आचार्य भगवंत विद्यासागर महाराज की समाधि के बाद भूतबलि सागर महाराज ने कहा था कि मेरी भी समाधि का समय आ गया है — मुनि सागर महाराज
आचार्य भगवंत विद्यासागर महाराज की समाधि के बाद गुरुदेव मुनि भूतबलि सागर जी महाराज ने कहा था कि मेरी भी समाधि का समय आ गया है।जिस प्रकार घर में बुजुर्गों के रहने से घर हरा-भरा लगता है,उसी प्रकार हमारे ऊपर गुरु का आशीर्वाद व सानिध्य एक पिता के समान था।हम चारों मुनिगण एक साथ ही धर्म आराधना, सामायिक सहित निहार चर्या आदि करते थे।भावना भव नाशिनी है।यह कलयुगी संसार है।चेतन को हम भूला नहीं सकते हैं।
गुरुदेव भूतबलि सागर महाराज से पूछकर काम करते थे। गुरु होकर भी शिष्य जैसे थे कभी कोई पदवी नहीं ली। आचार्य भगवंत विद्यासागर महाराज से मिलने के दौरान उन्हें कहा था कि जब हाथ पैर काम करना बंद कर दें तो समाधि ले लेना। अपने गुरु की बातों पर अमल करते हुए समाधि मरण किया।
उक्त बातें नगर के श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन दिव्योदय अतिशय तीर्थ क्षेत्र किला मंदिर पर मुनि भूतबलि सागर जी महाराज की समाधि मरण के दूसरे दिन उनके परम प्रभावक शिष्य मुनि सागर महाराज ने आशीष वचन देते हुए कहीं। मुनिश्री के प्रवचन की जानकारी देते हुए समाज के नरेन्द्र गंगवाल ने बताया कि मुनि सागर महाराज ने कहा कि पूज्य गुरुदेव ने हम तीनों को मुनि दीक्षा देकर अपना हमें शिष्य बनाकर उपकार किया।
ब्रह्मचर्य सहित 11 प्रतिमा,28 गुणों का पालन कराया। उन्होंने रत्नात्रय प्रदान किया।35 साल से आपके साथ और 30 चातुर्मास किया । मुनि सागर महाराज ने कहा हमारे कारण उत्तर भारत में प्रवेश किया।2006 में मध्यप्रदेश आएं और यही के होकर रह गए।80 पार होते ही 50 किलो मीटर नित्य चलने वाले गुरु 5 किलों मीटर पैदल चलते थे। नेमावर में एक दिन आचार्य भगवंत के पास रुके।
आचार्य श्री से गुरु ने पूछा आपको बिना चश्मे के दिखता है, उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा हां। हाथ पैर कमजोर हो जाए ,जब समाधि संलेखना लेना। उसके पहले समाधि लेने से आचार्य भगवंत विद्यासागर महाराज ने मना किया था। आचार्य श्री की समाधि के बाद उन्होंने हमें कह दिया था अपना -अपना देख लेवे,मेरा समय आ गया है।हम सभी का भोपाल से बुंदेलखंड जाने का था, लेकिन आष्टा वालों की भक्ति ने यहां रोक लिया।
गुरुदेव ने चारों प्रकार का त्याग कर दिया था। नाभि के ऊपर से प्राण निकलने पर व्यक्ति ऊपर ही जाता है। नाभि के नीचे से मृत्यु होने पर दुर्गति होगी। आत्मा शरीर से जातें समय बहाना ढूंढ़ती है । गुरु के द्वारा दी गई शिक्षा, संस्कार बरकरार रहेंगे। भूतबलि सागर जी महाराज को आप सभी ने गुरु माना है दिल में बैठाकर रखें।हम सभी उनके जैसे समाधि मरण करें।
“मंडी परिसर में व्यापारियों का इस तरह होने वाले नुकसान का जिम्मेदार आखिर कौन..?”
आष्टा कृषि उपज मंडी के व्यापारी मंडी में घुसने वाले इन मवेशियों से परेशान है,ये आवारा मवेशी व्यापारियों का खरीदा माल खाती कम है और बोर फाड़ कर नुकसान ज्यादा करती है।
मंडी प्रशासन का आपुष्ट दावा है कि मंडी में करीब 50 सुरक्षा कर्मी हर बात की सुरक्षा के लिये तैनात रहते है,वैसे हमेशा वर्दी में 5-10 से ज्यादा कभी नजर नही आये.? बड़ा प्रश्न तो फिर बाकी सुरक्षा कर्मी कहा तैनात रहते है,इनकी समय समय पर कौन जांच करता है,क्या कभी किसी ने एक साथ 50 सुरक्षा कर्मी किसी ने भी देखे है.?
तो क्या ये माना जाये कि सब गोलमाल है भाई..? या कागजो में 50 ही दर्ज है.. उम्मीद है मंडी सचिव इस मुद्दे पर कुछ कहेंगी.? ओर अगर वे ना बोले तो भारसाधक अधिकारी जी जरूर इस समस्या और मुद्दे को जरूर संज्ञान में लेंगी । बड़ा प्रश्न मंडी परिसर में व्यापारियों का इस तरह होने वाले नुकसान का जिम्मेदार आखिर कौन..?
“पार्वती थाना पुलिस को मिली बडी सफलता…24 घण्टे के अंदर ओमनी कार चोरी करने वाले चोर को ओमनी वेन के साथ पकडा”
पुलिस अधीक्षक सीहोर श्री मंयक अवस्थी के निर्देशानुसार अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री गीतेश गर्ग एवं श्री आकाश अमलकर एस.डी.ओ.पी. आष्टा के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी पार्वती चिन्मय मिश्रा को चोरी की वारदातो पर अंकुश लगाने हेतु व चोरी के आरोपीगण पर प्रभावी कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया था ।
थाना पार्वती पुलिस द्वारा थाना क्षेत्र में चोरी की वारदात को अंजाम देने वाले व्यक्तियो के विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही करते हुए एक ओमनी वेन जप्त कर आरोपीगण पर वैधानिक कार्यवाही करने मे सफलता प्राप्त की है । दिनाँक 26.03.24 को फरियादी राजेन्द्र मेहता उम्र 44 वर्ष नि. रायल कालोनी बायपास आष्टा थाना पार्वती ने रिपोर्ट किया कि दिनांक 17.03.2024 को गाडी रायल कालोनी स्थित मकान के पास रखी थी ।
जो सुबह नही मिली गाडी फरियादी की गाडी कोई अज्ञात चोर चोरी कर ले गया। फरियादी की रिपोर्ट पर थाना पार्वती पर अपराध क्रमांक 142/24 धारा 379 भादवि का पंजीबध्द कर विवेचना में लिया गया तथा थाना प्रभारी पार्वती के नेतृत्व में पुलिस टीम का गठन किया गया। चोरी गई ओमनी वेन की तत्काल पतारसी एवं आरोपीयो की गिरफ्तारी हेतु सीसीटीव्ही केमरे एवं हाईवे रोड पर ढाबो एवं दुकानदारो व अन्य लोगो से माल मुल्जिम की तलाश करते हुए बांसला जोड पहुचें ।
जहाँ माल मुल्जिम के संबंध में पुछताछ करने पर मुखबिर से सूचना मिली की एक ओमनी वेन सफेद रंग की लगभग 7-8 दिन से शाहबुद्दीन खेडा के जंगल नदी किनारे (थाना अकोदिया) के पास खडी है की सूचना की तस्तीक हेतु वहाँ पहुचे जहाँ पर सफेद रंग की ओमनी वेन दिखी वहाँ पहुचने लगे की पुलिस को देखकर दो लडके वेन में निकलकर भागे जिसमें से पीछा कर एक लडका जंगल में भाग गया एवं एक लडके को पुलिस ने पकड़कर अभिरक्षा में लिया गया। जिससे ओमनी वेन के संबध में पुछताछ करने पर उसने बताया कि दिनांक 17-18 /03/2024 की रात्री में रायल कालोनी बायपास आष्टा से उसके एवं उसके दोस्त के द्वारा चुराकर लाकर वहाँ छुपाना बताया गया ।
दोनो आरोपीयो द्वारा यहाँ से हटाकर उसको कही मुकाम लगाने कि फिरात थे उससे पुर्व ही पुलिस द्वारा मौके पर पहुचकर वाहन को जप्त कर तथा आरोपी के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही की गई। आरोपियों का
नाम आरोपी – 1.अमन खाँ पिता शाबीर खाँ उम्र 20 वर्ष निवासी ग्राम अरनिया कलाँ थाना अव. बडोदिया जिला शाजापुर , 2. पवन पिता लखन सिहं बकोरिया निवासी खेजडिया थाना अव. बडोदिया जिला शाजापुर (फरार) है। उक्त कार्यवाही में थाना प्रभारी पार्वती चिन्मय मिश्रा, उनि हरिनारायण वर्मा , प्र.आर. मनोज वर्मा, आर. राहुल वर्मा, आर. कुन्दन चौधरी, आर. सचिन सै. मनोहर सै. हरिसिंह, सै. जगदीश, सै. सुनिल व थाना पार्वती पुलिस का सराहनीय योगदान रहा।