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आष्टा । 31 अक्टूबर को सरदार पटेल की 148वीं जयंती शास्त्री स्मृति विद्या मंदिर हायर सेकेंडरी स्कूल आष्टा में मनाई गई। इसमें विद्यालय के प्राचार्य सुनील शर्मा ने बच्चों को जानकारी देते हुए बताया कि 31 अक्टूबर भारत की एकता के सूत्रधार कहे जाने वाले सरदार पटेल की जयंती है। महान स्वतंत्रता सेनानी सरदार पटेल भारत के पहले उपराष्ट्रपति व पहले गृहमंत्री रहे । जब भारत आजाद हुआ था तब भारत 550 से ज्यादा रियासतों में बांटा हुआ था। इन्हें भारत में मिलाने में सरदार पटेल ने सबसे अहम भूमिका निभाई। यह वजह है कि वह राष्ट्रीय एकता के प्रतीक बन गए। उनका जन्मदिन देशभर में राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है।

सरदार वल्लभभाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के नडियाद में हुआ था। सरदार पटेल अपने बेहतरीन नेतृत्व और प्रशासनिक क्षमताओं के कारण भी जाने जाते थे। पूरे भारत को एकता के सूत्र में पिरोने वाले सरदार पटेल को भारत का बिस्मार्क भी कहा जाता था। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद देशी रियासतों को एकीकरण कर अखंड भारत का निर्माण करने वाले सरदार पटेल को भुलाया नहीं जा सकता। उनके इन्हीं कार्य को देखकर आज भी भारत वर्ष उन्हें याद करता है तथा गुजरात में सरदार सरोवर बांध पर भारत का सबसे बड़ा स्टैचू ऑफ यूनिटी सरदार पटेल को समर्पित किया गया है जो हमें उनकी हमेशा याद दिलाता है। उक्त जानकारी सरदार पटेल के जन्मदिवस के दी गई।


इस अवसर पर संस्था के छात्र-छात्राएं अंबिका शर्मा, शौर्य राठौर,अलीना मंसूरी, कनिष्का जोशी, रोशन मालवीय, दीक्षा विश्वकर्मा, सुमित पिछोलिया व मनीषा बालोदिया ने भी सरदार पटेल के जीवन पर प्रकाश डाला।
अंत में संस्था की शिक्षिका श्रीमती सुषमा शर्मा ने बच्चों को संकल्प दिलवाया कि सरदार पटेल के जीवन से हमें प्रेरणा लेनी चाहिए कि हम दृढ़ संकल्पित हो वह अपने संकल्प को पूरा करने के लिए हमेशा प्रयासरत रहे।

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