आष्टा । नगर के काछीपूरा स्तिथ प्राचीन श्रीराधाकृष्ण मंदिर पर सप्त दिवसीय श्रीमद्भागवत महापुराण एवं प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव आज बुधवार से प्रारंभ हुआ । प्रथम दिन आज जल गंगा अर्थात गंगापूजन व शब्द गंगा अर्थात श्रीमद्भागवत महापुराण के धर्म कथा का संगम दिखाई दिया ।
प्रातःकाल गणेश पूजन और शांतिपाठ किया गया, उसके उपरांत एक विशाल शोभायात्रा नगर के विभिन्न मार्गों से होते हुए काछीपूरा मंदिर स्तिथ श्रीराधाकृष्ण मंदिर पर पहुची। ज्ञात हो कि श्रीराधाकृष्ण मंदिर में नवीन प्रतिमाओं की स्थापना की जा रही है ।
देव प्रतिमाएं राजस्थान से लाई गईं हैं । जिसमे श्रीराधाकृष्ण,श्री राम दरबार, शिवलिंग, कुलदेव लवकुश की प्रतिमाएं शामिल हैं । प्रथम दिन यज्ञाचार्य नगरपुरोहित पँ मनीष पाठक एवं विप्र वैदिको द्वारा शांतिपाठ का मन्त्रोच्चारण किया गया ।
तत्पश्चात दोपहर में भगवताचार्य पँ डॉ दीपेश पाठक द्वारा संगीतमय श्रीमद्भागवत श्रवण कराया गया । कार्यक्रम में श्रद्धालुओं का भारी जनसैलाब उपस्थित रहा ।
“हुआ गंगापूजन”
सर्वप्रथम आज प्रातः 9 बजे नगर में कलश यात्रा मंगलपाठ के साथ आरम्भ हुई। जो पवित्र तीर्थ तट पर पहुची जहां पर गंगापूजन कर कलश में देवी गंगा का स्मरण कर जल यज्ञ स्थल पर लाया गया
“शोभायात्रा यात्रा का हुआ स्वागत”
नगर में भगवान श्रीराधाकृष्ण एवं श्रीमद्भागवत महापुराण की विशाल शोभायात्रा निकाली गई । जिसमें युवा वर्ग नृत्य संगीत पर थिरकते हुए जा रहे थे वही राधाकृष्ण की झांकी वही भक्तो का मनमोह रही थी। नगरवासियों के द्वारा जगह जगह शोभायात्रा का स्वागत किया गया
“राधाकृष्ण आकर्षण का केंद्र बने”
कुशवाह समाज के द्वारा निकली गई शोभायात्रा में बेंड बाजो के साथ ही डोल एवं राधाकृष्ण झांकी के माध्यम से प्रस्तुति दी गई थी जो विशेष आकर्षण का केंद्र थी
कुशवाह समाज की निकली भव्य कलश यात्रा का आज पूरे नगर में भ्रमण के दौरान विभिन्न समाजों,संगठनों,संस्थाओं ने स्थान स्थान पर भव्य स्वागत कर समाज प्रमुखों का सम्मान किया।