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आष्टा। जिला मुख्यालय पर पदस्थ ड्रग इंस्पेक्टर दिलीप अग्रवाल को आज सूचना प्राप्त हुई की आष्टा में वन विभाग एवं जैन धर्मशाला के बीच घूडे पर बहुत सारी खांसी दवाई की खाली शीशियां पड़ी है । जो निश्चित मात्रा में लेने पर खांसी की बीमारी को दूर करने में काम करती है ,लेकिन अगर उसका ओवरडोज ले लिया जाए तो वह नशे के रूप में उपयोग हो जाती है। उक्त सूचना पर ड्रग इंस्पेक्टर अग्रवाल आष्टा पहुंचे तथा जैन धर्मशाला के पीछे घूडे पर पड़ी बड़ी संख्या में उक्त खाली शीशियां जब्त की।

घुडे पर पड़ी खाली शीशियां जिन्हें DI ने किया जप्त, होगी जांच

पंचनामा बनाकर ड्रग इंस्पेक्टर ने उक्त खाली शीशियां जब्त की। इस प्रतिनिधि को खबर लगने पर जब उन्होंने ड्रग इंस्पेक्टर दिलीप अग्रवाल से संपर्क कर उक्त पूरे मामले की जानकारी ली तो ड्रग इंस्पेक्टर श्री अग्रवाल ने बताया कि आज सोशल मीडिया व अन्य सूत्रों से जानकारी प्राप्त हुई थी कि आष्टा नगर में जैन धर्मशाला के पीछे घूडे पर बड़ी मात्रा में खाली शीशियां खांसी सायरप की पड़ी है। सूचना पर आष्टा पहुंचकर उक्त घूडे पर पड़ी कोडीन खांसी की दवा की शीशियां पड़ी मिली ,जिन्हें पंचनामा बना कर जब्त की है। उनका बेच नंबर मैन्युफैक्चर डेट आदि भी पंचनामे में दर्ज किया है।

प्रेस को जानकारी देते हुए DI दिलीप अग्रवाल

ड्रग इंस्पेक्टर श्री अग्रवाल ने बताया कि उक्त दवा जो खांसी की है ,उस दवा को मेडिकल स्टोर से केवल डॉक्टर के पर्चे के पश्चात ही ग्राहकों को दी जा सकती है। तथा मेडिकल स्टोर को भी इन दवाओं का पूरा लेखा जोखा खरीदी-बिक्री का रिकॉर्ड दर्ज करना पड़ता है। इतनी दबाएं घूडे पर खाली शीशी के रूप में कैसे पहुंची है, इसका उपयोग किसने किया है, यह कहां से खरीदी गई है, कहां से बिकी है, इन सब चीजों की जांच की जा रही है।

ड्रग इंस्पेक्टर अग्रवाल ने बताया कि उक्त दवा खांसी की दवा है तथा निश्चित मात्रा में लेने पर यह खांसी की बीमारी को दूर करती है लेकिन अगर निश्चित से अधिक डोज ले लिया जाता है तो यह नशे के रूप में भी उपयोग होती है। अग्रवाल ने बताया कि उक्त दवा को विक्रय करने वाले दवा दुकान का पता लगाया जा रहा है, वही दवा दुकानों का भी खरीदी और बिक्री का स्टाक चेक किया जा रहा है।

मामले की जांच में जुटे DI दिलीप अग्रवाल

यह भी जांच कर रहे हैं कि उक्त दवाएं सीहोर से आष्टा कैसे आई,कौन लाया,किसने बेची,ये आष्टा में किसके पास आई थी तथा किस ने यह दवाई भेजी है और जिन्हें भेजी है उन्होंने किसे बेची है, उन्होंने इसका उपयोग किस रूप में किया है ,इन सब तथ्यों की जांच कर रहे है। उक्त मामले के बाद ड्रग इंस्पेक्टर अग्रवाल ने आज कुछ मेडिकल स्टोर का औचक निरिक्षण भी किया।


क्या कहना है जिला केमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष का:-
इस संबंध में हमारे प्रतिनिधि ने
जिला केमिस्ट एसोसिएशन अध्यक्ष ओम राय से चर्चा की तो उन्होंने बताया कि खांसी की दवा शासन के निर्देशानुसार डॉक्टर के पर्चे पर दी जाती हैं। अगर किसी केमिष्ट ने बिना पर्चे के कोडीन ,नारकोटिक्स दवा दी है और अधिक मात्रा में दी है तो उसके लिए
वह केमिष्ट जिम्मेदार होगा।

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