आष्टा। पूज्य जगद्गुरु शंकराचार्य श्री 1008 शारदानंद जी सरस्वती ने नगर के मानस भवन परिसर में श्री मानस संस्कृति एवं समाज कल्याण समिति द्वारा संचालित मानस सम्मेलन 2024 के द्वितीय दिवस पर कहा यह सम्मेलन पांच दिवसीय नहीं बल्कि पंचामृत दिवस के रूप में जाना जाएगा।क्योंकि इन पांच दिनों में वे पांच चरित्रों पर चर्चा करेंगे।प्रथम दिवस पर जगद्गुरु ने शिव चरित्र पर अपना उद्बोधन दिया था
आज द्वितीय दिवस पर श्री हनुमान जी के चरित्र का वर्णन बताते हुए कहा कि एक बार कैलाश पर्वत पर माता पार्वती ने उन्हीं के अवतार के बारे में जानना चाहा तो शिव जी ने अपने उसी रूप को स्मरण कर बताया कि संत सरल चित के होते हैं ।जिसको देखकर भक्ति ज्ञान पैदा हो जाए उसे सरल कहते हैं।महात्मा वह है जिसमें समुद्र के चार गुण हो। समुद्र कभी अपनी सीमा तय नहीं करता।
समुद्र अपने अंदर कुछ रखता नहीं है ,अपनी लहरों के साथ सब फैंक देता है।समुद्र की थाह पाना संभव नहीं होता है । शंकराचार्य जी ने कहा समुद्र सभी नदियों को अपने अंदर समाहित कर लेता है ,ऐसे ही महात्मा वह होते है जो अपने मन में कुछ नहीं रखते हैं।महात्मा की था को पाना संभव नही होता।महात्मा वह है जो संसार के किसी वर्ण का, स्थान का क्यों न हो उसे गले लगाता है।
किसी से बेर न हो ,वह महात्मा है ।ऐसे ही श्री हनुमान जी साधु संतों का ध्यान रखते हैं। पूज्य दीदी रश्मि शास्त्री ने सुंदर नारायण भजन की प्रस्तुति के साथ कहा अनादि कल से हो रही है सनातन को मिटाने की कोशिश। यह कोशिश प्राचीन काल से हो रही है। हिरण्यकश्यप कंस जैसे और अन्य कई हुए जिन्होंने सनातन को खत्म करने का प्रयास किया पर सफल नहीं हो पाए।
वर्तमान में लव जिहाद सबसे बड़ी समस्या
संक्षिप्त में लव जिहाद पर दीदी रश्मि शास्त्री ने कहा कि लव जिहाद भी हमारे भूतकाल की समस्या नहीं है, इसे वर्तमान में ही समझना होगा और इसकी जिम्मेदारी हमारी माताओं और बहनों को समझना होगा। अपने घर में अपनी बच्चियों को अच्छे संस्कार देना होगा ,
समाज में व्याप्त बुराई को बताना होगा। सोशल मीडिया के अच्छे -बुरे के बारे में बताना होगा ।
उन्होंने आगे बताया कि एक बार सुभाषचंद्र बोस ने हिटलर से पूछा कि यदि आप यहां पैदा नहीं होते तो कहां पैदा होना पसंद करते ,हिटलर ने जवाब दिया कि वह चाइना में पैदा होना पसंद करते ,बोस ने पूछा इसके अलावा,हिटलर ने कहा इंग्लैंड में पैदा होना पसंद करता।
इन सब सवाल -जवाब के बाद पलटकर हिटलर ने बोस से यहीं सवाल किया कि वे हिंदुस्तान में पैदा नहीं होते तो कहां पैदा होना पसंद करते।उसी समय जवाब में बोस ने कहा कि यदि वे हिंदुस्तान में पैदा नहीं होते तो वे चुल्लुभर पानी में डूब मरना पसंद करते, इसके बजाय की वे कही और जन्म ले।पूज्य दीदी ने बताया जब जब भक्तों पर संकट आता है
तब- तब भगवान का जन्म होता है ,परंतु जब भगवान पर संकट आता है तब हनुमान जी का जन्म होता है ।लक्ष्मण जी ने पूछा भगवान से की आप रघुवीर और हनुमान महावीर ,में तो कुछ भी नहीं हूं ,भगवान ने सुंदर जवाब देते हुए कहा कि लक्ष्मण तुम वीर हो और जो “रघुवीर और वीर” को अपने कंधों पर बैठा कर ले उड़े वो महावीर है।
जो संजीवनी लेने गए और पूरा पर्वत प्रातः होने से पूर्व ले आए,वे महावीर। जब माता सीता का पता लगाने की बात आई तब जामवंत जी ने समुद्र किनारे खड़े हो बताया कि वे बूढ़े हो गए हैं आप सभी जवान हो तब उन्हीं में से किसी ने कहां में 50 योजन जा सकता हूं,किसी ने 90 योजन जा सकता हूं, तब अंगत ने कहां की में जा सकता हूं ,परंतु जाने में असमर्थ हूं,तब हनुमान को राम जी ने बुलाया, क्यों बुलाया क्योंकि भगवान जानते थे कि यह जो समस्या है वह भविष्य का प्रतीक है और भविष्य का प्रतीक हनुमान है।
जामवंत जी बूढ़े है जो भूतकाल और अन्य वर्तमान का प्रतीक है हनुमान को बुलाकर रामजी ने कहा कि जानकी का पता तुम्हे लगाना है हनुमान जी प्रसन्न हो गए ।श्री राम ने जामवंत जी से कहा कि इन्हें इनके बल का अहसास दिलाओ ,जब जामवंत जी ने हनुमान का बल याद दिलाया तो वे इतने उग्र हो गए कि वे समुद्र को लांघ कर रावण का अंत कर माता सीता को लाने के लिए ही तैयार हो गए।
यह होता है जवान का जोश इसलिए वे महावीर है।तब जामवंत जी ने उन्हें समझाया कि आप धैर्य के साथ माता सीता का पता लगाकर आना है।कथा यह समझाती है कि आपके जीवन में बड़े -बुजुर्गों का आशीर्वाद और साथ कितना आवश्यक है।ताकि आप उचित निर्णय भी ले सके।