सीहोर । जघन्य एवं सनसनीखेज अपराध में एक नाबालिक को बहला फुलसाकर ले जाने एवं शादी कर बलात्संिग करने वाले आरोपी को आज सीहोर न्यायालय द्वारा 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 2000/- रूपये का अर्थदण्डर से दण्डित किया गया। घटना के बाद पीड़ित की रिपोर्ट पर थाना अहमदपुर पोलिवे ने
अपराध क्रमांक – 54/22 ,धारा- 363,366,343,376(2)(n),368,376(3),506,109 भादवि 5/6 पॉक्सोर एक्ट के अंतर्गत प्रकरण दर्ज किया था। आज विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो3) श्री अभिलाष जैन जिला- सीहोर के द्वारा मामले में आरोपी रामचरण अहिरवार पिता रमेश अहिरवार आयु 20 वर्ष निवासी लकेशरा थाना पचौर जिला राजगढ (म.प्र.) को दण्डित किया गया।
मीडिया सेल प्रभारी केदार सिंह कौरव ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया गया कि दिनांक 10/03/22 को सूचनाकर्ता पीडिता के चाचा द्वारा थाना अहमदपुर आकर बताया गया कि,पीडिता स्कूल का बोलकर गई थी, शाम तब जब वापस नहीं आई, हम सब ने आस-पास देखा एवं रिश्तेदारी में फोन लगाकर पूछा तो पीडिता का कोई पता नहीं चला। मेरी भतीजी पीडिता नाबालिक है, जिसे कोई अज्ञात व्यक्ति बहला फुसला कर ले गया है। पीडिता को दिनांक 16/03/2022 को आरोपी रामचरण के कब्जे से दस्तियाब किया गया, पूछताछ पर पीडिता ने बताया कि, आरोपी उसके पडोस में स्थित अपनी बहन के घर आता जाता था, जिससे आरोपी से उसकी पहचान हो गई ।
आरोपी दिनांक 10/03/22 को उसके स्कू ल के बाहर से अपनी मोटर साईकल पर अपने जीजा के घर जलौदा जिला शाजापुर ले गया और पीडिता को खेत में बनी टापरी में रखा, उसके साथ बलात्संजग किया और एक मंदिर में शादी कर अपनी पत्नी बनाकर रखा । आरोपी को पुलिस के तलाश करने का पता चल गया था तब ओरोपी, पीडिता को अपने जीजा के साथ थाना अहमदपुर ला रहा था, तभी रास्ते में थाना अहमदपुर पुलिस मिली और आरोपी रामचरण, पीडिता, एवं उसके जीजा को थाना अहमदपुर लेकर आई, पीडिता से पूछताछ की गई, अनुसंधान पश्चात अभियोग पत्र माननीय न्यायालय में पेश किया गया । माननीय न्याायालय में पीडिता एवं उसके परिजन द्वारा घटना का समर्थन किया गया ।
प्रकरण में पीडिता की उम्र 16 वर्ष से कम होना,अभियोजन द्वारा प्रमाणित किया गया । न्यायालय द्वारा अंतिम बहस के दौरान अभियोजन के तर्को से सहमत होते हुए आरोपी को दोषसिद्ध किया गया। शासन की ओर से प्रकरण में पैरवी श्री केदार सिंह कौरव, विशेष लोक अभियोजक/ सहायक जिला अभियोजन अधिकारी जिला सीहोर द्वारा की गई। प्रकरण का अनुसंधान उप0नि0 निधि रघुवंशी द्वारा किया गया था।
स्मरण रहे प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए जिला स्तीरीय समिति द्वारा प्रकरण को जघन्य एवं सनसनीखेज अपराध की श्रेणी में रखा गया था। जिला अभियोजन अधिकारी श्री अनिल बादल जिला सीहोर के मार्गदर्शन में अभियोजन का संचालन किया गया ।