आष्टा। आष्टा अनुविभाग क्षेत्र में बोई गई सोयाबीन की फसल के बांझ होने एवं उसमें आफ़लन की स्थिति के कारण पूरे क्षेत्र के किसानों में निराशा छाई हुई है। पीड़ित किसान खराब हुई फसलों के सर्वे, बीमा-राहत राशि देने एवं किसानों ने आज यह भी मांग की की उन्होंने अपने खेतों में फसल को बचाने के लिए हजारों नहीं लाखों रुपए की कीटनाशक दवाएं कीटनाशक दवा विक्रेताओं से खरीदी,उसका स्प्रे एक बार नही कई बार किया।
उसके बाद भी फसलों पर उसका कोई असर नहीं हुआ ऐसे कीटनाशक दवा बेचने वाले दुकानदारों के खिलाफ भी प्रशासन जांच कर कार्यवाही करें। आज प्रातः 11:00 बजे ग्राम खाचरोद से किसान स्वराज संगठन के किसान नेता शंकर पटेल के नेतृत्व में किसानों का पैदल मार्च हाथों में खराब हुई फसलों के पौधे लिए शुरू हुआ जो खामखेड़ा जत्रा पहुचता उसके पूर्व ही भारी पुलिस बल एवं प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंच गए
तथा पैदल मार्च को वहीं पर रोक कर प्रशासन ने पीड़ित किसानों की बातों को सुना एवं उनसे मौके पर ही ज्ञापन लिया तथा उन्हें आश्वासन दिया कि पटवारियों की हड़ताल खत्म होते ही सर्वे का कार्य शुरू किया जाएगा व अन्य जो मांग की है उस पर भी अति शीघ्र कार्रवाई की जाएगी।
आज पैदल मार्च को देखते हुए भारी पुलिस बल मौके पर पहुंचा था आष्टा, पार्वती, सिद्धिकगंज थाने का पुलिस बल सहित लाइन से भी आज विशेष बल मौके पर आया। बज्र वाहन भी मौके पर पहुचा था। सभी किसानो के हाथों में तिरंगा था। उन्होंने खराब हुई फसलों के मुआवजे की मांग को लेकर यह पैदल मार्च आयोजित किया था। मौके पर एसडीओपी मोहन सारवान,नायब तहसीलदार अंकिता वाजपेयी,सभी थानों के प्रभारी सादल बल के उपस्तिथ थे
इनका कहना है:-पैदल मार्च कर आ रहे किसानों से वही मौके पर पहुच चर्चा की,ज्ञापन लिया। किसानों ने सर्वे,बीमा-राहत राशि के साथ कीटनाशक दवाओं का बेअसर होने की जांच की मांग की है,पटवारियों की हड़ताल खत्म होते ही सर्वे शुरू करायेंगे-विजय कुमार मंडलोई एसडीएम आष्टा।