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आष्टा । आज प्रातः करीब 8 बजे आष्टा पुलिस को सूचना मिली की शांति नगर निवासी मनोज परमार एवं उसकी पत्नि नेमा(नेहा) परमार ने अपने शांति नगर कार्यालय वाले मकान में फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली है । सूचना के बाद एसडीओपी आकाश अमलकर,टीआई रविन्द्र यादव मौके पर पहुचे । परिजनों को सूचना दी। परिजनो के आने के बाद शव का पंचनामा बना कर दोनों के शव सिविल अस्पताल भेजे गये जहां परीक्षण के बाद दोनों शव पीएम के लिये भेजे गये।

स्मरण रहे
दिनांक 05-12-24 को ED भोपाल के क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा मनोज परमार के घर पर व अन्य ठिकानों पर रेड डाली थी। तलाशी के दौरान ईडी की टीम ने विभिन्न दस्तावेजों चल /अचल सम्पत्तियों को विवरण ज़ब्त किया था तथा मनोज परमार का बैंक खाता भी सीज किया था जिसमे करीब 3.5 लाख रुपये फ़्रीज़ कर दिए गए थे । ईडी ने इसकी एक प्रेस विज्ञप्ति भी जारी की थी।


आज 13-12-24 को मनोज परमार उम्र 42 साल निवासी हरसपुर थाना इछावर जिला सीहोर हाल निवास शांति नगर आष्टा एवं उसकी पत्नि
नेमा(नेहा) परमार पति मनोज परमार उम्र 40 साल निवासी हरसपुर थाना इछावर हाल निवास शांति नगर आष्टा ने अपने कार्यालय वाले घर मे फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली।


स्मरण रहे मनोज परमार एवं उसके बच्चों की गुल्लक टीम पर ईडी की रेड के बाद भाजपा के प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने कांग्रेस पर बड़ा हमला बोला था और कई प्रश्न खड़े किये थे
घटना के बाद एसडीओपी आकाश अमलकर ने प्रेस को बताया कि

आज प्रातः 8.30 बजे सूचना मिली थी कि मनोज परमार एवं उसकी पत्नि नेमा(नेहा) परमार ने अपने शगुन गार्डन के पास वाले घर मे आत्महत्या कर ली है। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुची । उसके घर से एक मृत्यु पूर्व लिखा सुसाइट पत्र मिला है जिसे जप्त कर लिया है। मर्ग कायम कर जांच शुरू की जायेगी।


वही मनोज परमार के भाई राजेश परमार एवं पुत्र जतिन परमार ने बताया की जब से ईडी की रेड पड़ी थी उसके बाद से ही मनोज परमार मानसिक तनाव में थे,उन पर तरह तरह से कई तरह के दवाब भी थे । भी राजेश का आरोप है कि जिस मामले में वो जेल काट कर आ चुका था

ईडी ने फिर उन्हीं मुद्दों को लेकर जांच शुरू की थी,पुत्र जतिन ने प्रेस से चर्चा में आरोप लगाया की ईडी ने जो कार्यवाही की उसके पीछे भाजपा का दवाब था। मेरे पापा पर इन सब का काफी प्रेशर था ओर वे मानसिक रूप से परेशान थे यही कारण रहा कि उन्होंने यह कदम उठाया है। मनोज परमार आष्टा में कई मामलों में चर्चित चेहरा रहा है।

भाई राजेश परमार ने कहा वो मनोज तनाव में था…


स्मरण रहे मनोज परमार कांग्रेस समर्थक था,उनके बच्चों की गुल्लक टीम राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में काफी सक्रिय थी,यात्रा के दौरान गुल्लक टीम ने राहुल गांधी को यात्रा के दौरान गुल्लक भी भेंट की थी । वही ईडी की रेड के बाद भाजपा प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने कांग्रेस से मनोज परमार की नजदीकियों को लेकर कई प्रश्न खड़े किये थे ।
घटना की सूचना के बाद पूरा प्रशासन,पुलिस अमला अलर्ड नजर आया।


पीएम के दौरान बड़ी संख्या में समाज बंधु,कांग्रेस के नेता मौके पर पहुच गये थे। मनोज परमार के भाई राजेश परमार ने
बताया कि कल मनोज परमार बगलामुखी के दर्शन करने सापरिवार गया था,रात्रि में लौटे उसके बाद सभी ने घर पर खाना खाया और उसके बाद आज प्रातः यह दुखद खबर आई ।

“5 दिसम्बर को मनोज परमार के आष्टा निवास व उसके अन्य ठिकानों पर ईडी ने जो कार्यवाही की थी,उसको लेकर ईडी ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की थी,जो अंग्रेजी में थी उसका हिंदी अनुवाद इस प्रकार था”

“ईडी द्वारा अंग्रेजी में जारी की प्रेस रिलीज का हिंदी अनुवाद”

           प्रेस रिलीज

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), भोपाल जोनल कार्यालय ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत मनोज परमार और अन्य के मामले में मध्य प्रदेश के सीहोर और इंदौर जिलों में स्थित 04 परिसरों पर 05.12.2024 को तलाशी अभियान चलाया है। , 2002. तलाशी में उन प्रमुख व्यक्तियों के आवासीय परिसरों को शामिल किया गया जो अपराध की आय के लाभार्थी थे या जिन्होंने बैंक धोखाधड़ी में ऐसे व्यक्तियों को सक्रिय रूप से सहायता/प्रेरित किया था। तलाशी के दौरान विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज और अचल/चल संपत्तियों का विवरण मिला और जब्त कर लिया गया।

तलाशी के दौरान कुछ व्यक्तियों के बयान दर्ज किए गए और रुपये का बैंक बैलेंस दर्ज किया गया। 3.5 लाख रुपए फ्रीज कर दिए गए हैं। तलाशी के दौरान प्रमुख व्यक्तियों की 04 अचल संपत्तियों का विवरण भी मिला।
ईडी ने पीएनबी के वरिष्ठ शाखा प्रबंधक यानी मार्क पायस करारी और मनोज परमार के खिलाफ आईपीसी, 1860 की विभिन्न धाराओं के तहत सीबीआई, भोपाल द्वारा दर्ज एफआईआर/चार्जशीट के आधार पर जांच शुरू की।

एफआईआर और आरोप पत्र की जांच से पता चला कि धनराशि रु। प्रधान मंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) और मुख्यमंत्री युवा उधमी योजना (सीएमवाईयूवाई) योजनाओं के तहत ऋण के रूप में 6 करोड़ (लगभग) का लाभ उठाया गया था, लेकिन इसका दुरुपयोग किया गया।
जांच के दौरान, बैंक खाते के विश्लेषण से पता चला कि बैंक फंड को विभिन्न स्वामित्व वाली कंपनियों/फर्मों में भेज दिया गया था और बाद में संपत्तियों में निवेश के उद्देश्य से नकद में निकाल लिया गया था।
आगे की जांच जारी है.

“जिस घर मे मनोज रहता था उसे छोड़,उसने आत्महत्या के लिये अपने कार्यालय वाले मकान को क्यो चुना..?”

आत्महत्या कर अपनी व अपनी पत्नि की जीवन लीला समाप्त करने वाला मनोज परमार एवं उसकी पत्नि ने जिस मकान में आत्महत्या की वे उस मकान में नही रहते थे। उनका निवास आष्टा की शांति नगर में ही था। जो उसका निवास है,ईडी की रेड भी उस ही निवास वाले मकान में पड़ी थी ।

प्रश्न ये उठता है की रात्रि में मनोज बगलामुखी माता जी के सापरिवार दर्शन कर घर लौटा,परिवार के साथ भोजन किया फिर वो कब उस दूसरे मकान पर गया,आत्महत्या के लिये अपने कार्यालय वाले मकान को क्यो चुना,सबसे पहले किसने देखा,जिस स्थान पर इन दोनों के शव उतार कर रखे वही पर चाय के दो कप रखे नजर आ रहे है तो क्या घटना के पूर्व चाय पी गई थी,क्या उस स्थल पर चाय बनाने का सामान,किचन है,क्या वहां कोई नोकर,

कर्मचारी कार्य करता है,या यहा इस मकान में कोई और भी रहता है,ये दोनों इस मकान पर कितनी बजे आये थे,जिस रास्ते से ये ऊपर गये वहां की शटर भी आधी खुली थी जब ये दोनों इस रास्ते से ऊपर गये तब शटर पूरी लगा कर लॉक करके गये थे क्या,अगर लगा कर गये थे तो शटर आधी खुली कैसे थी,क्या कोई यहा से बहार निकला था क्या या ये दोनों जब ऊपर गये तो शटर खुली ही छोड़ गये थे.? ये ओर ऐसे कई प्रश्न है जो खुलासा होना मांग रहे है,निश्चित ये जांच के भी बिंदु हो सकते है।

“आत्महत्या के पूर्व जो पत्र लिखा जिसे करीब 17 स्थानों पर भेजा उस पत्र में लिखी भाषाशैली का भी जांच में अध्ययन हो..!”

मनोज परमार एवं उनकी पत्नि द्वारा आत्महत्या के बाद मौके से जो करीब 5 पेज का पत्र जिसे सुसाइट नोट के रूप में पुलिस ने जप्त किया है,उस पत्र में मनोज परमार ने जो लिखा है,जिस भाषाशैली के तहत लिखा है वो भी जांच का बिंदु है क्योंकि इसमें जो लिखा है,जो मुद्दे उठाये गये उसकी गहराई में जाने की जरूरत है

कही ऐसा तो नही की इस मामले की दिशा को किसी ओर तरह मोड़ा जा रहा है।
कुछ भी हो घटना बड़ी दुखद है ।
घटना के बाद मप्र कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री जीतू पटवारी आष्टा पहुचे ओर वे पूरे समय जब तक दोनों मृतकों का पीएम नही हुआ पीएम रूम के बहार ही मृतक मनोज परमार के दोनों पुत्रों के साथ उपस्तिथ रहे।

“ये आत्महत्या नही सरकारी हत्या है-जीतू पटवारी”

घटना के बाद आष्टा पहुचे प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष श्री जीतू पटवारी ने प्रेस से चर्चा में कहा ये आत्महत्या का मामला नही है ये सरकारी हत्या है। हम सब पूरी कांग्रेस मनोज परमार के परिवार के साथ खड़े है। प्रदेश स्तर पर इस मामले को ले जायेंगे । इस दौरान कांग्रेस के जिला अध्यक्ष सहित सभी स्थानीय वरिष्ठ नेता भी उपस्तिथ रहे।

“बड़े ही गमगीन माहौल में हुआ अंतिम संस्कार”

पीएम के बाद मृतक मनोज परमार एवं उनकी पत्नि नेमा (नेहा) परमार का शव उनके गृह ग्राम हरसपुर(इछावर) ले जाया गया। जहां बड़े ही गमगीन माहौल में उनका अंतिम संस्कार किया गया

इनका कहना है…

आज प्रातः सूचना मिली कि शांति नगर निवासी मनोज परमार एवं उनकी पत्नी नेमा(नेहा) परमार ने अपने शांति नगर वाले निवास पर आत्महत्या कर ली है,सूचना पर पुलिस मौके पर पहुची,पंचनामा बना कर शव पीएम के लिये भेजे है,मौके से एक सुसाइट नोट मिला है जिसे जप्त किया गया है,मर्ग कायम कर जांच शुरू की है-श्री आकाश अमलकर एसडीओपी आष्टा

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