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आष्टा । 9 फरवरी को ग्राम खजुरिया कासम में एक बाइक पर सवार होकर आए दो शिकारीयो ने एक मासूम हिरण का शिकार किया । जिस वक्त शिकारीयो ने मासूम हिरण को गोली मारी तब मौके के आसपास ही खेतों पर काम कर रहे युवकों ने इन शिकारियों को देख लिया तथा उन्हें पकड़ने के लिए जब पीछा किया तब यह दोनों शिकारी अपनी बाइक पर सवार होकर भाग निकले ।

राष्ट्रीय बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने इसकी सूचना वन विभाग को दी वन विभाग मौके पर पहुंचा तथा दूसरे दिन मृतक हिरण का आष्टा में पीएम कराया गया । एवं अज्ञात आरोपियों के खिलाफ वन्य जीव संरक्षण अधिनियम की धाराओं के अंतर्गत मामला दर्ज कर इसकी जांच डिप्टी रेंजर सजनसिंह भिलाला ने शुरू की। खबर लिखे जाने तक पीएम रिपोर्ट नही मिलना बताया गया है। वही सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हिरण के शरीर से दो छर्रे निकले है।

इस मामले में घटना दिवस पर जब वन विभाग के अधिकारियों से चर्चा की गई तब उन्होंने बताया कि एक बाइक का फोटो प्राप्त हुआ है जिसमें उसके नंबर जब आरटीओ के पोर्टल पर डालकर देखा गया तब वह बाइक किसी के भी नाम दर्ज नहीं है। इसलिए अब बाइक जो आष्टा के किसी शोरूम से उठी है,वहां इसकी जानकारी एकत्रित की जायेगी।

जल्द ही आरोपियों तक पहुंच जायेंगे। दूसरे दिन खबर आई की आरोपियों की तलाश में वन विभाग अमला लगा है लेकिन वह भागने में सफल हो गए हैं । उसके बाद जब वन विभाग से पुनः संपर्क किया गया तब बताया गया की बहुत जल्द आरोपी को गिरफ्तार हो जाएंगे । लेकिन 5 दिनों के बाद भी आरोपी तक वन विभाग का अमला नहीं पहुंच पाया है,जो समझ से परे है । वहीं सूत्रों के हवाले से खबर एक ही घटना दिवस के बाद से ही क्षेत्र का एक कांग्रेस का नेता इस मामले को लेकर कुछ अधिक ही सक्रिय नजर आ रहा है.? इसके पीछे तरह तरह की चर्चा भी आ रही है। वही सूत्र बताते है कि इसके पीछे सूत्र जो बता रहे है की कांग्रेस नेता का कोई ना कोई रिश्तेदार इस मामले में कहीं ना कहीं किसी भी स्तर पर शामिल है । तथा उसे बचाने के प्रयासों में भाग दौड़ मचा रखी है ।

सही क्या है इसकी तह में जाने के भी प्रयास हो रहे है। देखना है इस मामले में आरोपी कब तक गिरफ्तार होता है। वहीं आज चल रही तरह तरह की चर्चाओं के बाद इस मामले की जांच कर रहे डिप्टी रेंजर श्री सजनसिंह भिलाला ने बताया कि अभी पीएम रिपोर्ट नही मिली है,अज्ञात आरोपियों पर मामला दर्ज कर लिया है। जो सूचना कर्ता है वे उसे चेहरे से पहचान सकते है। वही जो बाइक इस मामले में उपयोग हुई है जिसका फोटो भी मिला है उसका आखरी का नम्बर सही नजर नही आ रहा है । आखरी का नम्बर 3 है या 8 दोनों को मान कर सर्च किया जा रहा है।

घटना से लेकर आज 5 दिनों में जिस तरह जो अलग अलग बाते सामने आई उससे लगता है कही आरोपी अज्ञात ही नही रह जाये। जांच में अगर बाइक का नम्बर सही नही समझ मे आ रहा है तो क्या उसकी पहचान बाइक के चेचिस नम्बर,इंजन नम्बर की जांच से आरोपियों तक नही पहुचा जा सकता है.? घटना दिवस के बाद अचानक मुद्दई के भी सुस्त होने से जांच की तेज गति अचानक धीमी पढ़ना भी समझ से परे है।

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