आष्टा। मध्य प्रदेश वेयरहाउसिंग लॉजिंग के आष्टा वेयर हाउस के गोदाम क्रमांक 15 में नेफेड का हजारों क्विंटल चना रखा हुआ था ।उक्त चनों का वजन बढ़ाने के लिए आष्टा वेयरहाउस के मैनेजर धर्मेंद्र परमार ने अपने अधीनस्थ कर्मचारियों के माध्यम से प्राइवेट पानी का टैंकर बुलवाकर गोदाम के चनों की कट्टियों में पानी का छिड़काव करवाकर चने का वजन बढ़ाना चाहा, यह मामला मीडिया कर्मियों के कैमरे में कैद हो गया और मंगलवार को समाचार पत्रों की सुर्खियों में आया ।यह मामला
जब मय चित्र के हमने मंगलवार को प्रकाशित किया तो वेयर हाउस कारपोरेशन के शीर्ष अधिकारियों ने जिला वेयर हाउस कारपोरेशन के जिला प्रबंधक अली अख्तर के नेतृत्व में टीम को जांच करने हेतु भेजा। इसके पहले एसडीएम आनंद सिंह राजावत ने नायब तहसीलदार अतुल शर्मा सहित तीन लोगों की टीम बनाकर जांच कराई थी जिसमें प्रथम दृष्टया ही चने में पानी मिलाना तथा चने की कट्टियों में कम और अधिक वजन निकलना पाया गया था।
एसडीएम ने इस मामले को गंभीरता से लेकर नायब तहसीलदार, खाद्य निरीक्षक एवं नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंधक की जांच टीम बनाकर तत्काल मौके पर भेजा था।वहां पर दो ट्रकों में चना भरकर भिजवाया जा रहा था ,दोनों ट्रकों से 70 एवं 60 चने की बोरियां उतरवाकर तोल करवाई गई तो किसी में 41 किलो 900 ग्राम तक तथा अधिकतम 54 किलो वजन निकला। जो प्रथम दृष्टया ही इस बात का सूचक है कि शासन के चने में हेरफेर की गई है तथा चना खरीदी के दौरान 14 प्रतिशत अधिकतम मास्चर रहता है वह इतने लंबे समय के पश्चात भी 13 प्रतिशत मास्चर निकला। वह भी स्पष्ट प्रमाणित है कि वेयर हाउस के गोदाम में पानी के टैंकर से पानी डलवा कर वजन और मास्चर बढ़ाया गया है।
नायब तहसीलदार अतुल शर्मा, खाद्य निरीक्षक रेशमा भामोर एवं मार्कफेड के प्रबंधक मनोज धनगर के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम ने जांच में पाया कि दोनों ट्रकों में चना भरा हुआ था, एक ट्रक में से 70 बोरी तथा दूसरे में से 60 बोरी निकलवा कर तोल करवाई तो वजन का अंतर आया ।जब खरीदी की गई थी तो चने का वजन 50 किलो 600 ग्राम के लगभग मय कट्टी के था, लेकिन जांच के दौरान 54 किलो तक वजन निकला है । वहीं कम में 41 किलो 900 ग्राम ।श्री राजावत ने कहा वेयरहाउस के प्रबंधक धर्मेंद्र परमार पिता बद्री प्रसाद परमार ने अपने कर्मचारियों के साथ शासन के रखे हुए चने में हेरफेर की हैं।
जांच पड़ताल में हो सकता है बहुत बड़े सकेंडल और भ्रष्टाचार का खुलासा। मौके से बनाये विडीयों कारनामे की पूरी हकीकत खोल रहें है।
“टेंकर से किया छिडकाव”
वेयरहाउस पर मोबाईल केमरों से नजर रखी गई तो रात्री 9 बजे के लगभग सुनसान पड़े वेयरहाउस पर पानी से भरा टेंकर अचानक से वेयरहाउस परिसर में प्रवेश कर गया और कारनामें को अंजाम देने के लिये छुपकर बैठे कर्मचारीयों ने वेयरहाउस की सबसे आखरी शटर को खोलकर टेंकर को वहा लगवाया और पाईप से चने की बोरियों पर बिंदास पानी का छिड़काव करने लगे , जिसकी पुष्टि फोटो में दिख रही गीली बोरिया और शटर के पास खड़े टैंकर से हो रही है।
आपको बतादें की सरकारी खाद्यान्न पर इस तरह से पानी का छिड़काव कर वजन में भारी बढ़ोतरी कर ली जाती है फिर अपने तरीके से बड़े हुये माल को बेचकर लाखो की हेरा फेरी की जाती है।सूत्र ऐसा कहते हैं की यह प्रबंधक ऐसा पहले भी कर चुके हैं, और लाखो रुपए की चपत सरकार को लगा चुके हैं।
मध्यप्रदेश वेयरहाउसींग लार्जेसटींग कॉर्पोरेशन आष्टा के मेनेजर पद पर पदस्थ धर्मेन्द्र परमार की काली कारतूत उस समय खुलासा हो गयी। जब घटना के समय बनाये गये विडियों को देखने और दूरभाष पर की गई शिकायत के बाद स्थानीय प्रशासन भी आया हरकत में और तत्काल अधिकारीयों की एक तीन सदस्यी जांच टीम बनाई, जो सरकारी वेयर हाउस स्थल पर पहुंची और पूरे मामले की सिल सिलेवार जांच पड़ताल करी।
जांच के दौरान चने की बोरीयों की नमी जांची गई। साथ ही आनन फानन में दो ट्रको में लदान हो चुके चने की बोरीयों के भी तोल कराई गई। जिसमें भी वजन में अंतर दिखाई दे रहा था। हैरत की बात है की रात को जिस स्टेग पर पानी ड़ाला गया था उस स्टेग को देर रात को ही ताबड़तोड तरीके से हटाकर अन्यत्र जगह कर तो दिया और गीले हुए बारदानो को भी बदल दिया। इसके वाबजुद भी “चोर अपने निशान छोड ही देता हैै”।
और वही हुआ । अधिकारियों की पड़ताल के समय अनेको चने की बोरियों का गीलापन औैर नीचे पीछे प्लास्टिक के नीचे पड़े पानी से स्पष्ट हो गया की रात को पानी का उपयोग यहां हुआ हैं।
विदित रहें हजारों क्विंटल चने में जिस तरह से टेंकर भरे पानी से छिड़काव किया गया था। अगर 2 या 3 दिन वह पानी पड़ा रहता तो इतना वजन बड़ जाता की प्रबंधक अपने तरीके से लाखो रूपये कमा लेता।
कर्मचारी भी है शामिल
घटना स्थल पर किये जा रहें कथित काले कारनामे के दौरान जब हमारी टीम पहुंची तो वहा पर वेयरहाउस प्रबंधन के कर्मचारी भी स्पष्ट दिखाई दे रहें थे ।जब इन कर्मचारीयों से हमारी टीम ने कैमरे के सामने घटित मामले को लेकर बातचीत करना चाही तो कर्मचारी अपने गलत नाम बताकर केमरे से बचकर भागने का प्रयास करने लगें।
इससे प्रतीत होता है की इतने बडे भ्रष्टाचार और सरकार के साथ हो रही धोखाधड़ी जैसे गंभीर मामले में यहां के कथित कर्मचारी भी पूरी तरह से लिप्त है।
इनका कहना है:-
जिला वेयर हाउस कारपोरेशन के जिला प्रबंधक अली अख्तर से इस संबंध में चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि विभागीय जांच की जा रही है। चने का वजन स्टॉक के अनुसार है या नहीं इस पर भी ध्यान दिया गया है । शीर्ष कार्यालय को प्रतिवेदन दिया जाएगा तथा कलेक्टर महोदय को भी अवगत कराया जाएगा।