भोपाल । मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में प्रति माह एक लाख लोगों को रोजगार मिले ऐसी व्यवस्था करना आवश्यक है। इसके लिए औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों का प्रभावी संचालन सुनिश्चित करना जरूरी है, जिससे यहाँ के विद्यार्थियों का शत-प्रतिशत प्लेसमेंट हो सके। रोजगार, आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण का प्रमुख स्तम्भ है। प्रत्येक जिला अपने परिवेश के अनुसार अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए कार्य-योजना बनायें और उसे समय-सीमा में क्रियान्वित करें। प्रत्येक जिले में रोजगार मेलों का आयोजन हो और इसका विस्तार विकासखंड स्तर तक करें। मुख्यमंत्री श्री चौहान मंत्रालय से सभी कमिश्नर, कलेक्टर, आई.जी. तथा एसपी स्तर के अधिकारियों की वीडियो कॉन्फ्रेंस के द्वितीय सत्र को संबोधित कर रहे थे।
वीडियो कॉन्फ्रेंस में मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस तथा पुलिस महानिदेशक श्री वी.के. जौहरी उपस्थित थे।
द्वितीय सत्र में स्वच्छता संर्वेक्षण-2021, गो-सेवा योजना, रोजगार मेलों के आयोजन, मनरेगा योजना, यूरिया व खाद की उपलब्धता, मिलावट से मुक्ति अभियान, वनाधिकार पट्टों के वितरण, गेहूँ उपार्जन, नवीन गौण खनिज नियमों के क्रियान्वयन, जल-जीवन मिशन, अटल भू-जल योजना, चिट फंड कंपनियों, अवैध शराब के विरूद्ध कार्रवाई और बालिकाओं तथा महिलाओं के विरूद्ध अपराध संबंधी प्रकरणों की समीक्षा की गई।
स्वच्छता सर्वेक्षण-2021
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सफाई कर्मियों के वेतन भुगतान में किसी भी स्थिति में विलंब न हो। उन्होंने कहा कि सभी जिले स्वच्छता के लिये अपना प्रर्दशन सुधारने के लिए स्थानीय जन-प्रतिनिधियों, समाजिक संगठनों तथा नागरिकों के सहयोग से प्रयास करें। स्वच्छता को जन-आंदोलन बनाना आवश्यक है। समीक्षा में छतरपुर में चले 168 घंटे के सफाई अभियान और इंदौर में सीवेज सुधार की दिशा में हुये कार्य पर चर्चा हुई। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने पेय-जल और सीवेज पर विशेष रूप से ध्यान देने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सभी के समन्वित प्रयास से ही प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर आयेगा।
“गो-सेवा योजना”
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि छोटी गो-शालाओं को मिलाकर बड़ी गो-शाला का निर्माण किया जाये। प्रत्येक जिले में एक आदर्श गो-शाला विकसित हों और सभी गो-शालाओं में पशुधन के लिए चारे व पानी की निरंतर व्यवस्था बनाये रखें। गो-मूत्र एवं गोबर का उचित उपयोग कर विभिन्न उत्पाद निर्मित किये जाये। समीक्षा में जानकारी दी गई की 22 जिलों में 86 बड़ी गौशालाएँ चयनित हैं। मुख्यमंत्री गो-सेवा योजना के अंतर्गत 570 गो-शालाओं का संचालन स्व-सहायता समूहों तथा 627 गो-शालाओं का संचालन स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से किया जा रहा है।
“रोजगार मेले”
समीक्षा में जानकारी दी गई की गत वर्ष 197 रोजगार मेलों का आयोजन किया गया। इनमें 53 हजार 329 आवेदकों को रोजगार प्राप्त हुआ। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि रोजगार सेतु पोर्टल के माध्यम से प्रवासी श्रमिकों के साथ-साथ अन्य इच्छुक व्यक्तियों के पंजीयन की व्यवस्था की जाये।
“वनाधिकार पट्टा”
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा है कि वन भूमियों में काविज गरीब, अनुसूचित जनजाति और परंपरागत वनवासियों को वन अधिकार पट्टा देने में संवेदनशीलता से कार्य किया जाए। कई परिवारों के पास भूमि में कब्जे का कोई भी दस्तावेज नहीं होता है। ऐसे प्रकरणों में संवेदनशीलता के साथ जाँच कर वन अधिकार पट्टे प्रदान किए जाएँ। कलेक्टर और वन मंडल अधिकारी इस पर विशेष ध्यान दें। बताया गया कि पुनरीक्षण में 30 हजार 390 दावों को मान्य किया गया है। प्रदेश के खरगोन, रतलाम, बड़वानी, सिंगरौली, बैतूल और शिवपुरी जिलों में अच्छा कार्य हुआ है।
“ग्राम पंचायत में प्रदर्शित की जाए किसानों की सूची”
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि गेहूँ के उपार्जन की सभी व्यवस्थाएँ सुनिश्चित कर ली जाएं। किसानों को परेशानी नहीं हो। उन्हें समय पर भुगतान मिले। उपार्जन के दौरान मौसम खराब होने पर बारिश होती है । ऐसे में गेहूँ भीगे नहीं, इसके लिए भी इंतजाम किए जाएं।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिए कि ऐसे दोषी व्यक्तियों को चिन्हित कर उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाए, जिनकी वजह से किसानों को उपार्जन में बेचे गए खाद्यान्न का मूल्य अब तक नहीं मिल पाया है। इस दिशा में ग्वालियर में दोषी व्यक्ति की संपत्ति जप्त कर उसकी नीलामी कर किसान को उसके द्वारा बेचे गए खाद्यान्न का मूल्य प्रदान किया गया।मुख्यमंत्री श्री चौहान ने रायसेन, नरसिंहपुर सहित अन्य जिलों के कलेक्टर को निर्देश दिए कि कई वर्ष पूर्व के लंबित भुगतान के प्रकरणों का निराकरण शीघ्रता से करें।
मुख्य सचिव ने बताया कि गेहूँ के उपार्जन के लिए समितियों के अलावा निजी गोदामों के स्वामी निजी व्यक्ति को भी उपार्जन का कार्य सौंपा जाना है। लेकिन ऐसे व्यक्तियों का चयन सतर्कता से किया जाए। जिले के कुछ उपार्जन केंद्रों के लिए स्व-सहायता समूह और किसानों की संस्था को ही उपार्जन की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।
बताया गया कि गेहूँ उपार्जन के लिए अब तक प्रदेश में 7 लाख 22 हजार किसानों का पंजीयन हो चुका है, जिसका सत्यापन भी हो रहा है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सत्यापन के बाद किसानों की सूची ग्राम पंचायत में प्रदर्शित की जाए।
“जल-जीवन मिशन”
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जल-जीवन मिशन के अंतर्गत सितंबर 2023 तक मध्यप्रदेश के प्रत्येक गाँव के प्रत्येक घर तक नल के माध्यम से शुद्ध पेयजल पहुँचाने का लक्ष्य प्राप्त करना है। इस महत्वाकांक्षी कार्यक्रम से ग्रामीणों का जीवन स्तर सुधरेगा और स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। रोजगार के अवसर सृजित होंगे। इस समय मिशन के कार्यों में प्रदेश देश में तीसरे स्थान पर हैं। 26 लाख नल कनेक्शन 31 मार्च 2021 तक लग जाएंगे।
“अटल भू-जल मिशन”
अटल भू-जल मिशन के तहत सागर संभाग के 6 जिलों छतरपुर, दमोह, पन्ना, सागर, निवाड़ी और टीकमगढ़ के 9 विकासखंडों नौगांव, राजनगर, छतरपुर, पथरिया, अजयगढ़, सागर, निवाड़ी, पलेरा और बल्देवगढ़ को शामिल किया गया है। योजना के तहत 1210 ग्रामों का वाटर सिक्योरिटी प्लान बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने जन-प्रतिनिधियों के सहयोग से भू-जल स्तर बढ़ाने की इस योजना का सफल क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
“समर्थन मूल्य पर खरीदी”
खाद्यान्न उपार्जन में अनियमितता के कारण प्रदेश में 48 एफआईआर दर्ज की गई औऱ 5203 क्विंटल सामग्री जब्त की गई। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि अगर हम सख्त रहेंगे तो खाद्यान्न उपार्जन में कोई गड़बड़ी नहीं करेगा। यदि ढील दी गई तो गड़बड़ी की संभावना बढ़ जाती है। गड़बड़ी करने वालों को सज़ा दिलवाएँ। उपार्जन के दौरान अनियमितताओं पर ग्वालियर कलेक्टर ने त्वरित व अच्छी कार्यवाई की है
“खनिज परिवहन”
खनिज के अवैध परिवहन की रोकथाम के लिए अब तक पूरे प्रदेश में 461 एफआईआऱ दर्ज हुई। गौण खनिज के अवैध परिवहन की रोकथाम में इंदौर, सतना, बालाघाट प्रथम तीन जिलों में रहे, शहडोल, उमरिया, कटनी, सागर का कार्य संतोषजनक रहा। अवैध उत्खनन, परिवहन, भंडारण के प्रकरणों के निराकरण में इंदौर, खरगौन, बालाघाट प्रथम तीन जिले रहे, शहडोल, शिवपुरी, सागर अंतिम तीन जिलों में रहे।
“मिलावट से मुक्ति”
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मिलावट भयावह अपराध है। इसके विरूद्ध पूरी ताकत से कार्यवाही आवश्यक है। बैठक में बताया गया कि मिलावटखोरों पर 204 एफआईआऱ, 28 एनएसए, 94 खाद्य प्रतिष्ठान सील किये गये, 78 के लाइसेंस रद्द किये और 6 अवैध फैक्ट्रियाँ तोड़ी गई। खाद्यान्न एवं राशन वितरण में गड़बड़ी करने वालों के विरूद्ध 137 प्रकरण दर्ज किए गए और 7 करोड़ 99 लाख की सामग्री जब्त की गई।
“चिटफंड कंपनी के विरुद्ध कार्यवाई”
कटनी में चिटफंट कंपनी की 150 करोड़ की 75 एकड़ भूमि कुर्क की गई। ग्वालियर में चार संपत्तियाँ जिसकी कीमत लगभग 67.37 लाख रूपये है, नीलामी की गई। मंदसौर में 37 करोड रूपये, सिंगरौली में 10 करोड़ रूपये कीमत की 22 हेक्टेयर भूमि, बड़वानी में 9 करोड़ रूपये, उज्जैन में 7 करोड़ 75 लाख रूपये, छतरपुर में 3 करोड़ 46 लाख रूपये, देवास में 3 करोड़ 63 लाख रूपये और अलीराजपुर में 3 करोड़ 16 लाख रूपये मूल्य की संपत्तियाँ कुर्क की गई। बैठक में चिटफंड कंपनी के विरूद्ध कार्यवाई कर निवेशित राशि वापस कराने के संबंध में विस्तृत निर्देश दिए गए।
“अवैध शराब के विरुद्ध कार्यवाई”
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में नशा मुक्ति अभियान व्यापक स्वरूप में चलाया जाए। अवैध शराब के विरूद्ध आक्रमक रूप से अभियान चलाये तथा ऐसी शराब जो लोगों के जीवन से खिलवाड़ करती हो, उसके व्यापार में लगे व्यक्तियों को किसी भी स्थति में छोड़ा न जाए। समीक्षा बैठक में अवैध शराब के प्रकरणों में पाइजन एक्ट के अंतर्गत कार्रवाई पर विचार-विमर्श हुआ। बैठक में जानकारी दी गई कि अक्टूबर से दिसम्बर तक 20 हजार 835 प्रकरण दर्ज किए गए, जिसमें 61 हजार 723 लीटर देशी और 28 हजार 916 लीटर विदेशी शराब, 1 लाख 34 हजार 475 लीटर कच्ची शराब जप्त की गई। इस कार्यवाई में 20 हजार 393 लोगों की गिरफ्तारी की गई है। देशी-विदेशी अवैध शराब के विरुद्ध कार्यवाही करने में जबलपुर, झाबुआ, राजगढ़, मुरैना और इंदौर जिला आगे रहे।