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आष्टा । न्यायालय परिसर आष्टा में राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के आदेशानुसार नेशनल लोक अदालत सम्पन्न हुई। लोक अदालत का शुभारम्भ माॅ सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष तहसील विधिक सेवा समिति आष्टा के अध्यक्ष

प्रथम जिला न्यायाधीश, श्री सुरेश कुमार चौबे तथा द्वितीय जिला न्यायाधीश श्री कंचन सक्सेना, न्यायाधीशगण श्रीमती वंदना त्रिपाठी, श्री एम.एन.एच. रजवी, श्रीमती ऋचा राजावत, सुश्री आयुषी गुप्ता, श्रीमती रिचा जैन, भारतीय स्टेट बैंक, आष्टा कन्नौद रोड, कन्नौद मिर्जी, कोठरी, जावर, के मुख्य शाखा प्रबंधक भगत सिंह,अनिल कुमार सिंह, एवं प्रबंधक जावर शंभू चैधरी प्रबंधक रजत जैन, प्रबंधक देवानंद सातनकर, मध्यप्रदेश विद्युत वितरण कम्पनी लिमिटेड के उपमहाप्रबंधक अजय कुमार वाधवानी अधिवक्ता संघ अध्यक्ष कृपाल सिंह ठाकुर,सचिव कुलदीप शर्मा अधिवक्तागणो ने माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर किया ।

प्रथम जिला न्यायाधीश श्री सुरेश कुमार चौबे एवं भारतीय स्टेट बैंक के डीजीएम श्री शिव श्रीधर द्वारा वर्षा ऋतु में जिन पक्षकारों ने न्यायालय में इस नेशनल लोक अदालत में राजीनामा कर अपने प्रकरण समाप्त करवाये उनको गमलो सहित पौधों का वितरण किया गया ।

लोक अदालत का चर्चित मामला यह रहा कि शुजालपुर जिला शाजापुर निवासी श्रीमति प्रतिभा अपने एक बच्चे के साथ छः माह से घर पर पति प्रमोद व्यास से मनमुटाव के कारण घर बैठी थी उसे श्री सुरेश कुमार चौबे प्रथम जिला न्यायाधीश, आष्टा तथा न्यायाधीश श्रीमती वंदना त्रिपाठी न्यायिक मजिस्ट्रेेट प्रथम श्रेणी आष्टा अजब सिंह ठाकुर अधिवक्ता की समझाईश से पति प्रमोद व्यास के साथ अलग रह रही उनकी पत्नी प्रतिभा के बीच प्रकरण में समझाईश देकर राजीनामा करवाया गया एवं पुष्पगुच्छ देकर दोनों को हंसी-खुशी साथ रहने हेतु ससुराल रवाना किया गया।

लंबित प्रकरणों में प्रथम जिला न्यायाधीश श्री एस.के.चौबे के न्यायालय मे कुल 250 विद्युत प्रकरण निराकरण के लिए रखे गए थे। जिसमें से राजीनामा अनुसार कुल 102 प्रकरणों का निराकरण हुआ। जिसमें 870417 रूपये राशि जमा करायी गयी, तथा अन्य लिटिगेशन प्रकरणों में जिसमे कुल 373 प्रकरण रखे गए थे जिनमें से 28 प्रकरणों में 56 पक्षकारो को 26,63,494 समझौता राशि दिये जाने के आदेश न्यायालय द्वारा किये गये।

द्वितीय जिला न्यायाधीश कंचन सक्सेना के न्यायालय मे कुल 56 प्रकरण निराकरण हेतु रखे गये थे जिसमें से 22 प्रकरणों का निराकरण हुआ। जिसमें 53 पक्षकारगण को 37,14,604 रूपये का लाभ हुआ।

न्यायिक मजि. प्रथम श्रेणी श्रीमती वंदना त्रिपाठी के न्यायालय में प्रीलिटिगेशन के सम्पत्तिकर/जलकर के कुल 70 प्रकरणों का निराकरण हुआ जिसमें 70 पक्षकारगण 3,88,068 रूपये जमा कराये गये तथा अन्य 60 प्रकरण निराकरण हेतु रखे गए थे जिनमें 33 प्रकरणों में आपसी सहमति से प्रकरणों का निराकरण हुआ, तथा 126 पक्षकारों को 8,99,200 रूपये का लाभ प्राप्त हुआ ।

इसी प्रकार श्री एम.एन.एच. रजवी के न्यायालय में बैंक प्रीलिटिगेशन के कुल 303 प्रकरण जिसमें से 3 का निराकरण हुआ और 6 पक्षकारगण को 1,56,000 रूपये राशि राजीनामा अनुसार जमा करायी गई एवं अन्य 283 प्रकरण निराकरण हेतु रखे गए थे जिसमें ने 16 प्रकरणों का निराकरण हुआ जिसमें 29 पक्षकार 6,57,500 रूपये लाभान्वित हुए।

श्रीमती ऋचा राजावत के न्यायालय में 486 प्रकरण निराकरण हेतु रखे गए थे जिसमें से 25 प्रकरण निराकृत हुए तथा 54 पक्षकारगण को 13,15,224 रूपये का लाभ प्राप्त हुआ।

सुश्री आयुषी गुप्ता के न्यायालय में 31 प्रकरण निराकरण हेतु रखे गए थे जिसमें से 31 प्रकरण निराकृत हुए तथा 66 पक्षकारगण को 10,93,380 रूपये का लाभ प्राप्त श्रीमती रिचा जैन के न्यायालय में 955 प्रकरण निराकरण हेतु रखे गए थे । जिसमें से 24 प्रकरण निराकृत हुए तथा 62 पक्षकारगण को 33,31,000 रूपये का लाभ प्राप्त हुआ।

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