी ।
सर्व प्रिय भगवान कृष्ण ज्ञान , कला और प्रेम के प्रतीक हैं उनके द्वारा प्रदत्त ज्ञानोपदेश हमे जीने की कला सिखाता है और जीवन की नश्वरता का बोध भी कराता है । कृष्ण भक्ति से शांति सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है ।
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यह बात इस्कान मन्दिर उज्जैन के उपाध्यक्ष पूज्य धीर गौर स्वामी ने आज नगर में निकली इस्कान रथयात्रा के अवसर पर श्रद्धालुओं से कही । इस अवसर पर पूर्व नपाध्यक्ष तथा स्वामी अवधेशानन्द गिरी जी महाराज द्वारा स्थापित प्रभु प्रेमी संघ के संयोजक कैलाश परमार ने संघ की गतिविधियों और सक्रियता से अवगत कराया ।
नगर में इस्कान द्वारा रथयात्रा की परंपरा पर हर्ष व्यक्त करते हुए श्री परमार ने कहा कि नगर की शानदार धार्मिक परम्पराओ में इस्कान की गतिविधियों का जुड़ना सोने पर सुहागा जैसा होगा । पूर्व नपाध्यक्ष ने पूज्य धीर गौर स्वामी का परम्परागत ढंग से अभिनन्दन किया ।
स्वामी जी ने स्वागतकर्ताओ को श्रीमद भागवत की प्रति भेंट करते हुए अध्ययनशील और सेवाभावी बनने का आशीष दिया । इस अवसर पर नगर में इस्कान के प्रमुख सहयोगी संदीप सोनी , श्रीमती हेमलता सोनी ,अनिल भाटी , एडवोकेट वीरेंद्र परमार आदि उपस्थित थे ।