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आष्टा । जब से नई तकनीक के तहत ऑनलाइन स्टाम्प एंव रजिस्ट्री होना शुरू हुई तभी से पक्षकार,सर्विस प्रोवाइडर्स किसी ना किसी कारण से परेशान होते आ रहे है । जब परेशान पीड़ित इसकी शिकायत सम्बंधित विभाग के जिम्मेदारों को शिकायत करते है तो पीड़ितों को उनकी ओर से गैरजिम्मेदाराना जवाब मिलता है,जो जांच का विषय हो सकता है ?

साइड बन्द होने से बन्द पड़े ऑनलाइन कार्य

व्यवस्था के अव्यवस्था में बदलने के कारण सर्विस प्रोवाइडर परेशान तो है ही,साथ मे इस कार्य की ऑनलाइन साइड के कभी भी बन्द हो जाने,सर्वर डाउन होने,सर्विस प्रोवाइडरों की ना ही क्रेडिट लिमिट शौ होती है और ना ही ऑनलाइन स्टाम्प निकलते है । इस कारण से पीड़ित सर्विस प्रोवाइडर आर्थिक रूप से भी परेशान हो रहे है। क्या इस पूरे मामले को जिले के धीर गम्भीर कलेक्टर संज्ञान में ले कर पीड़ित सर्विस प्रोवाइडरो को राहत देने के साथ गैरजिम्मेदाराना जवाब देने वाले सम्बंधित विभाग के जिम्मेदारों को भी कोई दिशा निर्देश जारी करेंगे।

सर्विस प्रोवाइडरों को सीहोर कलेक्टर से है उम्मीद…

समस्या का निदान नही होने से सर्विस प्रोवाईडरो को कार्य करने में पसिने आ रहे है वे पूरा पूरा दिन ऑनलाईन साईट बंद रहने, कभी क्रेडिट लिमिट शो नही होने के कारण परेशान होते है,वही इस समस्या के कारण रजिस्ट्री ऑफिस में पक्षकारो को पूरा पूरा दिन बेठना पडता है। वही ऑनलाई स्टॉम्प के निकलने में भी परेशानी होने से पक्षकार व सर्विस प्रोवाईडर आये दिन परेशान रहते है। सरकार चाहती है सभी कार्य ऑनलाइन हो,सम्बंधित भी चाहते है,पर जो दिक्कत ओर परेशानी चाहे वो टेक्निकल ही क्यो ना हो,इसके निराकरण की भी व्यवस्था सुनिश्चित होना चाहिये।

दिन दिन भर होते है सर्विस प्रोवाइडर परेशान

वही ऑनलाइन स्टाम्प की जो व्यवस्था की गई है,उसकी जो साइड है उसमें भी सुधार के साथ अपडेट की जरूरत है,क्योकि स्टॉम्प का समस्त कार्य शासन ने लगभग ऑनलाईन कर दिये गये है। लाखो करोडो का राजस्व सरकार को देने वाली इस व्यवस्था,कार्य में आखिर क्यों सुधार नही हो रहा है,क्यो इसके पक्षो को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.? क्या इसके पीछे कोई किसी की कुछ मंशा तो नही छुपी है,इसकी भी पड़ताल तो होना चाहिये । पीड़ित सर्विस प्रोवाइडरों ने कलेक्टर सीहोर से मांग की है की इस बिगड़ी व्यवस्था को सुधारा जाये।

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