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आष्टा। आज से 5 दिन पूर्व मुरैना से मुम्बई के लिये हाथों में सोनू सूद के पोस्टर लेकर पैदल रवाना हुए मुरैना के दो युवक जीशान खान एवं अमन दीक्षित आज आष्टा पहुचे। स्थानीय विश्रामगृह के सामने से गुजरते हुए जब आष्टा हैडलाइन की निगाह बरसते पानी मे कंधों पर बेग लटकाये, हाथों में फ़िल्म अभिनेता सोनू सूद जिन्होंने कोरोना काल की प्रथम एवं दूसरी लहर में कोरोना पीड़ित मरीजो,उनके परिजनों व उन सभी दुखी पीड़ितों की जो सहायता की ऐसे सेवा भावी सोनू सूद के पोस्टर को लिये दो युवक अपने लक्ष्य की ओर अपनी धुन में पैदल चले जा रहे है पर पड़ी तब हमने अपनी गाड़ी मोड़ी ओर उनके समीप पहुच कर उन्हें रोका ।

मुरैना से मुम्बई पैदल जा रहे युवक आष्टा पहुचे

अपनी धुन में जा रहे दोनों युवकों को जब हमने बताया में पत्रकार हु,आप कौन है,कहा से आये,कहा जा रहे है,हाथों में सोनू सूद के पोस्टर क्यो आदि प्रश्न दोनों युवकों के सामने रख चर्चा की। दोनों युवक सड़क पर रुके। उन्होंने चर्चा के दौरान बताया हम दोनों दोस्त है,मुरैना के रहने वाले है,अब पढ़ाई नही करते है,दुकान पर जॉब करते है,हमने कोरोना काल मे मुम्बई के फ़िल्म अभिनेता समाजसेवी,सोनू सूद को जिस तरह उस विकट समय परिस्तिथियों में कोरोना पीड़ितों

सोनू सूद ने जो किया,वो किसी ने नही किया

उनके परिजनों,उस दौरान उत्पन्न हुई समस्याओं से जूझ रहे लोगो की जिस तरह हर तरह से सेवा,सहायता की हमारे दिल मे उस महान व्यक्ति के प्रति इतनी श्रध्दा पैदा हुई है की हमने उसकी सेवा को प्रणाम करने उनका धन्यवाद आभार व्यक्त करने मुरैना से मुम्बई पैदल जा कर उनकी सेवा के प्रति आभार व्यक्त करने का निश्चय किया और 5 दिन पूर्व हम दोनों साथी मुरैना से मुम्बई के लिये पैदल रवाना हुए रोजाना करीब 60 से 70 किमी के करीब चल कर आज आष्टा पहुचे।

बरसते पानी मे भी रेनकोट पहन हाथों में सोनू सूद के पोस्टर लिये जिसे ये दोनों युवक इस युग का भगवान मानते है, दोनों युवक अपने तय लक्ष्य की ओर सतत यात्रा जारी रखते हुए बढ़ते जा रहे है। चर्चा के दौरान दोनों युवकों ने बताया हमने कोरोना काल मे जब इनकी सेवाओ के बारे में देखा,सुना,पढ़ा तो हमे लगा ये इस युग के भगवान ही है। जो कार्य उस विकट समय मे सोनू सूद जी ने किया वो तो भगवान ही कर सकता है।

सेवा के बदले सम्मान करने का जुनून…

हम तो उन्हें इस युग का फरिश्ता,भगवान ही मानते है। हम दोनों मित्र उनकी सेवा,सहायता के प्रति उनसे मिल कर उनका धन्यवाद,आभार व्यक्त करने पैदल मुम्बई जा रहे है। दोनों युवकों ने बताया रास्ते मे तकलीफ परेशानी तो आईं लेकिन जिस व्यक्ति के लिये हम जा रहे है,उनकी सेवाओ सहायता के आगे तकलीफ,परेशानी कुछ भी नही है।

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