आष्टा। द्वितीय अपरसत्र न्यायाधीश श्री कंचन सक्सेना के न्यायालय द्वारा आरोपीगण ज्ञानसिंह पिता कोकसिंह, सुरेन्द्र पिता ज्ञानसिंह, धीरजसिंह पिता ज्ञानसिंह निवासी ग्राम झिलेला को भारतीय दंड विधान की धारा 307 में दोषी पाते हुए 7-7 वर्ष का साश्रम कारावास एवं 5-5 हजार रूपयें के अर्थदंड से दंडित किया। एडवोकेट विजेन्द्र सिंह ठाकुर ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया की घटना दिनांक 17 नवबंर 2017 की है। जिसमे फरियादी कृपालसिंह ग्राम झिलेला अपने घायल पिता भेरूसिंह एवं मानसिंह, फुलसिंह के साथ आष्टा अस्पताल आये। वहा पर देहाति नालीसी दर्ज कराई ओर बताया कि घटना दिनांक को ग्राम झिलेला का रतनसिंह चैकीदार ने मुझे आकर बताया कि तुम्हें ज्ञानसिंह बाजार में बुला रहे है डीपी लगाने के संबंध में बातचीत करना चाहते हे। मैं एवं मेरे पिता भेरूसिंह ओर भानेज प्रमोद, इंदरसिंह बाजार में गये, वहा पर मैने पटेल हरिनारायण के सामने बातचीत की, मैने कहा कि खेत से बडी लाईन निकली है इसलिए मैं अपने खेत पर डीपी लगवाउंगा। मैने खम्बे भी गाड दिए है।
इसी बात पर ज्ञानसिंह, सुरेन्द्र एवं धीरज बोले की हम लाईन से लाईट नही देंगे एवं डीपी नही लगाने देंगे। फरियादी ने कहा कि लाईन तुम्हारी नही है, इतने में सुरेन्द्र ने उसके पास छीपाकर रखी हुई तलवार मुझे मारी, ज्ञानसिंह ने धारिया से मुझे व मेरे पिता को मारा। चोट सिर, पैर, हाथ में आई थी। पुलिस थाना जावर द्वारा प्रकरण दर्ज कर विवेचना उपरांत चालान न्यायालय आष्टा में धारा 294, 323, 149, 307, 506 भाग 2 एवं धारा 25(1बी आयुध अधिनियम) में प्रस्तुत किया। न्यायालय में अभियोजन की ओर से साक्ष्य कराई गई। दोनो पक्षों की बहस सुनने के उपरांत न्यायालय द्वारा आरोपीगण ज्ञानसिंह, सुरेन्द्रसिंह, धीरजसिंह ग्राम झिलेला को घारा 307 भादवी के अंतर्गत 7-7 वर्ष की साश्रम सजा एवं 5-5 हजार रूपयें के अर्थदंड से दंडित किया गया। शासन की ओर से पेरवी विजेन्द्रसिंह ठाकुर द्वारा की गई।