आष्टा। नगर के गणेश मंदिर,राम मंदिर,अलीपुर के मंदिर सहित अन्य मंदिरों सहित गंज के मंदिर में विजयदशमी पर्व की रात्रि को मां अंबे महारानी की स्थापना ज्योत प्रज्वलित कर की गई थी। जिसका समापन जुलूस सोमवार 30 अक्टूबर की शाम 7:30 बजे पश्चात गाजे बाजे के साथ हुआ।
आगे अखाड़े के कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करते हुए चल रहे थे। वही उनके पीछे गरबा खेलती हुई बालिकाएं चल रही थी। मां अंबे की पालकी को अपने हाथों में लेकर समाज के लोग चल रहे थे। नित्य ही भक्ति भाव के साथ मां अंबे महारानी की आरती पूजा अर्चना एवं गरबा किया ।
नगर के गंज स्थित सोमवंशीय श्री राधा कृष्ण मंदिर से सोमवार 30 अक्टूबर की शाम 7 बजे पश्चात विसर्जन जुलूस गाजे-बाजे एवं ढोल ढमाके के साथ निकाला गया। उक्त जुलूस में बनाया गया कृत्रिम हाथी जिस पर राधा कृष्ण की झांकी तथा गरबा खेलती बालिकाएं आदि आकर्षण का केंद्र रही। समिति के अध्यक्ष निर्मल किलोदिया ने बताया कि नगर के गंज स्थित मंदिर में 24 अक्टूबर की रात्रि को मां अंबे महारानी की ज्योत प्रज्जवलित कर स्थापना की गई थी
जहां सभी चौक चौराहों में लोगों ने पूजा अर्चना की और मां की विदाई में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। विसर्जन के दौरान शहर भर में पुलिस की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था थी। जुलूस पार्वती नदी पहुचा यहा पर माँ अम्बे महारानी की आरती पूजन के बाद विधि विधान के साथ ज्योत का विसर्जन किया गया।