
भोपाल। श्री दत्तात्रेय होसबोले को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह बनाये जाने पर सभी ओर स्वयंसेवको में खुशी का माहौल है। श्री दत्तात्रेय होसबोले का जन्म 01 दिसम्बर, 1955 को कर्नाटक के शिमोगा जिले के सोराबा तालुक़ में आपका जन्म हुआ। इन्होंने अंग्रेज़ी विषय से स्नातकोत्तर तक की शिक्षा ग्रहण की है। दत्तात्रेय होसबोले 1968 में 13 वर्ष की अवस्था में संघ के स्वयंसेवक बने और 1972 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े। अगले 15 वर्षों तक ये परिषद के अ. भा. संगठन मंत्री रहे। आप 1975 से 77 के जेपी आन्दोलन में भी सक्रिय थे और लगभग पौने दो वर्ष आपने ‘मीसा’ के अंतर्गत जेलयात्रा भी की। जेल में इन्होंने दो हस्तलिखित पत्रिकाओं का सम्पादन भी किया।

वर्ष 1978 में नागपुर नगर सम्पर्क प्रमुख के रूप में विद्यार्थी परिषद में पूर्णकालिक कार्यकर्ता हुए। विद्यार्थी परिषद् में आपने अनेक दायित्वों का निर्वहण करते हुए परिषद के राष्ट्रीय संगठन-मंत्री के पद को सुशोभित किया। गुवाहाटी में युवा विकास केन्द्र के संचालन में आपकी महत्त्वपूर्ण भूमिका रही।
अंडमान निकोबार द्वीप समूह और पूर्वोत्तर भारत में विद्यार्थी परिषद के कार्य-विस्तार में आपकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है ।
दत्तात्रेय होसबोले ने नेपाल, रूस, इंग्लैण्ड, फ्रांस और अमेरिका की यात्राएँ की हैं। सम्पूर्ण भारतवर्ष की असंख्य बार प्रदक्षिणा भी की है। अभी कुछ दिनों पूर्व नेपाल में आए भीषण भूकम्प के बाद संघ द्वारा भेजी गयी राहत-सामग्री और राहत दल के प्रमुख के नाते आप नेपाल गए थे।

वहाँ कई दिनों तक सेवा-कार्य किया था। वर्ष 2004 में ये संघ के अखिल भारतीय सह-बौद्धिक प्रमुख बनाए गये। तत्पश्चात् 2008 से सह-सरकार्यवाह के दायित्व पर कार्यरत रहें हैं।
दत्तात्रेय होसबोले मातृभाषा कन्नड़ के अतिरिक्त अंग्रेज़ी, हिंदी, संस्कृत, तमिल, मराठी, आदि अनेक भारतीय एवं विदेशी भाषाओं के मर्मज्ञ विद्वान हैं। श्री होसबोले लोकप्रिय कन्नड़-मासिक ‘असीमा’ के संस्थापक-संपादक हैं।
