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आष्टा। एक और नागरिक बाइक चोरी एवं बाइक चोरो से परेशान है,कोई मुखविर अगर पुलिस को सूचना देकर सहायता करता है तो पुलिस मुखविर की सूचना पर दौड़ती भी है, भागती भी है,पर जब सूचना पर कार्यवाही नही होती है तब मुखविरो का मनोबल टूट जाता है,ओर यही कारण है की फिर मुखविर पुलिस की सहायता,सूचना देने में आगे नही आते है। शायद 9 लाख 70 हजार की लूट,98 हजार से भरा झोला चोरी होना,अलीपुर में एक महिला के साथ लूट,वेयरहाउस से लाखो का चना चोरी होना जैसे अनेको मामलों का महीनों बाद भी कोई सुराग तक नही मिलने जैसे परिणाम ही सामने आते है।

क्योंकि मुखविर मौन हो जाते है। इस मामले में भी आष्टा पुलिस मुखविर की सूचना पर दौड़ी भी,भागी भी पर हुआ क्या..? सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार 8 नवम्बर को वाहन चैकिंग के दौरान मुखबिर ने आष्टा पुलिस को सूचना दी की आष्टा के एक मैकेनिक के पास जो एक बाइक है शायद वो चोरी की है,मैकेनिक ने उक्त बाइक को पत्थर गुराड़िया के किसी व्यक्ति से खरीदी है। वाहन चैकिंग के दौरान आई उक्त बाइक को आष्टा थाने ला कर बाइक एवं उसके सवार को थाने में बैठाया,9 नवम्बर को जब इस प्रतिनिधि ने आष्टा टीआई श्री सिद्धार्थ प्रियदर्शन से जानकारी चाही तब उन्होंने बताया की मुखविर की सूचना पर उक्त बाइक सवार को बाइक के साथ लाये है,खबर आई थी की उक्त बाइक संदिग्ध है,जिसकी खरीदी बिक्री हुई है,बाइक सवार ने बाइक का जो कार्ड बताया है उससे बाइक का चेचिस-इंजन नम्बर तो मिल रहा है,बाइक सवार व्यक्ति से गाड़ी के खरीदी के दस्तावेज एवं किससे खरीदी उसका नाम पता आदि की जानकारी मांगी गई है,उसने दो दिन में उपलब्ध कराने का भरोसा दिया है,इसलिए उसे छोड़ा गया है,अगर सभी दस्तावेज व मांगी अन्य जानकारी सही निकलती है तो छोड़ेंगे नही तो उस पर कार्यवाही की जायेगी।


दूसरे दिन सूत्रों से खबर आई की उक्त गाड़ी बाइक सवार ले कर गया।
इस मामले में दो कांग्रेस के नेताओ का बड़ा अहम रोल होने की खबर है ।
खबर है की दो दिन का समय मांगने वाले बाइक सवार ने 6 दिन बाद भी आष्टा पुलिस को कोई जानकारी,दस्तावेज उपलब्ध नही कराये,ना ही उस व्यक्ति को आष्टा टीआई के सामने पेश किया जिससे बाइक सवार ने गाड़ी खरीदना बताया था।
अब सूत्रों से खबर आई कि उक्त गाड़ी वापस आष्टा थाने पहुच गई है,ऐसा लग रहा है जैसे ये बाइक बाइक नही फुटवाल हो,जो इधर से उधर भटक रही है.!
जब टीआई द्वारा समय मौका सब दिया उसके बाद भी बाइक सवार उक्त व्यक्ति कोई जानकारी क्यो नही दे पा रहा है।
वही आज तक पुलिस यह बताने की स्तिथि में क्यो नही है की उक्त गाड़ी चोरी की है या उसके सब दस्तावेज पूरे है.? वो संदिग्ध नही है।
अगर गाड़ी के सब दस्तावेज होते तो वो गाड़ी आज तक थाने में खड़ी ही नही होती। उक्त गाड़ी थाने में ही है इसका साफ मतलब है की उसके दस्तावेज वा उसे बेचने वाला सामने नही आ रहा है,मतलब दाल में काला है,जब दाल में काला है तो दाल(मामले) को आष्टा पुलिस(दर्ज) साफ क्यो नही कर रही है..!


ऐसा लग रहा है की उक्त गाड़ी आष्टा पुलिस के लिए कही गले की हड्डी तो नही बन गई है.?
इस बाइक वाले मामले में कुछ काफी चिंता में भी है वे क्यो चिंतित है ये भी एक बड़ा प्रश्न है।
हमारे सूत्रों से खबर है की उक्त बाइक को ग्राम पत्थर गुराड़िया के किसी व्यक्ति ने किसी मैकेनिक को बेची है,जिस दिन बाइक को वाहन चैकिंग के दौरान पकड़ा था उस दिन बाइक पर नम्बर प्लेट लगी थी,कल जब उक्त बाइक वापस थाने पहुची तब उस बाइक पर नम्बर प्लेट गायब हो गई है ये भी जांच के साथ कई शंका कुशंका का विषय है। कुछ भी हो इस बाइक ने कईयों को परेशान कर रखा है।

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