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आष्टा। आष्टा जनपद की खडी,मेहतवाड़ा एवं मैना ग्राम पंचायत,आष्टा जनपद के सभा कक्ष में अन्य पंचायतों के सचिव,रोजगार सहायकों को भोपाल संभागायुक्त श्री कविन्द्र कियावत एवं कलेक्टर श्री अजय गुप्ता ने ग्रामीण क्षेत्रों मे कोरोना संक्रमण की रोकथाम एवं उपचार के संबंध में ग्रामीण क्षेत्रों पदस्थ अधिकारियों-कर्मचारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए।


संभागायुक्त श्री कियावात एवं कलेक्टर श्री गुप्ता ने बताया कि कि डोर टू डोर सर्वे के दौरान कोविड-19 के लक्षण पाये जाने पर उन्हेंने तुरंत जांच के लिये स्वास्थ्य केन्द्र भेजा जाये। जांच रिपोर्ट पॉजिटिव पाये जाने पर मरीज की रिर्पोट के आधार पर चिकित्सकों द्वारा कोविड केयर सेंटर में भर्ती करने या कोरेन्टाइन सेंटर में रखने अथवा होम आइसोलेशन में उपचार का निर्णण लिया जायेगा। चिकित्सकों के निर्देश के उपरान्त मरीज होम आइसोलेट किया जाता है तो उन्होंने आवश्यक दवाओं की किट प्रदान करने के साथ ही उसके स्वास्थ्य की सतत मानीटरिंग करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि लोगों को जागरूक किया जाये कि इलाज से बेहतर उपाय है बचाव। संभागायुक्त एवं कलेक्टर ने ग्रामीणों एवं जनप्रतिनिधियों से भी चर्चा की।


“ग्रामवासियों को जगरूक किया जाए”
उन्होंने ग्रामवासियों को कोविड के संक्रमण और उसके बचाव के लिये जागरूक किया जाये। उन्होंने कहा कि सावधानी बचाव का बेहतर उपाय है। लोगों को मास्क लगाने, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने तथा अनावश्यक घर से बाहर न निकने, बार बार साबुन से हाथ धोने के लिए जागरूक किया जाए।


“सर्दी, खांसी, बुखार होने पर तुरंत दिखाएं”
उन्होंने कहा कि सर्दी, खांसी तथा बुखार होने पर तुरंत नजदीकी स्वाथ्य केन्द्र, आशा, एएनएम को दिखाने के लिये कहा जाए ताकि कोरोना की समय पर जांच की जा सके और इलाज किया जा सके। उन्होंने कहा की ग्रामवासियों को यह बताया जाए वे सामान्य सर्दी, खांसी मानकर घर पर ही खुद इलाज न करें, ऐसा करना घातक हो सकता है।


“माइक्रो कन्टेनमेंट बनाया जाए”
उन्होंने कहा कि गांव में किसी व्यक्ति की पॉजिटिव रिर्पोट आती है तो उसके घर को माइक्रो कन्टेंमेंट बनाया जाये। मइको कन्टेंन्मेंट बनाने के बाद नियमित मॉनीटरिंग भी की जाये ताकि उस घर के व्यक्ति बाहर न निकले। साथ ही उनके लिये दवाऐं एवं जांच का भी पर्याप्त इंतजाम हो।


“योग एवं व्यायाम”
उन्होंने कहा कि शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में योग एवं व्यायाम सहायक होते हैं। सभी लोगों को नियमित योग या व्यायामक रने के लिये जागरूक किया जाये। साथ ही खाने में पौष्टिक आहार लेने के लिये कहा जाए।

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