आष्टा । आशीर्वाद के तले छांव में नगर में खनिज विभाग की कुंभकर्णी नीद में सोये होने के कारण धड़ल्ले से रॉयल्टी चोरी कर शासन को रॉयल्टी के रूप में मिलने वाले बड़े राजस्व की चोरी कर चुना लगाया जा रहा है।
सबसे बड़ी ओर आश्चर्य की बात यह है की जिसे ये सब देखना है,जांच करना है,उसे सड़को पर होना चाहिये वो मद मस्त होकर चेन की बंशी बजा कर सो रहा है।
आष्टा में ओर आष्टा से रोजाना सुबाह सुबाह विभिन्न मार्गों से बचते बचाते, सेवा पानी करते करते कई डंपर विभिन्न मार्गों से आष्टा भी आते है और आष्टा हो कर वे देवास शुजालपुर की ओर भी निकल जाते है।
हाईवे से जाते इन डंपरों की जिसने रॉयल्टी चुकाई या नही,कितनी रेत भरी है,कितनी की क्षमता है,रॉयल्टी कितनी की चुकाई है,क्या जा रहा डंपर ओवरलोड तो नही है आदि की, ना जांच कोई करता है और जब जांच ही नही तो कार्यवाही का तो सवाल ही पैदा नही होता है।
ऐसा नही की यह जो कुछ हो रहा है,चल रहा है वो किसी को ज्ञात नही है। ज्ञात तो सभी को हे लेकिन तेरी भी चुप ओर मेरी भी चुप की तर्ज पर सब मस्त है।
इस पूरे मामले के लिये सरकार का खनिज विभाग है,लेकिन खनिज विभाग के जिम्मेदारों को जिला मुख्यालय से बहार निकलने का जैसे किसी बीमारी के चलते मना कर दिया गया हो
कि आप पहली बात तो घर से बहार ही नही निकलोगे ओर अगर किसी कारण से निकलना भी पड़े तो आप सीहोर नगर की सीमा को क्रास नही करेंगे क्योंकि आप को किसी भी तरह की हवा लग सकती है और अगर किसी ऐसी वैसी हवा ने आपको अपने आगोश में ले लिया तो उस हवा से मुक्ति में आपकी हवा निकल सकती है।
आष्टा नगर में बालू रेत के जितने बड़े बड़े टीले नजर आयेंगे समझो उतना ही बड़ा रॉयल्टी चोरी का खेल मचा हुआ है। आज आष्टा हैडलाइन के कैमरे में एक डंपर कैद हो गया इस डंपर में चित्र देखने से ही
पेप-ओन नाम से मांगे,सब जगाह उपलब्ध
आप सब अनुमान लगा लेंगे की ये ओवरलोड है,इसमें क्षमता से अधिक बालू भरी है । ओवरलोड डंपर थाना,तहसील,चौकी सब के सामने से हो कर ही आते है,ये डंपर भी इन सब स्थानों के सामने से ही आया था। पर बड़ा सवाल देखे कौन.? क्या मप्र सरकार इस ओर ध्यान देगी.?