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आष्टा । आज भागवत कथा के तीसरे दिन संत श्री गोविंदजाने ने शरीर रूपी संसार के अंतरमन पर प्रकाश डाला । उन्होंने कहा शरीर के अंदर एक सूक्ष्म रूपी शरीर होता है उसके अंदर एक और मन रूपी अंतकरण होता है । जिसको हम वासना कहते हैं । पाप और पुण्य की गठरी वहीं पर बनती है, जहां पाप की गठरी बड़ी और पुण्य की गठरी छोटी होती है,वही बेचैनी और पाप बढ़ने लगता है । अगर आपका भक्ति भाव प्रबल होता है तो आप वासना को मिटा सकते हैं और शरीर को वासुदेव बना सकते हैं ।

काम क्रोध मोह लोभ यह सब वासना के पुत्र हैं । लाभ लालच हमारा लाभ बढ़ा देता है जिस स्थान पर रामायण का पाठ होता हो, वहां हमें कुछ समय गुजारना चाहिए । दूसरा जब गाय बछड़े को जन्म देती हो तब हमें गौ माता के चक्कर लगाकर उसकी सेवा में जुट जाना चाहिए । हर माता यह सोचती है कि मेरे घर पर एक कर्म सील बच्चा हो जिस घर में बेटा मां बाप के कामों में हाथ बटाए धर्म और कर्मों में हाथ बटाता हो भगवान के बताए गए मार्ग को प्राप्त करता हो, संत महंत भगवत के दर्शन जो पुत्र अपनी मां को करा दे, वह पुत्र संस्कारी और सर्वश्रेष्ठ गुण वाला होता है ।

ऐसे पुत्र आगे चलकर महाराणा प्रताप, चंद्रशेखर आजाद, स्वामी विवेकानंद और डॉ अंबेडकर की तरह जनहित के मार्गों को आदर्श बनाते हैं । जब स्वयं का भाई बेरी दिखने लगे तो किसी गुरुदेव की शरण में चले जाना । गुरुदेव आपकी नजर को बदल देंगे । जो भाई बाहरी है उसमें भी राम देखने लग जाता है । जो व्यक्ति पुण्य और धर्म के कार्यों में बाधा पहुंचाते हैं वह अगले जन्म में हिरण्या कश्यव रावण या कुंभकरण बनते हैं ।

अगर हमको स्वप्न में बहती नदी, गौ माता ,मंदिर के शिखर ,लाल कपड़े में शास्त्र ,जल से भरा घड़ा, दिखने लगे तो समझ लेना कि भगवान हमको याद कर रहे हैं । हमको मंदिर के दर्शन और सत्संग की ओर कदम बढ़ाने चाहिए । संघे शक्ति कलियुगे, संगठन में शक्ति होती है हमको एक साथ संगठित होकर रहना चाहिए । भाई भाई,समाज और समाज, जात-पात के नाम पर बटवारा करने वाले आपको बहुत सलाह देंगे । लेकिन आप संगठित रहेंगे तो हिंदुस्तान और हिंदू धर्म बलशाली होगा । जात-पात की करो विदाई हिंदू हिंदू भाई भाई। हमें कभी भी अपने नीति मार्ग को नहीं छोड़ना चाहिए ।

अगर आप नाम बड़ा चाहते हैं भगवान की चौखट पर झुक जाया करो प्रकृति की रक्षा करो प्रकृति हमारी बैंक है और हमारी बैंक को कभी हम कमजोर नहीं होने देंगे । परिवार की सुख समृद्धि चाहते हो तो भगवत के मार्ग को चुन लेना, हमारे मन के घर में कभी धन का अहम मत होने देना । अगर हमारा धन हमसे चला जाए नुकसान हो जाए तो दुखी मत होना ।

क्योंकि हमारे पुण्य, हमारा व्रत, हमारा कर्म जो फल है वह हमारा साथ देंगे । भक्त नरसिंह जैसा बेटा जिस परिवार में होता है उसकी हजारों पीढ़ियां तर जाती है । जिस परिवार में पतिव्रता बेटी पैदा होती है उसका मान सम्मान बढ़ जाता है । परिवार के समृद्धि बढ़ जाती है अगर बेटी बनो तो सावित्री झांसी की रानी शबरी सीता माता की तरह बन जाओ । आज कथा श्रवण करने कालापीपल विधायक घनश्याम चंद्रवंशी विशेष रूप से उपस्तिथ हुए।

आज कथा स्थल पर मेहरबान सिंह मुंडीखेड़ी, जीवन सिंह मंडलोई राजा मेवाड़ा चेतन सिंह ठाकुर, मनीष धरवा, जितेंद्र शोभाखेड़ी,कमल पांचाल,किरण रांका,पप्पू सोनी,चंदर ठेकेदार, लोकेंद्र सिसोदिया, योगेंद्र ठाकुर, देवराज परमार, प्रेम कटारिया, सुनील आर्य, सतीश सोनाणिया, पवन वर्मा, विष्णु वर्मा राजेंद्र सिंह ठाकुर संदीप पटेल अरविंद मेवाड़ा सज्जन सिंह सरपंच सहित बड़ी संख्या में वरिष्ठ जन उपस्तिथ थे ।

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