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सीहोर। जिला जल उपयोगिता समिति की बैठक में अपर कलेकटर श्रीमती गुंचा सनोबर ने कहा कि सिंचाई हेतु अंतिम छोर तक पानी पहुंच सके। इसके लिए नहरों के माध्यम से पर्याप्त मात्रा में पानी छोडा जावे। पानी पहुंचने में आने वाली तकनीकी दिक्कतों को विभाग का अमला मौके पर जाकर दूर करें। उन्होंने कहा कि नहरों की नियमित साफ-सफाई के साथ ही नहरों से व्यर्थ जा रहे पानी को रोकने हेतु नहरों की मरम्मत कराई जाये।

उन्होंने कहा कि नहरों से पानी छोड़ने की पूर्व सूचना ग्रामीणों को भी दें। बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपाल अधिकारी हर्ष सिंह भी उपिस्थत थे। बैठक में कार्यपालन यंत्री प्रियंका भंडारी एवं हर्षा जैनवाल ने विस्तार से जानकारी दी। बैठक में वर्ष 2021-22 में जलाशयों में उपलब्ध जल भण्डारण क्षमता पर चर्चा करते हुए जानकारी दी गई कि सीहोर जिले में जल संसाधन संभाग, सीहोर के अधीन मध्यम परियोजना 04 (दोराहा, रामपुराखुर्द, बनेटा मध्यम उद्दहन सिंचाई योजना एवं घोघरा परियोजना तथा 66 लघु सिंचाई तालाब,10 लघु उदवहन सिंचाई योजना 01 नहर तथा 194 स्टापडेम-वैराज है।

जल उपयोगिता समिति की बैठक

इस प्रकार जिले में कुल 275 सिंचाई योजनायें निर्मित हैं, जिनकी कुल उपयोगी जल भण्डारण क्षमता 227.233 मि.घ.मी. है। जिसके विरूद्ध इस वर्ष दिनांक 21/10/2021 की स्थिति में मात्र 177.044 मि.घ.मी. जल संग्रहण हुआ है जो कि 78 प्रतिशत है। “वर्ष 2021-22 में रबी फसल के सिंचाई लक्ष्यों का निर्धारण पर अनुमोदन”
सीहोर जिले में मध्यम परियोजना 03 एवं 01 मध्यम उद्वहन सिंचाई योजना व 66 लघु सिंचाई तालाब एवं 10 लघु उदवहन सिंचाई योजना 01 नहर तथा 194 स्टापडेम-बैराज अर्थात् कुल 275 सिंचाई योजनाओं से सिंचाई सुविधा उपलब्ध हो रही है।

इन योजनाओं का सी.सी.ए. का क्षेत्र 50648 हैक्टेयर है। जिसके विरूद्ध जल वाष्पीकरण एवं पेयजल हेतु जल मात्रा के आरक्षण आदि को ध्यान में रखते हुए वर्ष 2021-22 में जिला सीहोर के अंतर्गत कुल 51267 हैक्टेयर सिंचाई लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

फाइल चित्र डेम के पानी से पार्वती रहेगी लबालब

“पेयजल के लिए जल का आरक्षण”           
इस वर्ष रामपुराखुर्द जलाशय में उपयोगी जल भण्डारण मात्र 3.80 मि.घ.मी. ही हुआ है, जो आष्टा नगर के पेयजल प्रयोजन हेतु रखा गया है। इससे सिंचाई प्रस्तावित नहीं की गई है। जमोनिया तालाब से सीहोर नगर को पेयजल हेतु उपलब्ध 3.10मि.घ. मी. तथा भगवानपुरा जलाशय में उपलब्ध 2.56 मि.घ.मी. पेयजल-निस्तार प्रयोजन हेतु रखा गया है। इस प्रकार जिले में कुल 8.72 मि. घ.मी. जल मात्रा का आरक्षण प्रस्तावित है। 

जल उपयोगिता समिति की बैठक


“कोलार परियोजना”   
बैठक में जानकारी दी गई कि कोलार परियोजना एक बहुउद्देशीय परियोजना है, इससे सीहोर जिले की रेहटी एंव नसरूल्लागंज तहसीलों की 45087 हेक्टर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा कराना एंव भोपाल शहर के लिये पेयजल उपलब्ध कराया जाना प्रस्तावित था, किन्तु बांध की निर्मित क्षमता के कारण यह क्षेत्र 35040 हेक्टर निर्धारित किया गया था।

वर्तमान में परियोजना के 35040 हेक्टर क्षेत्र में सिंचाई क्षमता निर्मित की जा चुकी है। निर्मित सिंचाई क्षमता के सम्पूर्ण क्षेत्र में वर्ष 2020-21 में रबी सिंचाई हेतु पलेवा एंव दो पानी प्रदाय किया गया है। परियोजना से सिंचाई सुविधा इसकी बांयी तट नहर प्रणाली एंव दांयी तट नहर प्रणाली के माध्यम से कराई जाती है, जो कि कोलार नहर संभाग नसरूल्लागंज के कार्य क्षेत्र के अन्तर्गत है।

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