आष्टा। ये कह कर किसी के अनमोल जीवन को मौत के मुह में नही धकेला जा सकता है की, ग्रामो में स्वास्थ सुविधाए है ही कहा,गनीमत है,झोलाछाप या फर्जी,बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे अस्पतालों में कम से कम इलाज तो मिल रहा है.? कभी देखा,जाना,सुना,समझा की ऐसे स्थानों पर इलाज के नाम पर क्या हो रहा है,जब मरीज की हालत बिगड़ जाती है,तो ये ही लोग हाथ ऊंचे क्यो कर देते है,फिर वे परिजन अपने मरीज की हालत बिगड़ने पर सरकारी या अन्य अस्पतालों में क्यो पहुचते है,देरी से आने का क्या क्या खामियान भुगतना पड़ता है,क्या कभी इस पर विचार चिंतन,मनन किया नही.? आज सीहोर एसडीएम रवि वर्मा ने दमदार कार्यवाही करते हुए बरखेड़ी के रुद्र हॉस्पिटल पर कई अनियमितता मिलने पर ठोस कार्यवाही की।
वही एक हमारा आष्टा अनुविभाग है जहाँ मंत्री,कमिश्नर,कलेक्टर तक निर्देश दे चुके की बिना रजिस्ट्रेशन के चलने वाले अस्पतालों पर कार्यवाही हो,आज तक जावर के एक अस्पताल पर कोई ठोस कार्यवाही नही हुई क्यो.? इसका जवाब स्वास्थ विभाग ही दे सकता है,जो देगा नही नही तो विचार करे कैसे एक अस्पताल बिना रजिस्ट्रेशन के कई दिनों से चल रहा था।
क्या स्वास्थ विभाग सो रहा था,या वो जाग कर भी सोने का नाटक कर रहा था,आखिर बिना रजिस्ट्रेशन के एक अस्पताल के चलने के पीछे किसका आशीर्वाद था क्या उस आशीर्वाददाता पर भी कार्यवाही नही होना चाहिये.?
वही हाल ही में जिले के निर्देश पर इंदौर भोपाल हाईवे पर संचालित एक प्राइवेट अस्पताल देवश्री की पिछले दिनों जावर के नायब तहसीलदार शेखर चोधरी,सामुदायिक स्वास्थ केंद्र में पदस्थ डॉ अमित माथुर उक्त अस्पताल की जांच करने पहुचे।
जहाँ जांच टीम को इस अस्पताल में जांच के दौरान 20 से अधिक कोविड के मरीज इलाज रत भर्ती मिले,अस्पताल में कोई विशेषज्ञ,एमबीबीएस डॉक्टर नही मिला,कोविड के मरीजो का इलाज करते बीएचएमएस डॉ मिला,ये बीएचएमएस डॉक्टर कोविड-19 के मरीजों का इलाज कर रहा था। क्या इस अस्पताल में भर्ती कोविड के मरीजो को रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाये गये है.? अगर लगाये गये तो उक्त इंजेक्शन कोविड के मरीजो को किसने लगाये, क्योकि ये इंजेक्शन हर कोई नही लगा सकता है,अगर इंजेक्शन लगे तो वो रेमडेसिविर इंजेक्शन कहा से आये,कौन है वो जो यहा उक्त इंजेक्शन उपलब्ध करा रहा था,क्या उक्त इंजेक्शन मरीज के परिजन ही लाये थे या इसके पीछे कुछ और ही चल रहा था,ये सब ऐसे बड़े प्रश्न है
जिनकी जांच होना चाहिये, दूध का दूध पानी का पानी होना चाहिये। मिली जानकारी अनुसार जावर के देवश्री अस्पताल की उस रात हुई जांच में जो अनियमितताए मिली थी,उसका पूरा प्रतिवेदन कार्यवाही हेतु नायब तहसीलदार शेखर चौधरी ने अपना प्रतिवेदन एसडीएम विजय मंडलोई को भेज दिया एवं सूत्रों से खबर है कि एसडीएम ने अपनी टिप लगा कर उक्त प्रतिवेदन को अग्रिम कार्यवाही के लिये कलेक्टर को भेज दिया है।
देखना है कि अब इस मामले में क्या कार्रवाई होती है।
इनका कहना है:-जावर जोड़ पर देवश्री अस्पताल की जांच में कई अनियमितताए मिली उन सब का एक प्रतिवेदन कार्यवाही हेतु वरिष्ठ अधिकारियों को भेज दिया गया है-शेखर चौधरी नायब तहसीलदार जावर(आष्टा)