Spread the love

आष्टा । आष्टा कृषि उपज मंडी का मदमस्त प्रशासन आष्टा कृषि उपज मंडी में आने वाले किसान अन्नदाता किस तरह परेशान होते हैं इसकी शायद उसे कोई चिंता नहीं है.? क्योंकि वह अपनी मस्ती में ही मद-मस्त है ।

पिछले दिनों दिल्ली से कृषि मूल्य एवं लागत आयोग के एक दल ने आष्टा कृषि उपज मंडी का निरीक्षण किया था तथा दावा किया था की आष्टा की ई कृषि उपज मंडी में कोई समस्या नहीं है तथा उनका प्रयास है की मंडी में आने वाला किसान कम से कम समय मंडी में रुके,उसे अच्छे से अच्छा ऊंचा भाव मिले तथा अच्छी सुविधा मिले ।

आये इस दिल्ली के दल के दावों की खोल दी मंडी ने पोल

लेकिन कृषि मूल्य एवं लागत आयोग के दावों की एवं उसके सुधारवादी सपनो की आष्टा कृषि उपज मंडी के प्रशासन ने चंद दिनों में ही हवा निकाल दी। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण आज सुबह से ई पर्ची काउंटर पर लगे सैकड़ो किसानों की लाइन ने पोल खोल कर रख दी। लाईन में लगे पीपलिया कैलाश ग्राम के एक किसान जितेंद्र उदैनिया ने इस प्रतिनिधि को बताया कि दो दिनी अवकाश के बाद आज कृषि उपज मंडी खुली है ।

आज सुबाह से ही मंडी में किसानों बड़ी संख्या में उपज लेकर आये है। मंडी में भारी आवक हुई है । वहीं किसान अपनी कृषि उपज बेचने के पूर्व ई पर्ची काउंटर पर ई पर्ची बनवाने के लिए कड़कती ठंड में सुबाह से ही लाइन में लगे हैं । समाचार लिखे जाने तक सैकड़ो किसान कृषि उपज मंडी के ई काउंटर पर लाइन लगाकर खड़े हैं तथा परेशान हो रहे हैं । वही मदमस्त कृषि उपज मंडी समिति का कोई जिम्मेदार अधिकारी इस काउंटर पर नहीं पहुंच रहा है । जो कर्मी है वे अपने हिसाब से कार्य कर रहे है,धीमी गति से किसानों की लाइन बढ़ती जा रही है।

खबर है कि 2 दिन के अवकाश के कारण मंडी सचिव भी जो की आष्टा काम और भोपाल ज्यादा रहती है । अभी आष्टा नही पहुची है। वे कब आती है कब चली जाती है इसका कोई समय नही है। आष्टा कृषि उपज मंडी में किसान की इस परेशानी को आखिर कौन संज्ञान लेगा .? कलेक्टर सीहोर एवं एसडीएम आष्टा को चाहिए कि आष्टा कृषि उपज मंडी के प्रशासन की लापरवाही पर एवं परेशान हो रहे किसान की परेशानीयो का स्थाई हल किया जाये।

error: Content is protected !!