आष्टा। देना सभी को सुहाग, सुहाग, मेरी मैया ऐसा सुहाग, जैसा पार्वती को दिया…, फूल तुम्हें अर्पण करू मैया फूल तुम्हारे चरणों में, रात को मैने सपना देखा रामजी आए मैरे सपने में…, आदि गीतों के बीच सुहागिनों ने करवा चौथ पर चौथ माता की पूजा-अर्चना की।पति की दीर्घायु के लिए सुहागिनों ने रविवार को करवा चौथ का व्रत रखा। दिनभर निर्जल रही। रात को चन्द्रमा को अर्ध्य देकर व्रत खोला। नगर के गोकुल गॉर्डन में सामूहिक करवा चौथ उद्यापन नगरपुरोहित पं डॉ दीपेश पाठक के आचार्यत्व में आनंद सम्पन्न हुआ।
शाम को सुहागिनों ने सोलह श्रृंगार कर पूजा कर उन्हें सुहाग की वस्तुएं भेंट की और कथा सुनी। बाद में चन्द्रमा के दर्शन के बाद पति का चेहरा देखकर व्रत खोला। कई सुहागिनों ने एक दूसरे के करवे कलपकर पानी पीकर व्रत खोला तो कई सुहागिनों ने पति के हाथों पानी पीकर व्रत खोला। सामूहिक उद्यापन के दौरान व्रत करने वाली महिलाओं ने सोलह सुहागिनों को भोजन कराकर उन्हें सुहाग की वस्तुएं उपहार स्वरूप भेंट की। पूजा-अर्चना के बाद सुहागिनों ने घर के बड़े बुजुर्गोंं से आशीर्वाद लिया। सभी ने एक दूसरे को करवा चौथ की शुभकामनाएं दी। वही चंद्रोदय की सूचनाएं भी देते रहे। उद्यापन धारवां व मूंदड़ा परिवार के संयुक्त तत्वावधान में सामूहिक उद्यापन श्रीगोकुल गार्डन पुराना दशहरा मैदान पर हुआ।
इसमें 14 महिलाओं ने सामूहिक उद्यापन किया। एक- एक उद्यापनकर्ता के साथ 14-14 गोरणिया लगभग 196 महिलाओं ने चौथ माता की पूजाकर चंद्रमा को अध्र्य अर्पित किया। इसके बाद सुहागिन की चून्दड़ी, बिन्दी, चूडिय़ां व सुहाग की वस्तुएं भेंट की।
रोहणी के चांद में हुआ उद्यापन
नगरपुरोहित पं डॉ दीपेश पाठक ने बताया कि विगत दो वर्षों से कोरोना महामारी के प्रकोप के कारण सामूहिक समारोह आदि बंद थे इस वर्ष कुछ अनुकूलता होने और कोविड के नियमो का पालन करते हुऐ धारवां व मूंदड़ा परिवार की महिलाओं ने रोहणी नक्षत्र व वृषभ चंद्र के विशेष सहयोग में उद्यापन कार्य कर सामूहिक भोजन का आयोजन भी किया।जिसमे अन्य समाज की महिलाओं ने भी अपना पूरा सहयोग प्रदान किया ।