कषाय व्यक्ति को दुर्भाग्य के पथ पर ले जाती, धर्म ढोंग की वस्तु नहीं, जीवन जीने की कला है- मुनि श्री अजीत सागर महाराज
आष्टा। भावनाओं का अदभुत प्रभाव रहता है। भावना अच्छी तो प्रभाव भी अच्छा होता है। मैना के पंचकल्याणक प्रतिष्ठा का समय आचार्य श्री ने दिया है। आपकी सद्भावना, विनती का…