“एन.एस.यू.आई का 54 वॉ स्थापना दिवस बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया”
पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्रीमती इंदिरा गांधी जी द्वारा 9 अप्रेल 1971 को छात्रों हक एवं उनके अधिकारों की लड़ाई के लिए छात्र संगठन एन.एस.यु.आई. का गठन किया गया था । इसके गठन के बाद से ही आज तक छात्र छात्राओं की सभी समस्याओं के लिये ये संगठन संघर्षशील एवं छात्रहितो के उद्देश्यों की लड़ाई निरंतर लड़ रहे हैं । युवा नेता विजय सोलंकी एवं एनएसयूआई जिला उपाध्यक्ष यशवंत मालवीय ने बताया कि भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन के तहत एक पृथक संविधान तथा ध्वज को भी आकर दिया गया ।
ध्वज का प्रथम भाग पश्चिम बंगाल छात्र परिषद तथा दूसरा भाग केरल छात्र संगठन से लिया गया जिसके प्रथम हिस्से में भारतीय तिरंगा और उसके सफेद हिस्से में तीन केसरिया सितारे और दूसरे हिस्सा आसमानी नीले रंग में मसाला है कार्यक्रम में मुख्य रूप से पूर्व ग्रामीण ब्लॉक अध्यक्ष राहुल पटारिया,शंकर सक्सेना, निखिल कुशवाह,सचिन मिठ्ठूपुरा, कृपाल धाशु, रोहित , अंकित, महेश मालवीय, पवन , भारत ढिंगाखेडी, कृष्णपाल, अभिषेक खजुरिया, साजिद खान आदि उपस्तिथ थे।
“होली पर हुए झगड़े में लापता व्यक्ति का अभी तक नही मिला कोई सुराग,परिजन हो रहे परेशान, एसपी कार्यालय में लगाई गुहार”
सीहोर। सीहोर मुख्यालय के समीपस्थ ग्राम बड़ी मंगावली के कृषक परिवार की महिला सूरजबाई भील ने एसपी कार्यालय में गुहार लगाई, जिसमें कहा गया कि होली के दिन मेरा पुत्र सुनील भील के साथ गाँव के ही हरिओम, जेकी, राजु, रवि एवं विरेन्द्र के द्वारा मामूली विवाद में बुरी तहर से मारा-पीटा गया और उनके चार पहिया वाहन बोलेरा में उसका पकड़ कर कहीं ले गये, तभी से मेरा पुत्र सुनील भील लपता है ।
काफी पुछताछ करने वे खोजबीन करने के बावजूद भी नही मिल पा रहा है। सूरज बाई का कहना है कि मेरे पुत्र को जो लोग उठा कर बोलेरा में ले गये थे उन्हीं के द्वारा मेरे पुत्र के साथ कोई अनहोनी घटना घटित की है, तभी से मेरा पुत्र लपता है, पीडि़त परिवार की मांग है कि उक्त लोगों के विरूद्ध कार्यवाही करते हुए कठोर पूछताछ की जावे तो निश्चित ही मेरे पुत्र का पता लग सकता है।
“गुड़ी पड़वा पर शांति धारा कर देश की खुशहाली की कामना की,
पाठशाला जाकर धर्म की प्रारंभिक शिक्षा ग्रहण करें — मुनि सागर महाराज”
पाठशाला जाकर धर्म की प्रारंभिक शिक्षा सभी को ग्रहण करना चाहिए।लौकिक में भी सात फेरे होते हैं। पाठशाला भी विद्यालय हैं, जहां पहली कक्षा में प्रवेश लेकर धर्म ध्यान सीखना है। अहिंसा ही परमो धर्म है।नमिनाथ भगवान ने दुनिया के सभी साधु भेष छोड़ कर दिगंबर भेष अपनाया,सब कुछ छोड़कर ।वे परम दयालु थे, गृहस्थ आश्रम छोड़ दिया। अहिंसा हमारा अभिमान है,जैन शासन में अहिंसा का महत्व है। हिंसा दो प्रकार की होती है।एक द्रव्य हिंसा और दूसरी भाव हिंसा। जहां भी हिंसा है, वहां से कल्याण नहीं होगा।उक्त बातें नगर के श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन दिव्योदय अतिशय तीर्थ क्षेत्र किला मंदिर पर विराजित पूज्य गुरुदेव मुनिश्री भूतबलि सागर महाराज के परम प्रभावक शिष्य मुनि सागर महाराज ने कहीं। आपने कहा कि जीव हिंसा वाहन चलाते समय होने पर उसे बचाने के भाव होना चाहिए,प्रायश्चित लेवे। भावों में हिंसा नहीं हो ,यह आने पर रात्रि भोजन छूट जाएगा। सभी हिंसा से दूर पृथक होना ब्रह्मचर्य है।जब तक आरम – शारम है, संयास व ब्रह्मचर्य नहीं आएगा। सम्यकदृष्टि जान लेता है ।भाषा समझने के लिए साधुवाद का सहारा लेना होगा।तत्व सात है। मुनि सागर महाराज ने कहा कि संयास आश्रम वाले साधु को बारह परिग्रह से दूर रहना होता है और पिच्छिका – कमंडल के अलावा कुछ नहीं रखते हैं।मोक्ष प्राप्त करना है तो गृहस्थ आश्रम छोड़ कर मुनि दीक्षा लेना होगी। बिना दिगंबर मुद्रा के मोक्ष की प्राप्ति नहीं होती है। पिच्छिका हमारे पास मार्जन के लिए है। मुनिश्री ने कहा ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करें। प्रतिमा लेकर आत्म कल्याण करें। पूर्व कर्म का फल भोगना पड़ता है।आरम – शारम को विराम देकर अहिंसा धर्म का पालन करें।
दसलक्षण,सोलहकारण एवं अष्टांहिका महापर्व पर धर्म का पालन करें, इन पर्वों को सभी मिलजुल कर मनाया करें। नमिनाथ भगवान ने सबकुछ छोड़कर आत्म कल्याण करते हुए मोक्ष फल प्राप्त किया। विकार भावों पर नमिनाथ भगवान ने विजय प्राप्त की।राग वाली प्रतिमा रहेगी, तो वह हमें वीतरागी नहीं बनाएगी। नमिनाथ ने सभी इंद्रियों पर विजय प्राप्त की।
दक्षिण में भगवान की खड़ी प्रतिमाएं हैं जो आपको दिगंबर के लिए प्रेरित करती है। धर्म के क्षेत्र में विकास बड़ा है ,लेकिन अहिंसा में गिरावट आई है। पहले सैकड़ों पंचकल्याणक प्रतिष्ठा होती थी,आज हजारों पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव हो रहें हैं। अनेक काम मार से नहीं प्यार से होते हैं। क्रोध से नहीं क्षमा से जीतने का प्रयास करें। नमिनाथ भगवान की तरह सरल बनें। नगर के सभी जिनालयों में गुड़ी पड़वा पर्व पर शांति धारा कर देश की खुशहाली की कामना की गई।
“अभिजीत मुहूर्त में किया जयंती रोपण,आज कलश यात्रा के साथ प्रारंभ होगा प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव”
नगर के काछी मोहल्ले में स्थित प्राचीन श्रीराधाकृष्ण मंदिर के जीर्णोद्धारित नवीन देवालय में भगवान श्री राधाकृष्ण,श्री राम दरबार,शिवलिंग,लव कुश की अचल प्रतिमाओं का प्राण प्रतिष्ठा व संगीतमय श्रीमद्भागवत महापुराण महोत्सव आज 10 अप्रैल से प्रारंभ होगा जो 16 अप्रैल तक चलेगा
इस अवसर पर मातारानी के प्रथम दिवस पर जयंती का रोपण अभिजीत शुभ मुहूर्त में वैदिक विधि के द्वारा नगरपुरोहीत व विप्रजनों के द्वारा संपन्न किया गया।
“आज निकलेगी कलश यात्रा”
कुशवाह समाज की प्राण प्रतिष्ठा समति द्वारा बताया गया की उक्त आयोजन में प्राण प्रतिष्ठा हेतु समस्त धार्मिक कार्यों को संपन्न करने हेतु कलश यात्रा नगर के प्रमुख मार्गो से आज निकाली जावेगी
जिसमें सभी नगरवासी सादर आमंत्रित है।