आष्टा ।अति प्राचीन स्थल श्रीचिंताहरण हनुमान मंदिर खिचीखेडा (मानाखेड़ी) पर नर्मदेश्वर महादेव की प्राण प्रतिष्ठा महायज्ञ व संगीतमय श्रीमद भागवत कथा के आयोजन का शनिवार 20 मई को हुआ शुभारंभ। गांव मानाखेड़ी, कोठरी, भीलखेड़ी, गाडराखेड़ी, रनायल,लसूड़िया खास के मध्य स्थित अति प्राचीन स्थल हैं। यज्ञ और भागवत कथा भगवताचार्य अग्निहोत्री बंधु पंडित नर्मदानंद, पंडित जुगल किशोर, आचार्य राजेश कृष्ण शास्त्री व पंडित अजय कुमार व्यास के सान्निध्य शुभारंभ हुआ है। इस अवसर पर भव्य कलश यात्रा निकाली गई।
जिसमें महिला पुरुष भक्तों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया। कलश यात्रा में महिलाओं ने लाल रंग चुंदरी, सिर पर विभिन्न तरह के फूलों से सजाए गए कलश लेकर नाचते गाते हुए चल रही थी। श्रद्धालुओं ने अपने घरों के आगे कलश यात्रा का स्वागत किया,कलश यात्रा श्री राम मंदिर से प्रारंभ होकर गाँव के प्रमुख मार्गों से होती हुई बैंड बाजों ढोल नगाड़ो ,रथ ,ऊँट ,घोड़े के साथ कथा स्थल पर पहुंची।
जहां कथावाचक अग्निहोत्री बंधु द्वारा कथा के प्रथम दिन कथा के महत्व के बारे में बताया। कथा वाचक ने बताया कि श्रीमद् भागवत कथा देवताओं के लिए भी दुर्लभ है। तभी परीक्षित जी की सभा में शुकदेव जी ने कथामृत के बदले में अमृत कलश नहीं लिया। ब्रह्माजी ने सत्यलोक में तराजू बाँध कर जब सब साधनों, व्रत, यज्ञ, ध्यान, तप, मूर्तिपूजा आदि को तोला तो सभी साधन तोल में हल्के पड़ गए और अपने महत्व के कारण भागवत ही सबसे भारी रहा।
अपनी लीला समाप्त करके जब श्री भगवान निज धाम को जाने के लिए उद्यत हुए तो सभी भक्त गणों ने प्रार्थना कि हम आपके बिना कैसे रहेंगे। तब श्री भगवान ने कहा कि वे श्रीमद् भगवत में समाए हैं। यह ग्रन्थ शाश्वत उन्हीं का स्वरुप है। पठन-पाठन व श्रवण से तत्काल मोक्ष देने वाले इस महाग्रंथ को सप्ताह-विधि से श्रवण करने पर यह निश्चय ही भक्ति प्रदान करता है।
इस अवसर पर पूर्व भोपाल दुग्ध संघ संचालक महेंद्र कुमार पटेल ने बताया कि आयोजन में पूर्व इछावर विधायक शैलेंद्र पटेल सहित आस- पास के सभीं गाँवो के सरपंच ,जनप्रतिनिधि ग्रामीण जन आदि उपस्थित थे ।