सीहोर । पुलिस अधीक्षक सीहोर मयंक अवस्थी के निर्देशन में समस्त थाना प्रभारियों को थाना अंतर्गत निरंतर वाहन चेकिंग कर बिना नंबर, बिना कागजात वाहनों की चेकिंग हेतु निर्देशित किया गया है। निर्देश पालन में भेरुन्दा पुलिस द्वारा वाहन चेकिंग के दौरान बुलेट चालक नरेन्द्र पवार पिता लक्ष्मी नारायण पवार निवासी ग्राम बाईसात के विरुद्ध बुलेट वाहन क्रमांक mp 37 mu 7885 के शायलेंसर को मोडीफाइड कर पटाखे की आवाज में वाहन चलाते मे व
ध्वनि प्रदुषण कर आम जनता में भय उत्पन्न करने के विरुद्ध मोटर व्हीकल की पृथक -पृथक धाराओं के अंतर्गत वाहन जप्त कर इस्तगासा न्यायालय भेरुन्दा में पेश किया गया। जो दिनांक 16/10/23 को न्यायालय द्वारा बुलेट चालक के विरुद्ध 14,000/-हजार रुपये का जुर्माना किया गया। समस्त बुलेट चालकों से पुनः भेरुन्दा पुलिस अपील करती है कि आपकी बुलेट में लगे पटाखे युक्त मोडीफाइड शायलेंसर का उपयोग ना करें विधिवत कंपनी द्वारा दिए गए शायलेंसर का ही उपयोग करें।
“12 वैकल्पिक फोटोयुक्त दस्तावेजों में से कोई एक भी दिखाकर मतदाता कर सकेंगे मतदान”
मतदाता का नाम मतदाता सूची में दर्ज है परंतु उसके पास किसी वजह से मतदाता परिचय पत्र उपलब्ध नहीं है। तो भी वह मताधिकार का उपयोग कर सकेगा। मतदाता परिचय पत्र के अलावा 12 वैकल्पिक फोटो युक्त दस्तावेज दिखाकर मतदान कर सकेंगे। इसी प्रकार यदि किसी कारण से किसी नागरिक को मतदाता सूचना पर्ची प्राप्त नहीं होती है, लेकिन उसका नाम मतदाता सूची में दर्ज है तो भी वह मतदान कर सकेगा। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री अनुपम राजन ने बताया कि सभी विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में सभी मतदाताओं को फोटो पहचान पत्र जारी किया जा रहा है।
जो मतदाता वोटर आईडी कार्ड प्रस्तुत करने में सक्षम नहीं हैं, उन्हें अपनी पहचान स्थापित करने के लिए 12 वैकल्पिक फोटोयुक्त पहचान दस्तावेजों में से कोई एक दिखाना होगा। उन्होंने बताया कि 12 वैकल्पिक फोटोयुक्त पहचान दस्तावेजों में आधार कार्ड, मनरेगा जाब कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, भारतीय पासपोर्ट, फोटो सहित पेंशन दस्तावेज, केंद्र,राज्य सरकार,
पीएसयू,सार्वजनिक लिमिटेड कंपनियों द्वारा कर्मचारियों को जारी किए गए फोटोयुक्त सेवा पहचान पत्र, बैंक,डाकघर द्वारा जारी फोटोयुक्त पासबुक, राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के तहत आरजीआई द्वारा जारी स्मार्ट कार्ड, श्रम मंत्रालय की योजना के तहत जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड, सांसदों,विधायकों,एमएलसी को जारी किए गए आधिकारिक पहचान पत्र और भारत सरकार के सामाजिक न्याय मंत्रालय द्वारा दिव्यांगजनों को जारी यूनिक डिसेबिलिटी आईडी शामिल है।
अप्रवासी भारतीय मतदाताओं (एनआरआई) को केवल पहचान के लिए अपना मूल पासपोर्ट दिखाना होगा। यदि ईपिक में किसी मतदाता के फोटोग्राफ आदि का मिलान न हो पाने के कारण मतदाता की पहचान करना संभव नहीं है, तो उस मतदाता को उपरोक्त 12 वैकल्पिक फोटोयुक्त दस्तावेजों में से कोई एक दिखाना होगा।