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आष्टा । आष्टा के शासकीय महाविद्यालय को मप्र सरकार ने छात्रों की लगातार आई मांग पर इस कॉलेज का नाम शासकीय अमर शहीद भगतसिंह के नाम पर किया । जब उक्त कॉलेज शहीद भगतसिंह के नाम हो गया तो छात्र संगठनो एनएसयूआई-विद्यार्थी परिषद ने कॉलेज में अमर शहीद भगतसिंह की मूर्ति लगाने की ,कुछ माह पूर्व अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने मूर्ति लगाने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन किया जो विधायक के द्वारा मूर्ति लगाने की मांग की बात मानने,लिखित में पत्र देने के बाद धरना खत्म हुआ था।

जिस कॉलेज के छात्र कॉलेज में अमर शहीद भगतसिंह जी का नामकरण कराने,उनकी प्रतिमा स्थापित कराने के लिये आंदोलन किये,कई बार,कई दिनों तक आंदोलन किये उस कॉलेज में आज उस युवा अमर शहीद की ही जयंती नही मनी इसको लेकर आज सोशल मीडिया पर काफी कड़ी प्रतिक्रिया चैटिंग के माध्यम से देर रात तक होती रही है। अब बड़ा प्रश्न यह उठ रहा है की आखिर कॉलेज प्रशासन ने आखिर जिस शहीद भगतसिंह जी के नाम उक्त कॉलेज है उस ही कॉलेज में आखिर अमर शहीद भगतसिंह की जयंती क्यो नही मनाई गई.?

क्या ये मदमस्त पन का उदाहरण नही है.? क्या कॉलेज प्रशासन भूल गया था कि आज भगतसिंह जी की जयंती है। वही दूसरा प्रश्न यह भी खड़ा होता है कि चलो कॉलेज प्रशासन भूल गया पर छात्रों की लड़ाई लड़ने वाले दोनों प्रमुख छात्र संगठन एनएसयूआई-विद्यार्थी परिषद ने अमर शहीद भगतसिंह की जयंती क्यो नही मनाई ये भी एक बड़ा प्रश्न है। अब इस मामले में कालेज की जनभागीदारी समिति जिसके अध्यक्ष एसडीएम है वे क्या एक्शन लेते है इसका भी इंतजार है। वही कॉलेज में पूर्व छात्रों का भी एक संगठन है उसने भी इस दिन को क्यो याद नही रखा प्रश्न तो ये भी उठता है.?

अब कॉलेज की ओर क्या जवाब आता है इसका इंतजार है.. लेकिन एक अमर शहीद को जिसने भरी जवानी में अपने आप को भारत को आजाद कराने के अंग्रेजो के खिलाफ आंदोलन में,उनकी दमनकारी नीतियों के खिलाफ भारत माता को आजाद कराने के लिये अपने प्राण तक दे दिये। वैसे ऐसा भी हो सकता है कि सुबाह तक ये खबर भी आ सकती है की जयंती मनाई गई थी.!

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