सीहोर। कल 11 दिसम्बर को नेशनल लोक अदालत में प्रकरणों के त्वरित निराकरण के लिए सीहोर जिले में 26 खण्ठपीठों का गठन किया गया है। प्रधान जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री आर.एन. चंद के निर्देशानुसार 11 दिसंबर 2021 को जिला एवं तहसील न्यायालय आष्टा, नसरूल्लागंज, बुदनी एवं इछावर में वर्ष 2021 की अंतिम नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है।
जिला न्यायालयों में सभी प्रकार के कुल 23 हजार 596 मामले लंबित हैं। नेशनल लोक अदालत में न्यायालय में लंबित आपराधिक शमनीय प्रकरण, धारा 138 पराक्रम्य लिखित अधिनियम, क्लेम प्रकरण, विद्युत अधिनियम, वैवाहिक विवाद सम्बंधी व अन्य सिविल प्रकरण सहित कुल 6 हजार 2 प्रकारणों में राजीनामा प्रकरण भी रखे गये हैं।
विधुत अधिनियम, बैंक रिकवरी, जलकर एवं बी.एस.एन.एल. विभाग से संबंधित लगभग 11 हजार प्रीलिटिगेशन प्रकरण नेशनल लोक अदालत के समक्ष रखे जाना है। नेशनल लोक अदालत में अधिक से अधिक प्रकरणों के निराकरण हेतु सीहोर में 12, आष्टा में 07, नसरूल्लागंज में 04, बुदनी में 02 एवं इछावर में 01 इस प्रकार कुल 26 खंडपीठ का गठन किया गया है।
“नेशनल लोक अदालत में विद्युत, बैंक व जलकर के प्रीलिटिगेशन प्रकरणों में भारी छूट”
कल होने वाली नेशनल लोक अदालत के सफल आयोजन के लिए विधिक जागरूकता शिविरों एवं पैरालीगल वालेन्टियर्स के माध्यम से डोर-टू-डोर अभियान चलाया और प्रचार-प्रसार रथ के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार किया गया। विद्युत विभाग, नगर पालिका, बैंक, बीमा कम्पनियों के अधिकारियों, अधिवक्ताओं, पक्षकारों के साथ नेशनल लोक अदालत के सफल आयोजन के लिए बैठकें आयोजित कर प्रकरणों के त्वरित निराकरण के लिए 26 खंडपीठों के माध्यम से कार्यवाही की जाना सुनिश्चित की गई है। इस संबंध में सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मुकेश कुमार दांगी ने बताया कि मध्य प्रदेश शासन ऊर्जा विभाग द्वारा विद्युत अधिनियम से
संबंधित न्यायालय में लंबित व प्रीलिटिगेशन प्रकरणों में 11 दिसंबर को आयोजित नेशनल लोक अदालत के संबंध में छूट के निर्देश जारी किए गए हैं। जिसके अनुसार न्यायालय में चलने वाले विद्युत चोरी के प्रकरणों में 20 प्रतिशत एवं संपूर्ण ब्याज की छूट एवं प्रीलिटिगेशन प्रकरणों में भी 30 प्रतिशत एवं संपूर्ण ब्याज की छूट रहेगी। उक्त छूट मात्र नेशनल लोक अदालत 11 दिसंबर 2021 में समझौता करने पर ही रहेगी। नगर पालिका से संबंधित जलकर एवं बैंक रिकवरी के प्रकरणों में भी नियमानुसार छूट प्रदान की जावेगी।
“लोक अदालत के लाभ”
पक्षकारों के मध्य आपसी सद्भाव बढ़ता है, कटुता समाप्त होती है, समय, धन व श्रम की बचत होती है। कोई भी पक्षकार हारता नहीं है दोनों पक्षकारों की जीत होती है। लोक अदालत में प्रकरण का निराकरण होने से न्याय शुल्क वापस हो जाता है। लोक अदालत का आदेश/निर्णय अंतिम होता है, लोक अदालत के आदेश के विरूद्ध अपील नहीं होती। लोक अदालत में निराकरण होने से पक्षकारों के मध्य विवाद हमेशा के लिए समाप्त हो जाता है।
नेशनल लोक अदालत में अपने प्रकरणों का निराकरण समझौता,सहमति के आधार पर कराया जाकर नेशनल लोक अदालत का लाभ उठाने की अपील की जाती है। अधिक जानकारी के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सीहोर एवं तहसील विधिक सेवा समिति आष्टा, नसरूल्लागंज, बुदनी एवं इछावर से सम्पर्क किया जा सकता है।