आष्टा। आष्टा नगर पालिका द्वारा नगर में सैकड़ों स्थानों पर जहां पर रोड क्रास हुए है, नालियां बनी है,वहां पर इन नालियों पर नगर पालिका द्वारा लोहे के जंगले लगवाए गए हैं।
लोहे के लगे इन जंगलों की गुणवत्ता पर हमेशा सवालिया निशान लगते आये है,आज भी लग रहे है।
इन जंगलों की गुणवत्ता इतनी घटिया होती है कि वे लगाने के कुछ महीनों बाद ही टूट फूट जाते हैं। फिर लग जाते है,फिर टूट जाते है.!टूटने लगने का यह क्रम वर्षो से चला आ रहा है लेकिन कभी भी ऐसी कोई जांच नही हुई कि आखिर टूटने लगने का ये जो सिलसिला चल रहा है,उसके पीछे कारण क्या है.?
सूत्रों से खबर है कि टूटे जंगलों को रिपेयर कर उस पर रंग रोगन कर नया रूप दे कर इसे वापस कही लगा दिया जाता है.? जब लगा दिया जाता है तो उसका नपा से भुगतान भी हुआ ही होगा। अब ये जांच का विषय है कि भुगतान नये का हुआ है,या या पुराने की रिपेरिंग का या पुराने के बदले नये का.?
कई बार जागरूक नागरिकों ने नए लगाए गए इन जंगलों की गुणवत्ता पर सवाल भी उठाए लेकिन कभी नगर पालिका ने इस ओर ध्यान नहीं दिया यही कारण है कि लगाने के कुछ महीनों बाद ही यह क्रासिंग टूट जाते हैं और फिर काम चालू हो जाता है ।
आष्टा नगर के अनेकों चौराहो पर नालियों के ऊपर लगे लोहे के जंगले टूट चुके हैं खबर है कि नए ठेकेदार को ठेका भी दे दिया है उसके बाद भी नगर में क्रॉसिंग नहीं बदले गए हैं।
यह जो चित्र है आष्टा नगर के खत्री चौराहे पर नए बस स्टैंड की ओर जाने वाले मार्ग के है।
यहा विगत कई महीनों से क्रॉसिंग टूटे पड़े हैं नगरपालिका को अवगत भी करा दिया लेकिन नगरपालिका के कानों में कोई जु नहीं रेंगी और यही कारण है कि चल रहे दीपावली पर्व पर इन टूटे जंगलों में कई ग्राहक, नागरिक वाहन मालिक इनमें गिर पड़े और चोट ग्रस्त हो कर नपा को कोसते हुए घर लौट गए क्या नगरपालिका इस ओर ध्यान देगी।