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आष्टा। संपूर्ण प्रदेश भर में 5 से 16 जून तक जल एवं पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से जल गंगा अभियान चलाया जा रहा था, जिसका आज गंगा दशहरा तक के पावन अवसर पर समापन हुआ। नगरपालिका द्वारा नपाध्यक्ष प्रतिनिधि रायसिंह मेवाड़ा के मुख्य आतिथ्य, अनुविभागीय अधिकारी स्वाति उपाध्याय मिश्रा, पार्षदगण डॉ. सलीम खान, कमलेश जैन, सुभाष नामदेव, तेजसिंह राठौर की विशेष आतिथ्य में नगर की जीवन दायिनी मां पार्वती नदी की विधि-विधान, मंत्रोच्चार के साथ पूजा-आरती की गई। वहीं चुनरी भी मां पार्वती नदी को अर्पण की।


कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नपाध्यक्ष प्रतिनिधि रायसिंह मेवाड़ा ने बताया कि जल गंगा अभियान के तहत जहां नगर के नालों-नालियों की साफ-सफाई की गई, वहीं नगर के जलस्त्रोतों का संरक्षण व संवर्धन कार्य भी नगरपालिका द्वारा किया गया। साथ ही कुआं-बावड़ी की सफाई कार्य किया गया, वहीं पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से बड़ी संख्या में पौधों का रोपण कार्य भी संपन्न किया गया। श्री मेवाड़ा ने कहा कि हमारे देश में नदियों को देवी मानकर उनकी पूजा और आरती की जाती है। अधिकतर हिंदू तीर्थ स्थान नदियों के तट पर ही स्थित है।

हम गंगा दशहरा या नर्मदा जयंती इसलिए मानते हैं, ताकि इन नदियों की हमारे जीवन में उपयोगिता और महत्व को हम समझ सकें। जब मां गंगा धरती पर आई, तब यहां की बंजर धरती उपजाऊ हुई और हर क्षेत्र में हरियाली छाई, तभी से यह गंगा दशहरा पर्व मनाने की शुरूआत हुई। गंगा दशहरा का पर्व गंगा नदी की उत्पत्ति से जुड़ा पर्व है। नदियां हैं तो जीवन है, उनका संरक्षण करना प्रत्येक व्यक्ति का कर्त्तव्य है। वनों से नदियां और नदियों से वनों का गहरा जुड़ाव है। इसी को साकार करने के लिए प्रदेश सरकार ने इस अभियान की शुरूआत की है। प्रदेश सरकार की यह एक सराहनीय पहल है, परंतु जल संवर्धन तभी संभव जब हम सभी हमारी जीवन दायिनी मां पार्वती नदी सहित अन्य जलस्त्रोतों का संरक्षण कर अपना सहयोग दे।

इस अवसर पर तहसीलदार मुकेश सांवले, प्रभारी मुख्य नगरपालिका अधिकारी प्रमोद साहू, पटवारी वीरेन्द्रसिंह ठाकुर, सहायक यंत्री आकाश गुयतर, उपयंत्री अनिल धुर्वे, रमेश यादव, गबू सोनी, जगदीश वर्मा, नारायण सोलंकी, सुभाष सिसौदिया, महेन्द्र पोसवाल, भगवतशरण लोधी, पार्वती शर्मा, प्रहलाद वर्मा, कैलाश माली, आशीष बैरागी, प्रमोद श्रीवास्तव, राकेश विश्वकर्मा, रोहित सोनी, अरूण विश्वकर्मा सहित बड़ी संख्या में नागरिकगण, कर्मचारीगण मौजूद थे।

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