
आष्टा। सभी अपने कर्तव्यों का पालन करें तो कानून और पुलिस की आवश्यकता नहीं। सही मायने में गणतंत्र दिवस मनाना तब सार्थक है जब किसी भी जीव को कष्ट नहीं दे। गंदगी नहीं करें, स्वच्छता अभियान चलाने की आवश्यकता नहीं। गायों की चिंता करें, प्लास्टिक पर रोक नहीं।

सब्जी वाले का चालान बनाते हैं,प्लास्टिक फैक्ट्री पर कार्यवाही क्यों नहीं करती सरकार। अंधेर नगरी चोपट राजा वाली कहावत चरितार्थ हो रही है। स्वाधिन भारत में रह रहे हैं,महावीर भगवान के सिद्धांतों का पालन करें। राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस है।शासन नायक महावीर भगवान है।

आज भारत देश में संविधान कानून लागू हुआ था। स्वतंत्र और स्वच्छंद में अंतर है। आचार्य भगवंत विद्यासागर महाराज देश को सोने की चिड़िया बनाना चाहते थे, प्रतिभा स्थली पांच स्थानों पर बनवाईं। वहां सभी लाभ ले रहे हैं। महावीर स्वामी का गणतंत्र समझ लो, आपको नरक नही जाना पड़ेगा।


उक्त बातें नगर के श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन दिव्योदय अतिशय तीर्थ क्षेत्र किला मंदिर पर संत शिरोमणि आचार्य विद्यासागर महाराज एवं नवाचार्य समय सागर महाराज के परम प्रभावक शिष्य मुनिश्री निर्णय सागर महाराज ने आशीष वचन देते हुए कहीं।

आपने कहा कि जिनवाणी का भी सम्मान करना चाहिए।जिस प्रकार आपने राष्ट्रीय ध्वज सम्मान फहराया,उसी प्रकार धर्म आराधना करें।एक कुख्यात चोर को पुलिस पीछा कर पकड़ना चाह रही थी।वह आगे और पुलिस पीछे।

आगे एक स्कूल में राष्ट्रीय ध्वज फहराकर राष्ट्रगान हो रहा था उस दौरान में रुका और पुलिस ने मुझे गिरफ्तार किया,संविधान किसने तोड़ा,न्यायाधीश से चोर ने कहा। न्यायाधीश ने पुलिस को फटकार लगाई। मुनिश्री ने कहा बच्चों की मां हो कि कुमां, प्लास्टिक की बाटल,टीपन में बच्चों को पानी व लंच देते हो।

जमीन पर बैठने वाले जागीरदार। सीता, अंजना कैसी भारतीय नारी थी,आज महिलाएं दुपट्टा नहीं ओढ़ती है। जैन पहले संविधान का पालन करते हैं। अचोरी व्रत का पालन करें।कम तोलना, मिलावट करना यह भी चोरी में आता है।खाद्य पदार्थों में मिलावट हो रही है। बच्चों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं।

ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करें। ब्रह्मचारी व संयम का पालन करना चाहिए। दिन-रात मेहनत करके कमाने में लगे हैं,जब परिवार नहीं रहेगा तो यह धन किस काम का। मंदिरों की रक्षा करें। साधु बने नहीं और श्रावक धर्म का पालन नहीं कर रहे हैं।

मुनिश्री ने कहा आपको परिवार, समाज की चिंता करना चाहिए। हुकमचंद सांकला का उल्लेख किया। विदेशी, पाश्चात्य संस्कृति देश में बड़ रही है। कानून में संशोधन जरूरी है। माता पिता को भी अधिकार मिलना चाहिए ।


बेटा-
बेटी को 18 साल की आयु होने पर निर्णय लेने का अधिकार है, तो माता- पिता को उनके अधिकार क्यों समाप्त हो जाते हैं। माता -पिता के निर्णय बच्चों के हित में होते हैं,उनका अनुभव का लाभ लेवें। देश का संविधान बहुत बड़ा है।

देश के कर्णधार संयम का उपदेश देवें। सभी से संयम का पालन कराएं। वसुदेव कुटुम्ब का पालन करें। नरेन्द्र मोदी मेरे पास आए तो यह सलाह दूंगा कि एक परिवार में एक मकान और एक वाहन कराएं। आत्मा ही आत्मा का परिग्रह है।

धर्मोपदेश दो, पापोंदेश मत दो। गांधी जी के तीन बंदर बुरा मत देखो, बुरा मत बोलो और बुरा मत करो। जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर 1008 श्री ऋषभदेव आदिनाथ भगवान का मोक्ष कल्याणक महापर्व महोत्सव माघ कृष्ण चतुर्दशी 28 जनवरी मंगलवार को प्रातः 7.30 बजे सभी दिगंबर जैन मंदिरों में मनाया जाएगा।

किला मंदिर पर परम पूज्य श्रमण श्री निर्णय सागर जी महाराज व क्षुल्लक श्री अटल सागर जी महाराज ससंघ के पावन सानिध्य में मनाया जाएगा।

मंगलवार प्रातः 7.30 बजे से(पांडाल में) नित्य अभिषेक,शांतिधारा एवं श्री ऋषभदेव भगवान की पूजन एवं प्रातः 8.30 बजे सामूहिक निर्वाण लाडू दोनों प्राचीन चमत्कारी आदिनाथ भगवान की प्रतिमाओं के समक्ष लाभार्थी परिवारों द्वारा समर्पित किए जाएंगे।

प्रातः 9 बजे पूज्य महा मुनिराज की दिव्य देशना -प्रातः 10 बजे आहार चर्या होगी।श्री दिगंबर जैन पंचायत समिति एवं श्री मुनि सेवा संघ समिति आष्टा ने समस्त धर्मानुरागी बंधुओं , माताओं -बहनो से निवेदन किया कि कार्यक्रम में अधिक से अधिक संख्या में पधार कर पुण्य लाभ अर्जित करें।
