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आष्टा।प्रशासन ने जो कोरोना कर्फ्यू लगाया था,उसमे जो छूट दी थी,उसका नागरिको, व्यापारियों ने जम कर दुरुपयोग कर पूर्व में जो आदेश जारी किये थी उसकी जम कर धज्जिया उड़ाई जिसके कारण कल जिला प्रशासन को नई गाइडलाइन जारी करना पड़ी और दी गई छूट में बड़ी कटौती कर नये आदेश जारी किये।

काश ये लठ्ठ पहले उठाये होते….

आज सुबाह से ही प्रशासन सख्त नजर आया। काेराेना विस्फाेट का कारण, बाजार में मंगलवार को रही त्याेहार जैसी राैनक, बुधवार को सुबह पुलिस-प्रशासन अलर्ट होकर कोरोना कर्फ्यू काल में बिना काम के घुमने वाले लोगों को ना केवल फटकार लगाई अपितू 21 लोगों को खुली जेल में भेजा गया तथा 10 लोगों के खिलाफ धारा 188 का प्रकरण दर्ज कराया गया। एसडीएम विजय मंडलोई ने बताया कि चाहे पहले शादी ब्याह की अनुमति ले ली हो, लेकिन अब जो आदेश जारी किए गए हैं उसके अनुसार शादी ब्याह में 20 तथा अंतिम संस्कार में 10 लोग से अधिक नहीं होंगे शामिल।

शटर बन्द अंदर व्यापार,पकड़ने पहुचा पूरा अमला


मंगलवार काे बाजार में त्याेहारी सीजन जैसा माहाैल था। मंगलवार काे पैर रखने की जगह नहीं थी। वहीं दुकानाें में 5 लाेगाें की जगह 10-15 लाेगों की भीड़ बनी हुई थी। बुधवार की सुबह भी ऐसा ही नजारा देखने में आया और प्रशासन को सूचना मिली तो प्रशासन हरकत में आया। ऐसे हाल हाेने से काेराेना संक्रमण रुकने की जगह तेजी से फैल रहा है। जब प्रशासन की टीम पहुंची, तब जाकर लाेग दुकानों से बाहर निकले।

बस स्टैंड पर भी दिखी सख्ती

टोटल प्रतिबंध लगने एवं पूर्ण कर्फ्यू लागू होने की सूचना के बाद भी लगभग सभी मौहल्लों में कुछ व्यापारीयो द्वारा गलत फायदा उठाया जा रहा था। इसे लेकर प्रशासन हरकत में आया,पुलिस प्रशासन ने कार्रवाई कर दस लाेगों पर धारा 188 का प्रकरण दर्ज किया गया। वहीं जुर्माने की कार्रवाई के साथ 21 लोगों को खुली जेल में भेजा गया।

ऐसे ले गये खुली जेल की हवा खिलाने


काेराेना संक्रमण का कहर प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। वहीं दूसरी ओर आमजन और व्यापारी इस बात काे समझने काे तैयार नहीं हाे रहे हैं। मुनाफा कमाने के लिए संक्रमित हाेने के बाद भी व्यापारी व्यापार करने से नही चूक रहे है।
व्यापारी और आमजन की यह लापरवाही बड़ा काेराेना विस्फाेट कर सकती है।

शटर ऊंची,ग्राहक अंदर,बन्द में भी व्यापार चालू

कई दुकानो में अंदर व्यापार हो रहा है कि सूचना पर जब एसडीएम विजय मंडलोई, तहसीलदार रघुवीर सिंह मरावी पहुंचे ताे दुकान खुली हुई थी। इस पर पुलिस ने धारा 188 में प्रकरण दर्ज कराकर दुकान काे बंद कराया। हालांकि यह काफी नहीं है, आमजनाें की जिंदगी के साथ अपने मुनाफे के लिए खिलवाड़ करने वालाें पर कड़ी कार्रवाई हाेना चाहिए।

समझाइस देते प्रशासन की पूरी टीम


“आज से शादी-ब्याह में 20 लोग की अनुमति”
शादी-ब्याह के सीजन काे लेकर जिला क्राइसिस समिति की बैठक में दुकानदाराें काे राहत दी गई थी, लेकिन दुकानाें के खुलने के बाद जिलेभर में भीड़ बढ़ी। इससे काेराेना संक्रमण तेजी से फैला। इसे लेकर मंगलवार देर रात कलेक्टर अजय गुप्ता द्वारा संपूर्ण जिले में नई गाइडलाइन जारी की किया।
अब लाॅकडाउन 30 अप्रैल सुबह 6 बजे तक लागू रहेगा। इसमें किसी भी व्यक्ति काे घर से बाहर निकलने की छूट नहीं हाेगी।

कन्नौद रोड पर भी हुई कार्यवाही

वहीं शादी-ब्याह में मात्र 20 लोगों की अनुमति दी गई है तथा अंतिम संस्कार के कार्यक्रम में दस से अधिक लोग सम्मिलित नहीं हो सकेंगे। हालांकि कुछ रियायत दी गर्ई है। इसमें टीकाकरण के लिए आमजन और कर्मचारी आवागमन कर सकेंगे। उपार्जन केंद्र चालू रहेंगे। पेट्राेल पंप, गैस एजेंसी, सरकारी राशन दुकानें खुली रहेंगी। किराना दुकानें 24 और 28 अप्रैल को सुबह 9 से 11 बजे खुलेगी ।सब्जी दुकानें गली मोहल्ले, आवासीय कॉलोनी आदि में ठेले के माध्यम से बैच सकेंगे तथा दूध ,मिल्क पार्लर, डेरी प्रतिदिन सुबह 7 से 8 और शाम 6 से 7 बजे तक खुली रहेंगी।

प्रशासन का सख्त रवैया,नजर आया असर सड़के दिखी सुनी


बहार ताला अंदर ग्राहकों की भीड़।
कोरोना काल में कुछ लोगों द्वारा बरती जा रही लापरवाही अब सभी पर भारी पड़ने जा रही है। बुधवार से जिले में 30 अप्रैल की सुबह 6 बजे तक कोरोना कर्फ्यू रहेगा ,यानी टोटल लॉकडाउन। न तो किराना दुकानें खुल सकेंगी। दूध व्यापारियों को जरूर सुबह-शाम दोनों समय कारोबार के लिए छूट रहेगी।
कोरोना जरफीय का निर्णय लेने की सबसे बढ़ी वजह लगातार हो रही मौतें भी है। लापरवाही के चलते अधिकांश लोग प्राथमिक स्टेज की बजाए गंभीर होकर अस्पताल पहुंच रहे हैं।
“लगातार कार्रवाई फिर भी लापरवाही” पुलिस-प्रशासन ने सख्ती करना शुरू की। लापरवाहों पर जुर्माना लगाने व अस्थायी जेलों में बंद रखने के साथ ही एफआईआर की जाने लगी बावजूद वे बाज नहीं आए।

आज समझा रहे है,कल कार्यवाही भी हो सकती है


घटने की बजाए बढ़ने लगे केस इन सभी लापरवाहियों का दुष्परिणाम यह हुआ कि लॉकडाउन के बावजूद जिले में तेजी से केस बढ़ने लगे। अस्पतालों में बेड और चिकित्सा संसाधन बढ़ाने में मुश्किलें आने लगी।

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