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आष्टा । सिविल हॉस्पिटल आष्टा में आने वाले मरीजों एवं उनके साथ आने वाले परिजनों के वाहनों को खड़ा करने एवं सुरक्षा की दृष्टि से सिविल अस्पताल आष्टा की रोगी कल्याण समिति द्वारा समय-समय पर वाहनों का पार्किंग के लिए ठेके दिए जाते हैं । इस बार ठेका खत्म होने के बाद पुनः टेंडर तो आमंत्रित किए गए टेंडर खुलने के पहले ही लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लग गई ।

जिसके कारण एक और जहां वर्तमान ठेकेदार का ठेका खत्म हो चुका वही टेंडर नहीं खुलने के कारण नए ठेकेदार को उक्त कार्य नहीं मिल पाया । इसके चलते सिविल अस्पताल आष्टा का परिसर ठेका मुक्त हो जाने के कारण अब यह परिसर अवैध वाहनों का पार्किंग का अड्डा बन चुका है ।

कोई बतायेगा की एम्बुलेंस कैसे आयेगी-जायेगी..?

यहा कई वाहन दिन में,रात में खड़े नजर आते है। आज प्रातः सिविल अस्पताल परिसर में पहुचे तब तब जो नजारा देखा कि पूरा परिसर अवैध रूप से वाहनों का पार्किंग स्थल बना हुआ है । वहीं सैकड़ो मोटरसाइकिल भी इस परिसर में खड़ी नजर आई । जब इस मामले में बीएमओ डॉ जीडी सोनी से वास्तव में इतने सारे दुपहिया चुपहिया वाहनों को खड़े होने का क्या कारण है,ये वाहन किसके है,क्या ये सब वाहन स्टाफ,व मरीजों के है,को लेकर चर्चा करने पहुचे तो बताया की वे ग्रामीण क्षेत्र के दौरे पर है।

घटना दुर्घटना हो गई तो कैसे एम्बुलेंस आयेगी-जायेगी.?

जब सूत्रों से जानकारी एकत्रित की तब ज्ञात हुआ कि सिविल अस्पताल में वाहनों का ठेका नहीं होने के कारण परिसर में जो चाहे वह अपना वाहन खड़ा करके आराम से घूमने फिरने चला जाता है । लेकिन यह अवैध पार्किंग सिविल अस्पताल आष्टा के लिए कभी भी बड़ी परेशानी का कारण बन सकता है ।

आष्टा हैडलाइन की खास खबर…

जिस तरह से मुख्य गेट के सामने चुपहिया वाहन लाइन से खड़े हैं । ऐसे में अगर कोई क्षेत्र में बड़ी घटना दुर्घटना हो जाए और मरीजों को एंबुलेंस के द्वारा सिविल अस्पताल लाया जाता है तो एंबुलेंस भी बड़ी मुश्किल से अंदर आएगी और अगर गंभीर घायलों को कभी सीहोर रेफर करने का मौका आया तो भी एंबुलेंस के बाहर निकलने में भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है ।

ये हालात थे आज,कहा है यहा के सुरक्षा गार्ड.?

ऐसे में अस्पताल प्रबंधन को चाहिए कि सिविल अस्पताल आष्टा उक्त परिसर में खड़े अवैध बहनों पर यातायात पुलिस को बुलाकर चालानी कार्रवाई करवाए ताकि भविष्य में जो अवैध वाहन इस परिसर में खड़े होते हैं उन पर अंकुश लग सके ।

वही वर्तमान में जो सिविल अस्पताल का परिसर वाहनों के ठेका से मुक्त है उसके बदले क्या उचित व्यवस्था की जा सकती है वो की जाये । सिविल अस्पताल प्रबंधन को चाहिए कि वह स्थानीय प्रशासन एवं जिला प्रशासन जिला स्वास्थ्य विभाग से मिलकर कोई उचित व्यवस्था करें। ताकि जो परिसर अवैध वाहनों के खड़े होने से अव्यवस्थित हो चुका है वह पुनः व्यवस्थित रूप से नजर आए ।

ये चित्र है आज प्रातः 10 से 11 बजे के बीच का

जब तक कोई व्यवस्था ना हो तब तक परिसर में मरीजों,उनके परिजनों को छोड़ अन्यो के वाहनों के प्रवेश पर सख्ती से रोक लगाई जाये । सूत्रों ने बताया कि पूर्व में जिस ठेकेदार का ठेका था वह भी अस्पताल में आने वाले लोगों के अलावा प्राइवेट लोगों के वाहन सिविल अस्पताल परिसर में खड़े करवा कर उनसे पैसे वसूल करता था । अगर यह बात सही है तो आने वाले समय में जिसे भी ठेका दिया जाए उसे इस कार्य के बदले प्रतिबंध लगाया जाए ।

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