आष्टा। भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव रामनवमी को पूरे भारत वर्ष के साथ बुधवारा आष्टा स्थित श्रीराम मंदिर में भी उत्साह पूर्वक मनाया गया। अयोध्या धाम में भगवान श्री रामलला के विराजमान होने एवं राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के बाद यह प्रथम रामनवमी थी इसलिए भी विशेष रूप से सभी मंदिरो में उत्साह पूर्वक भगवान श्रीराम का दिव्य श्रंगार किया किया गया।
आष्टा में श्रीराम मंदिर में हर वर्ष भगवान श्रीराम जन्मोत्सव बड़े ही धूम धाम से मनाया जाता हैं और भगवान श्रीरामजी, सीताजी, लक्ष्मण जी, हनुमानजी का आकर्षित पोशाक पहनाकर दिव्य श्रंगार किया जाता हैं। इस वर्ष बुधवारा आष्टा स्थित भगवान श्रीरामजी, सीताजी, लक्ष्मणजी, हुनमानजी के सुन्दर वस्त्र बनाने का सौभाग्य विश्वकर्मा परिवार को प्राप्त हुआ।
विश्वकर्मा परिवार का हर एक सदस्य भगवान श्रीराम का उपासक हैं जिनमें विश्वकर्मा परिवार के मुखिया स्व. लक्ष्मीनारायण विश्वकर्मा जो जीवनपर्यंत श्रीराम नाम का जाप कर लेखन करते रहे ।
जिन्होने 30 वर्ष से उनके अंतिम समय तक रामनाम लेखन कार्य किया एवं उसके पूर्व जो सेवा बनती वह निस्वार्थ भाव से करते, प्रतिदिन श्रीराम मंदिर की आरती में सम्मिलित होना उनके दैनिक कार्य में सर्वप्रथम था। आष्टा तहसील के हर मंदिरो में निशुल्क घंटालो के लिए डंके स्वंय बना कर मंदिरो में भैंट करते थे।
उनके छोटे भाई ओमप्रकाश विश्वकर्मा ने तो प्रण लिया था जब तक अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण नही होगा तब तक आष्टा तहसील में निशुल्क निस्वार्थ भाव से घर-घर, दुकान-दुकान पर राम नाम लेखन करते रहेंगे।
स्व. लक्ष्मीनारायण विश्वकर्मा के सुपुत्र स्व. विनोद विश्वकर्मा जिन्होने अपने जीवनकाल में कम उम्र में ही धार्मिक एवं सामाजिक संस्थाओ से जुड़कर आयोजनो को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई थी, उन्होंने श्री विश्वकर्मा आदर्श मानस मण्डल का भी गठन किया जो निस्वार्थ भाव से निशुल्क सुन्दरकाण्ड पाठ निरंतर कर रहे है।
इस वर्ष स्व. लक्ष्मीनारायण विश्वकर्मा जी की पुत्रवधु एवं स्व. विनोद विश्वकर्मा जी की धर्मपत्नि श्रीमती पूनम विश्वकर्मा को भगवान श्रीरामजी, सीताजी, लक्ष्मणजी, हनुमानजी, लड्डू गोपाल जी के सुंदर वस्त्र बनाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ
उन्होने भगवान के लिए बहुत ही सुंदर और आकर्षित वस्त्रो का निर्माण किया। श्रीमति पूनम विश्वकर्मा को पूर्व में भी कई मंदिरो में विराजित भगवान के वस्त्र बनाने का सोभाग्य प्राप्त हुआ है वह लड्डू गोपाल की छोटी एवं सभी प्रकार की आकर्षक पोशाके बनाने का कार्य भी करती है।
उन्होने कहा कि हमारा परिवार भगवान श्रीराम की सेवा के लिए हमेशा तत्पर रहता हैं और हमेशा रहेगा। विश्वकर्मा परिवार ने इस सौभाग्य प्राप्ति पर धन्यवाद दिया और कहा कि हम सोभाग्यशाली है जो प्रभु के कारज में हमे योगदान प्रदान करने का सौभाग्य प्राप्त होता है।