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सीहोर । सीहोर जिले के एक छोटे से ग्राम अल्हादाखेड़ी की रहने वाली उमा विश्वकर्मा आज अपने गाँव के लिए प्रेरणा बनकर उभरी हैं। ये अपने गाँव की पहली “बैंक-सखी” बनकर अपने गाँव को बैंकिंग से संबंधी सुविधाऐं प्रदान कर रही है। जिसमें एयरटेल पे एवं जेसी पे के माध्यम से मनी ट्रांस्फर एवं शासकीय बीमा संबंधी लेनदेन की सुविधा प्रदान कर रही हैं। उमा विश्वकर्मा स्नातक तक पढ़ी हैं। वे अपने छ: सदस्यीय परिवार की जिम्मेदारी उठाने में भी सहयोग दे रही हैं। उनके परिवार में सास ससुर, पति, देवर व एक पुत्र।

बैंक सखी “उमा” बनी सफलता की कहानी….

उमा के पति बढ़ई का काम करते हैं। 6 सदस्यीय परिवार का भरण-पोषण करने में उमा को पहले कठिनाई का सामना करना पड़ता था परन्तु अब आत्मनिर्भर बनकर वह परिवार के लिए आर्थिक योगदान दे रही हैं। उमा बताती है कि वह अपनी कमाई का कुछ हिस्सा जोड़ रही है जिससे वह अपने पुत्र को बेहतर शिक्षा प्रदान कर सकें।  वे स्वसहायता समूह में सदस्य के रूप में जुड़ी हुई हैं जिसका नाम है “ज्योति स्वसहायता समूह” । इस कार्य को करने के लिए इन्होने “रूरल सेल्फ एम्‍प्लॉयमेंट ट्रेनिंग इन्स्टीटयूट” द्वारा बिजनेस करिस्पोंडेंट (बैंक सखी) की ट्रेनिंग ली।

जिससे वह ग्राम पंचायत में बैंकिंग से संबंधी सुविधाएं प्रदान कर रही हैं। वे आयुष्मान-कार्ड, आधार-कार्ड, पेन-कार्ड, बनाने के साथ ही ऑनलाईन संबंधी समस्त कार्य कर ग्रामवासियों को सुविधा प्रदान कर रही हैं । स्व सहायता समूह के द्वारा ही इन्हें आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा मिली है। एवं समूह के द्वारा ड्रेस सिलने आदि का कार्य भी इन्हें मिलता है जिससे वे अपने परिवार का संबंल बन रही हैं।

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