मुनिश्री के प्रवचन……आज व्यक्ति के मन में करुणा नहीं है,अपने स्वार्थ के लिए व्यक्ति को रौंदने में भी व्यक्ति देर नहीं करता, धर्म नीति कहती हैं कि सभी को आगे बढ़ाएं–मुनिश्री निष्कंप सागर महाराज
आष्टा। गृहस्थ वह है जो भगवान,देव,शास्त्र और गुरु तथा अपने परिवार से ही प्रीति करता है।पड़ोसी का भी पूरा ध्यान रखें,वह दुःख में है तो उसकी सेवा करें, भले ही…