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सीहोर/आष्टा । क्या कोई जिला अधिकारी एक ही स्थान पर 9 साल तक पदस्थ रह सकता है..शायद उत्तर होगा नही.! पर मानना पड़ेगा सीहोर जिले के ड्रग इंस्पेक्टर को क्या गजब की सेटिंग होगी,क्या गजब का उनका कार्यकाल होगा,क्या गजब की निगाह,दोस्ती होगी

जो उन्होंने एक ही जिले में करीब 9 साल निकाल दिये,9 साल में जो पाप का घड़ा भराया वो अब फूटने की कगार पर आ गया क्योकि अब उनके आशीर्वाददाता खुद गर्दिश में है।

पीड़ित व्यापारियों की ओर से अनिल धनगर ने खुल कर बात की

जी हां हम बात कर रहे है सीहोर जिले में पदस्थ ड्रग इंस्पेक्टर किरण कुमार मगरे की। इनकी मनमानी,खुली लूट,भ्रष्टाचार,कार्यप्रणाली में तब तक कार्य नही करना जब तक कार्य की प्रणाली विकसित ना हो जाये,दलालों के इशारे पर कार्य करना,सही कार्य को अटका कर रखना

आदि का तंग आ चुके व्यापारियों ने सबसे पहले दवा बिक्रेता संघ के चुनाव में उस जड़ को काटा जो मगरे साहब को पोषण आहार दे कर इनकी मनमानी को पुष्ट करते थे। उसके बाद व्यापारियों ने डीआई का इलाज शुरू किया। पिछले दिनों जन सीएम आष्टा आये तब दवा बिक्रेताओं ने जिले के डीआई किरण कुमार मगरे की लंबी चौड़ी गम्भीर आरोपो की शिकायत कर ज्ञापन सौपा।

आरोप गम्भीर होने पर सीएम ने इस मामले की जांच के आदेश दिये। जिला स्वास्थ अधिकारी डॉ रामहित कुमार की अध्यक्षता में जांच कमेटी गठित की। आज सभी दवा व्यापारियों,संगठनों को बयान देने,साक्ष्य,प्रमाण,दस्तावेज,लेकर सीहोर बुलाया।

शिकायत कितनी गम्भीर होगी इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है की डीआई के खिलाफ उसकी मनमानी के खिलाफ बयान देने जिले भर से करीब 100 से अधिक दवा व्यापारी सीहोर बयान दर्ज कराने पहुचे।

सीहोर विधायक श्री सुदेश राय को भी बताई समस्या

व्यापारियों ने प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि आज लिखित में बयान हुए। सूत्र बताते है आज भी अपना घड़ा फूटने के पहले डीआई किरण कुमार मगरे जिसके पास पहले व्यापारियों से मिलने,बात करने का समय नही होता था आज खुद चल कर व्यापारियों के पास पहुचे,उनसे मेल मिलाप समझौते के प्रयास किये पर कोई सफलता हाथ नही लगी।

अब देखना है जो भंडा फूटा है उसके परिणाम कब तक आते है। शिकायतों की तो जांच हो लेकिन इस बात की भी जांच मप्र सरकार को करना चाहिये कि ये अधिकारी आखिर जिले में 9 साल तक कैसे एक ही स्थान पर पदस्थ रहा,इनके आका,संरक्षक कौन है.?

इस मामले में आज जब हमने ड्रग इंस्पेक्टर किरण कुमार मगरे से चर्चा की तब उन्होंने बताया कि निश्चित कुछ व्यापारियों की समस्या थी उन्होंने शिकायत की थी आज मैं उनसे मिला तथा उन्हें बताया है कि उनकी कुछ भ्रांतियां हैं उनके काम बताएं नहीं होते लेकिन कई कार्यो में कुछ त्रुटियां होती है कमी होती है जब तक वह त्रुटि और कमियां दूर नहीं होती कम नहीं होते और आज उनसे चर्चा भी की गई है वही जो नमूना लेने की बात सामने आई है तो गवर्नमेंट जो हमें लक्ष्य देती है उसके तहत हमें नमूने भी लेने पड़ते हैं

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