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आष्टा । श्री ब्रह्मानंद जन सेवा संघ, कृष्णा धाम मालीपुरा आष्टा के पावन तत्वावधान में आयोजित पांचदिवसीय श्री गुरु पूर्णिमा अमृत महोत्सव के प्रथम दिवस पर सैकड़ो भक्तों ने अपने गुरु की वाणी को सुनकर आत्मसात किया आज के सत्संग में परम श्रद्धेय सद्गुरु मां कृष्णा जी ने अपनी ओजस्वी अमृतवाणी ने कहा की,संत इस समाज में माली की तरह होते हैं जो व्यक्ति के अवगुणों की काट छांट कर के उसे सुंदर और अवगुणों से रहित बनाते हैं ।

संत समाज रूपी बगीचे को तराशने का काम करते हैं । माली की काटछांट से जो पौधे बच जाते हैं वह जंगल का रूप ले लेते हैं और जो मालिक के हाथ से छंट जाते हैं वह सुंदर छांय प्रदान करते हैं । फिर हर कोई उनकी छांव में बैठना पसंद करता है । गुरु मां ने कहा कि वह चमन खाक में मिल जाया करते हैं जिन पर बागवान की पाक नजरे नहीं होती हैं ।

मां ने आगे सत्संग में बताया कि मानव जीवन में तीन लोगों का आशीर्वाद बहुत महत्वपूर्ण है! पहला आशीर्वाद माँ का, माँ हमारे बचपन को अच्छे संस्कारों द्वारा सवारती है । दूसरा महात्मा का आशीर्वाद,यदि जवानी में महात्मा का सानिध्य मिल जाए,संतों कि वाणी सुनने को मिल जाए तो व्यक्ति का जीवन संवर जाता है । संत महात्मा हमारे जीवन को गढ़ने का काम करते हैं । संत हमें जीवन जीने की कला सिखाते हैं ।

तीसरा आशीर्वाद है परमात्मा का साथ, जब मां द्वारा बचपन सुधर जाए और संत महात्मा द्वारा जवानी सुधर जाए तो बुढ़ापा परमात्मा की शरण में गुजारना चाहिए ताकि हमारा पर लोग भी सुधर जाए । मां ने आगे कहा कि परमात्मा के रास्ते पर हजारों लोग चलते हैं किंतु कोई विरला ही होता है जो उस परम पद को प्राप्त करता है ।

कोई माया के मोह में, कोई कंचन कामिनी के मोह में उलझ कर रह जाते हैं । जो व्यक्ति सांसारिक सुखों को त्यागता है वही परमात्मा के रास्ते पर चलता है और वही भगवान को प्राप्त कर सकता है ।

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