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आष्टा । आपके एक कहावत तो सुनी होगी ऊपर से बेलबुटा नीचे से पेंदा फूटा इसका मतलब तो हर आम और खास जानता समझता है । यही हाल इन दिनों कोठरी कस्बे के शा उच्चतर मा विद्यालय के औचक निरीक्षण के बाद सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो से उजागर हुआ है।

कोठरी का हायर सेकेंडरी स्कूल बहार से जितना बड़ा,अच्छा,हरियाली युक्त लगता है उतना ही अंदर इस विद्यालय में पढ़ाई का स्तर कितना गिरा हुआ है। इसका जिम्मेदार आखिर कौन.? इसको तय करने का काम जिला शिक्षा अधिकारी या भोपाल में एसी के कमरों में बैठ कर कुर्सियों को तोड़ने वाले मदमस्त अधिकारियों को तय करना तो है,पर वे करेंगे ऐसा लगता नही है.?

जो वीडियो में दिखा, जो शिक्षक अनुपस्तिथ मिले उसको लेकर इस विद्यालय की प्राचार्य श्रीमती तिर्की मेडम का कहना है पहला तो यह कि जो शिक्षक अनुपस्तिथ मिले वे निरीक्षण के दिन कलेक्टर साहब से चुनाव में अच्छा कार्य,वोट प्रतिशत बढ़ाने को लेकर दिये गये प्रमाण पत्र लेने गये थे,केवल एक मेडम अनुपस्तिथ थी,जो बाद में आ गई थी

दूसरा निरीक्षण के दौरान कक्षा 6 की बच्चियों से मेडम सुश्री सलोनी शर्मा ने बच्ची से पुस्तक पढ़ने को कहा उसने पढ़ी कुछ शब्दों के अर्थ पूछे जो डर घबराहट के कारण कुछ के अर्थ बता दिये कुछ के नही बता पाई, बोर्ड पर मेडम शर्मा ने प्लस ओर मायनस के दो सवाल करने को दिये वो भी बच्ची घबराहट के कारण नही कर पाई।


अब पूरा मामला समझ लीजिए दो दिन पूर्व शिक्षा विभाग की असिस्टेंट डायरेक्टर सुश्री सलोनी शर्मा एवं कार्यालयीन योजना अधिकारी श्री एच एस निमचे औचक निरीक्षण के दौरान सीहोर से निकले और कोठरी के हायर सेकेंडरी स्कूल जा पहुचे। सबसे पहले उन्होंने स्टॉफ की जानकारी ली कितने शिक्षक पदस्थ है,कितने उपस्तिथ है।

तब पाया कि कई शिक्षक अनुपस्तिथ है। सलोनी शर्मा ने प्राचार्य से जानकारी ली तो उन्होंने बताया की कुछ कलेक्टर साहब के कार्यक्रम में प्रमाण पत्र लेने गये है,एक शिक्षिका को अनुपस्तिथ बताया जिसे कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया। उसके बाद निरीक्षण करने आई सुश्री सलोनी शर्मा ने कक्षाओं की क्या स्तिथि है,पढ़ाई का क्या स्तर है आदि की जांच हेतु कक्षाओं में पहुची। एक कक्षा में बच्चियों से पुस्तक में से एक पेज पढ़वाया

उसमे से कुछ शब्दों के अर्थ पूछे कुछ बताये कुछ नही बता पाये। एक छात्रा से बोर्ड पर अंग्रेजी में एक शब्द की अंग्रेजी लिखवाया। जो उसने लिख दिया । उसके बाद सुश्री सलोनी शर्मा ने बोर्ड पर दो सवाल लिखे एक सवाल प्लस का था दूसरा मायनस का था। प्लस के सवाल में उन्होंने
50+23= कितने, पूछा छात्र ने इसका जोड़ 82 बोर्ड पर लिखा जबकि इसका सही उत्तर 73 था।

मायनस के सवाल में पूछा था 50-25= कितने,उसका उत्तर बताना था,छात्रा ने इसका उत्तर दिया 35 जबकि सही उत्तर था 25। दो साधारण से सवाल जब छात्राएं नही कर पाई तब सलोनी शर्मा ने प्राचार्य से पूछा क्या आप कभी कक्षाओं में आती है,यहा क्या पढ़ाया जा रहा है चैक करती है तब प्राचार्य मेडम तिर्की ने कहा हां समय समय मे आती हु,देखती हूं। क्लॉस टीचर को भी मौके पर फटकार मिली।


अब बड़ा प्रश्न यह की संकुल के इतने बड़े स्कूल में पढ़ाई का क्या स्तर है जिसका अंदाज एक चावल मस्कने से ही मालूम पड़ गया। जिस स्कूल के बच्चे दो साधारण से जोड़ ओर घटाओं के सवाल हल नही कर सके उस विद्यालय का शिक्षा का स्तर क्या होगा अंदाजा लगाया जा सकता है।

इस सब के वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो चुके है जिससे पूरे शिक्षा विभाग की थू थू हो रही है। इतनी सब ढोल की पोल खुलने के बाद भी इस विद्यालय की प्राचार्य अपने विद्यालय में सुधार करने के बदले उलटे प्रेस से सवाल जवाब कर रही है।

प्राचार्य मेडम जी जिस विद्यालय की आप प्राचार्य है उस विद्यालय में एक शिक्षक कितने दिन से अनुपस्तिथ है क्या उसका आपके पास कोई जवाब है,नही.?,जिस एक अनुपस्तिथ शिक्षक को आपने यह बताया की वे कलेक्टर के कार्यक्रम में प्रमाण पत्र लेने गये है,जो विद्यालय में आया ही नही वो प्रमाण पत्र लेने कैसे चला गया,क्या उसने कोई सूचना दी थी। ऐसे एक नही कई प्रश्न जांच का इंतजार कर रहे है।

कलेक्टर सीहोर एवं जिला शिक्षा अधिकारी को चाहिये कि वे अब इस विद्यालय की हर तरह की बारीकी से जांच करवाये ताकि इस विद्यालय में क्या क्या पोल चल रही है,क्यो चल रही है,इसके पीछे क्या कारण है,

उन कारणों के पीछे कौन है जो शिक्षा के इस मंदिर को उसके पथ से भटका रहे है। इंतजार है ठोस कार्यवाही का.? इस पूरे मामले में आज जब जिला शिक्षा अधिकारी सीहोर से चर्चा करना चाही लेकिन उन्होंने मोबाईल अटेंड नही किया।

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