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आष्टा। स्थानीय सिविल अस्पताल में लंबे अर्से से कुछ ऐसे दलाल जो पुरुष के साथ महिला दलाल है,वे सक्रिय है । जो मरीज को अपने हिसाब से जांच करवाते है,तय दुकान से दवाई दिलवाते है,इलाज कहा करवाना है ये भी तय दलाल करते है ।

क्योंकि इसके बदले उन्हें दलाली के रूप में मोटी रकम सब जगह से मिलती है। जो इन दलालों के हाथ की खुजाल नही मिटाते ये दलाल मरीज को तरह तरह के कारण बता कर वहा नही जाने देते है। सूत्र बताते है अब ये मामला कलेक्टर तक जा पहुचा है,कलेक्टर ने जांच का भरोसा भी दिया है।

सबसे बड़ी बात यह सामने आई है कि दलाल पुरुष के साथ साथ महिला दलाल भी अस्पताल के अंदर,बहार सब जगह सक्रिय देखी गई है। कई साल पहले तात्कालिक कलेक्टर श्री तरुण पिथोड़े को भी निरीक्षण के दौरान कुछ लोगो ने

अस्पताल में उन महिला दलालों की शिकायत की थी जिनके कंधों पर जिम्मेदारियां है। अब तो दो कदम आगे मामला निकल गया है। एक डॉक्टर तो बाकायदा मरीज को जो दवा लिखता है उसके साथ वो मेडिकल दुकान का नाम भी लिखता है कि आप इस दुकान से दवा ले।

क्या ये मरीजों के साथ खुली लूट की श्रेणी में नही आता है। जो व्यवस्था बिगड़ी है उसे कब सुधारा जायेगा। अस्पताल में प्रसूति हेतु आने वाली महिलाओं को महिला दलाल प्रायवेट अस्पतालों में भेज कर मोटी रकम दिलवाकर डिलेवरी करवा रहे हैं। ओर उसके बदले मोटा कमीशन ले रहे है.? शुक्रवार 3 मई को सुबह 8 बजे पश्चात एक मरीज को अस्पताल में ड्यूटी डॉक्टर ने दवाई का पर्चा लिखकर
दवाई किस मेडिकल स्टोर से लेना है,यह भी लिखा।

अस्पताल में चल रही मनमानी की शिकायत कलेक्टर प्रवीण सिंह, एसडीएम श्रीमती स्वाति उपाध्याय मिश्रा एवं बीएमओ डॉक्टर जीडी सोनी से की गई है। कलेक्टर प्रवीण सिंह ने जांच हेतु शिकायत दर्ज कराई। बीएमओ डॉक्टर जीडी सोनी बिगड़ी हुई व्यवस्था को
सुधारने में लगातार प्रयासों में लगे हैं। वही पुरुष महिला दलाल इन प्रयासों को विफल करने में जुटे हुए है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार सिविल अस्पताल में
कुछ डॉक्टरों के द्वारा मनमानी कर मरीजों का शोषण किया जा रहा है।

मेडिकल स्टोर वालों से सेटिंग करके
उनके मेडिकल स्टोर पर मरीजों को दवाईयां लेने भेजते हैं। जबकि दवाईयां अस्पताल से ही उपलब्ध कराना चाहिए। वहीं प्रसूति हेतु आने वाली महिलाओं को प्रायवेट अस्पतालों में भेजा जा रहा है। ड्यूटी पर 3 मई को सुबह 8 बजे से किस डॉक्टर की ड्यूटी थी,दवा का परचा किसने लिखा उसकी जांच हो,

वैसे भी हेंडराइटिंग से पता चल जाएगा।
डॉक्टर अपने नाम की सील लगाए
सिविल अस्पताल में इलाज हेतु आने वाले मरीजों को दवाईयां लिखने के पश्चात डॉक्टर अपने नाम की सील भी लगाएंगे तो भोला भाला मरीज एवं सभी को यह पता चल जाएगा कि कौन डॉक्टर मरीजों का शोषण कर रहे हैं।

“कलेक्टर ने शिकायत दर्ज कर संबंधित विभाग को भेजी”

बाजार की दवा लिखने के साथ ही मेडिकल स्टोर का नाम लिखकर दवा लेने का कहने की शिकायत जब कलेक्टर प्रवीण सिंह के समक्ष पहुंची तो उन्होंने शिकायत करने वाले को बताया कि आपकी शिकायत दर्ज कर सम्‍बंधित विभाग को दे दी गई है।

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